Yoga Tips For PCOD:पीसीओडी और पीरियड्स की समस्याओं को कम करने के लिए 5 प्रभावी योगासन, दूर होगी पीरियड्स के समस्या

Yoga Tips For PCOD: आज के समय में महिलाओं में पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जिसका मुख्य कारण अनुचित जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार है।

Yoga Tips For PCOD:पीसीओडी और पीरियड्स की समस्याओं को कम करने के लिए 5 प्रभावी योगासन, दूर होगी पीरियड्स के समस्या

इस समस्या से ग्रस्त महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, मुंहासे, ओवरी में सिस्ट और बांझपन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि, नियमित रूप से योग का अभ्यास करके इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगासन, जो पीसीओडी की समस्या को कम करने में सहायक हैं।

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PCOD समस्या को कम करने के लिए टॉप 5 योगासन

1. तितली आसन (बटरफ्लाई पोज)

PCOD समस्या को कम करने के लिए टॉप 5 योगासन

तितली आसन को नियमित करने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स मजबूत होते हैं और पैरों में लचीलापन आता है। यह आसन पेल्विक और थाई एरिया में रक्त संचार को सुधारता है, जिससे पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं। साथ ही, यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

2. मलासन

PCOD समस्या को कम करने के लिए टॉप 5 योगासन

मलासन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी योगासन है। यह पेल्विक एरिया को मजबूत करता है और वहां रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे पीरियड्स की अनियमितता दूर होती है। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है।

3. धनुरासन

PCOD समस्या को कम करने के लिए टॉप 5 योगासन

धनुरासन PCOD से ग्रस्त महिलाओं के लिए अत्यंत प्रभावी योगासन है। यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है। साथ ही, यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को भी मजबूत बनाता है।

4. उष्ट्रासन

PCOD समस्या को कम करने के लिए टॉप 5 योगासन

उष्ट्रासन करने से पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को लाभ मिलता है। यह पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है और शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

5. सेतुबंधासन

PCOD समस्या को कम करने के लिए टॉप 5 योगासन

सेतुबंधासन PCOD और अनियमित पीरियड्स की समस्या को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है और गर्दन, हिप्स व रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से रिप्रोडक्टिव हेल्थ बेहतर होती है।

निष्कर्ष: अगर आप PCOD को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करना चाहती हैं, तो इन योगासनों का नियमित अभ्यास करें। हालांकि, किसी भी योगासन को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लेना उचित रहेगा।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Image Credit by: HerJindagi

Katyani Thakur
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