Toxic Relationships are bad for mental Health : रिश्ते हमारे जीवन का अहम हिस्सा होते हैं। अच्छे रिश्ते न केवल हमारी मानसिक सेहत को बेहतर बनाते हैं बल्कि हमें सामाजिक और भावनात्मक सहारा भी देते हैं। वहीं, खराब रिश्ते धीरे-धीरे हमारी खुशियों को खत्म कर देते हैं।
खासकर महिलाओं को अक्सर इनका खामियाजा भुगतना पड़ता है क्योंकि उनसे उम्मीद की जाती है कि वे हर स्थिति में रिश्तों को निभाएं। लेकिन जब रिश्ते जहरीले बन जाएं, तो अपनी मानसिक शांति के लिए कदम उठाना जरूरी हो जाता है। भले ही ये आसान न हो, लेकिन विषाक्त रिश्तों का बोझ उठाने से बेहतर है कि उनसे दूरी बना ली जाए।
विषाक्त रिश्तों (Toxic Relationships) की पहचान कैसे करें?
आपके पास इतना विवेक होना चाहिए कि सच्चे और नकली रिश्तों में फर्क कर सकें। सच्चे रिश्ते हर स्थिति में आपके साथ खड़े रहते हैं और आपकी अनुपस्थिति में भी आपका सम्मान करते हैं। जबकि विषाक्त रिश्ते दिखावे में तो मीठे लगते हैं, लेकिन आपकी छवि खराब करने से नहीं चूकते।
ये रिश्ते खुशी देने की बजाय तनाव और दर्द बढ़ाते हैं। यदि कोई बार-बार आपकी भावनाओं को आहत कर रहा है, तो यह संकेत है कि वह रिश्ता आपके लिए सही नहीं है। ऐसे रिश्तों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है।
मानसिक मजबूती है सबसे जरूरी
यह जरूरी नहीं कि आपके विचारों से सभी सहमत हों। इसलिए अपनी बात रखने से पहले खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। यह ताकत आपको शुरुआती तनाव और विरोध का सामना करने में मदद करेगी। परिवार के साथ सामंजस्य बनाए रखना अच्छा है, लेकिन अपनी मानसिक शांति की अनदेखी करना भी सही नहीं है।
अपनी सीमाएं तय करें
महिलाओं का स्वभाव होता है कि वे दूसरों की खुशी को प्राथमिकता देती हैं। लेकिन बार-बार अपनी खुशी और आत्मसम्मान को नजरअंदाज करना उचित नहीं। यदि आपको लगता है कि आपकी अच्छाई का फायदा उठाया जा रहा है या आपको महत्व नहीं दिया जा रहा, तो अपनी सीमाएं तय करें। स्पष्ट करें कि आप क्या सहेंगी और क्या नहीं।
Toxic Relationships से बचने के लिए संयम और संवाद का सहारा लें
परिवार से पूरी तरह कट जाना न तो सही है और न ही व्यावहारिक। केवल अपने बारे में सोचना आपको अपनों से दूर कर सकता है, लेकिन बार-बार दुख सहना भी समस्या का समाधान नहीं है। अपनी परेशानी किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ साझा करें। परिवार के सामने संयमित और तार्किक तरीके से अपनी बात रखें।
शरीर के संकेतों को पहचानें
हमारा शरीर माहौल के अनुसार प्रतिक्रिया करता है। परीक्षा के समय घबराहट या अच्छे परिणाम पर खुशी जैसा अनुभव रिश्तों पर भी लागू होता है। अच्छे रिश्तों में आपको खुद को साबित करने की जरूरत नहीं होती। लेकिन यदि किसी रिश्तेदार से मिलने पर खुशी की जगह तनाव या बेचैनी हो, तो समझ लें कि यह रिश्ता आपके लिए सही नहीं है।
अपनी मानसिक शांति और खुशियों को प्राथमिकता दें। Toxic Relationships से खुद को दूर करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह जरूरी है।
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