Vertigo kya hota hai:आज की तेज रफ्तार जिंदगी में खुद की सेहत का ख्याल रखना मुश्किल हो गया है। काम का दबाव, नींद की कमी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण कई लोग तनाव, सिरदर्द और बार-बार चक्कर आने की शिकायत करने लगे हैं।
अक्सर लोग इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वर्टिगो (Vertigo) नाम की स्थिति का संकेत हो सकता है? आइए विस्तार से जानते हैं कि वर्टिगो क्या है, इसके लक्षण, कारण और इससे कैसे बचा जाए।
वर्टिगो क्या है?
Cleveland Clinic के मुताबिक, वर्टिगो कोई बीमारी नहीं बल्कि एक लक्षण (Symptom) है, जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे उसके आसपास की चीजें घूम रही हैं — जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं होता। इस दौरान बैलेंस बिगड़ सकता है, चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है, और सिर चकरा सकता है।
वर्टिगो कितने प्रकार का होता है?
1. पेरिफेरल वर्टिगो (Peripheral Vertigo)
यह सबसे सामान्य प्रकार है और आमतौर पर कान के अंदरूनी हिस्से या वेस्टिबुलर नर्व में दिक्कत के कारण होता है। इसके मुख्य कारण:
- BPPV (Benign Paroxysmal Positional Vertigo)
- Labyrinthitis
- Vestibular Neuritis
- Ménière’s Disease
2. सेंट्रल वर्टिगो (Central Vertigo)
यह ब्रेन से जुड़ा होता है और आमतौर पर स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, या सिर की चोट के कारण होता है। इसमें चलने में परेशानी, भ्रम और बैलेंस की कमी हो सकती है।
Vertigo के प्रमुख लक्षण
- बार-बार चक्कर आना
- मतली या उल्टी
- सिरदर्द
- चलने में अस्थिरता
- एक या दोनों कानों से सुनने में कमी
- कान में सीटी जैसी आवाजें आना
- आंखों का बार-बार हिलना (Nystagmus)
- कान में भारीपन या दबाव महसूस होना
- मोशन सिकनेस
वर्टिगो के मुख्य कारण
- माइग्रेन (तेज सिरदर्द)
- कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट
- स्ट्रोक या ब्रेन से जुड़ी समस्या
- सिर में चोट
- डायबिटीज
- दिल की अनियमित धड़कनें (Arrhythmia)
- लंबे समय तक बेड रेस्ट
- कान की सर्जरी या हर्पीज संक्रमण
- हाइपरवेंटिलेशन (तेजी से सांस लेना)
- मसल्स की कमजोरी
- ब्रेन ट्यूमर या न्यूरोलॉजिकल बीमारियां
वर्टिगो से होने वाली समस्याएं
वर्टिगो की वजह से आप अचानक गिर सकते हैं, जिससे हड्डी टूटने या सिर में चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। यह आपकी डेली लाइफ को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है — खासकर चलने-फिरने, गाड़ी चलाने या ऊंचाई पर काम करने जैसी एक्टिविटीज में।
क्या करें अगर बार-बार चक्कर आ रहे हों?
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों में से किसी को भी लगातार महसूस कर रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत किसी ईएनटी स्पेशलिस्ट या न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। शुरुआती जांच और इलाज से वर्टिगो को कंट्रोल में लाया जा सकता है।
निष्कर्ष
Vertigo एक आम लेकिन गंभीर संकेत है जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। चक्कर आना सिर्फ कमजोरी नहीं, किसी बड़ी समस्या का इशारा भी हो सकता है। इसलिए अगर आपको भी बार-बार चक्कर आते हैं, सिर भारी लगता है, या चलने में संतुलन बिगड़ता है, तो समय रहते जांच कराएं और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
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