Strange Things Come To Mind:क्या आप भी अपने दिमाग में चल रहे उटपटांग बातें से तंग है और लाख कोशिश के बावजूद भी ये समस्या जा नही रहा है तो अब आपको चिंता करने की आवश्यक नही है जब भी आप अकेला पड़ते हैं या रात को सोने जाते है तो सपने की तरह दिमाग में अलग अलग चीजों के बारे में सोचने लगता हैं कभी अच्छा बात तो कभी बुरी बात, दरअसल ये एक प्रकार का OCD एक मानसिक बीमारी है।
जिसमें व्यक्ति के मन में न चाहते हुए भी अनचाहे विचार आते रहते हैं. हालाकी ये कोई गंभीर बीमारी नहीं है परंतु इस वजह से आप रात या दिन अच्छे नींद नहीं ले सकते हैं अपने काम को ठीक से नही कर पायेंगे। मन चिड़चिड़ा सा रहेगा। जिससे छुटकारा पाने के लिए, आपकों कुछ टिप्स फॉलो करने होगें। ताकी मन में चल रहे उटपटांग बातें से छुटकारा पा सकें।
दिमाग में उटपटांग बातें आने के मुख्य कारण और निदान:
1. बार-बार विचार आना:(Strange Things Come To Mind)
मन में जब भी अनचाहे, विचार आय, मन विचलित करने वाले विचार आय, नकरात्मक विचार आय, और साथ में बार-बार एसे विचार दिमाग में आय तो बीच में रोकने का प्रयास करें, म्यूजिक आदी सुनने लगे, गाने गुनगुनाए . वैसे इन्हें रोकना थोड़ी मुश्किल होता है.
2. कम्पल्सिव बर्ताव:(Strange Things Come To Mind)
यह एक अजींब सा आदत बन जाता हैं जिसमे एसे बुरे या फिजूल के विचारों से निजात पाने के लिए, व्यक्ति हमेशा कोई न कोई कार्य करने लगता हैं. जैसे मुंह पानी से धोना, हाथ धोना, पैर धोना, सीढ़ी चढ़ना उतरना, थूक बार बार फेंकना, किसी चीजों को बार-बार जांचना या फिर उन्हे गिनती करना, किसी वस्तु से छेड़छाड़ करना जैसे कार्य करने लगते हैं जो कि अच्छी नहीं है।
3.चिंता और डर:(Strange Things Come To Mind)
बहुत सारे लोगों में इन विचारों और बर्ताव होने के कारण कुछ अलग ही होते है जैसे व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति या समाज से डरता है या अन्य किसी भौतिक वस्तु, भूत प्रेत आदि बातों के चक्कर में फंसा हुआ है. या अन्य कोइ कार्य किया है और असफल होने का बहुत ज्यादा चिंता उससे अंदर से झकझोरे हुए हों जैसे कारणों से भी उस व्यक्ति के मन में उटपटांग बाते दौड़ती रहती हैं।
4. समय की बर्बादी:(Strange Things Come To Mind)
बहुत सारे व्यक्ति दिन में खाली रहते हैं या कोइ काम उनका किसी कारण वश छूट गया हों और अब वह घर पर बैठने के सिवा कुछ नहीं करते हैं तो वैसे लोगों इन सभी चीजों से परेशान हों जाते है क्यों कि उन्हें इस तरह घर में बैठना अच्छा नही लग रहा है और इन सभी बातों को बार बार सोचते रहते हैं जिनसे उनके काफी समय उटपटांग बाते, विचारों और बर्ताव के चक्कर में बर्बाद होता हैं।
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