Mobility with Physiotherapy SCI : स्पाइनल इंजुरी के बाद फिजियोथेरेपी गतिशीलता को अधिकतम कैसे करें

Mobility with Physiotherapy SCI: रीढ़ की हड्डी में जभी किसी व्यक्ति को चोट लगती हैं और वह घायल हो जाता हैं ताकत खो देता है उठने बैठने में सक्षम नहीं होता है गतिशीलता खत्म हो जाती हैं तो उस चीज़ को पुनः रिकवरी करने के लिए, ठीक होने के लिए, फिजियोथेरेपी व्यायाम पर ही अपनी ध्यान केंद्रित करना होगा। क्यों कि अब तक स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी का कोइ सटीक इलाज नहीं आया है. लेकिन खुद की माइंड पावर और फिजियोथेरेपी व्यायाम के दम पर कई लोगों ने इस गम्भीर चोट से बाहर निकला हैं खुद को रिकवर किया है।

Mobility with Physiotherapy SCI : स्पाइनल इंजुरी के बाद फिजियोथेरेपी गतिशीलता को अधिकतम कैसे करें
Mobility with Physiotherapy SCI

हां ये बात सही है कि प्रत्येक रीढ़ की हड्डी की चोट भिन्न भिन्न होती है, और इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को भिन्न भिन्न व्यक्तिगत पुनर्वास योजना और फिजियोथेरेपी व्यायाम की आवश्यकता होती है. लेकिन रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद किस व्यक्ति को कौन सा फिजियोथेरेपी व्यायाम हो सकता है इस चीज़ का निर्णय एक फिजियोथेरेपिस्ट ही कर सकता है जिसके बाद चाहे तो आप अपने घर पर ही होम फिजियोथेरेपी व्यायाम ( Paraplegla Physiotherapy Management ) कर सकते हैं।

तो आइए जानते हैं हम इस लेख में कि रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद फिजियोथेरेपी से क्या अपेक्षा की जा सकती हैं क्या (Mobility with Physiotherapy SCI) फिजियोथेरेपी व्यायाम पुनर्वास प्रक्रिया के लिए  इतना आवश्यक हिस्सा है।

Mobility with Physiotherapy SCI Details

स्पाइनल इंजुरी के बाद फिजियोथेरेपी क्यों जरुरी है?

स्पाइनल इंजुरी के बाद फिजियोथेरेपी क्यों जरुरी है?
Mobility with Physiotherapy SCI

Mobility with Physiotherapy SCI treatment: रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद पुनः रिकवर करने के लिए  फिजियोथेरेपी व्यायाम और साथ में माइंड पावर ही काम करती है क्योंकि यह सब प्रकिया हमारी रीढ़ की हड्डी के न्यूरोप्लास्टिकिटी को बढ़ावा देती है ।

अब आप यह सोच रहें होगें कि ये न्यूरोप्लास्टिकिटी एक क्या है जो स्पाइनल इंजुरी में रिकवरी में हेल्प कर सकता है तो आपको बता दूं कि यह अद्भुत घटना को संदर्भित करने का काम करती है जिसके तहत मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी चोट से आदमी उबर सकती है और उन सभी कार्यों को एक बार फिर पुनः प्राप्त कर सकती है जो चोट के वजह से प्रभावित हुए थे।

अब सवाल आता है कि न्यूरोप्लास्टिकिटी को हम बढ़ावा कैसे दे सकते हैं इसका सरल सा उत्तर हैं कि रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद न्यूरोप्लास्टिकिटी को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि हम रेगुलर अपने गतिविधियों का अभ्यास करें। जैसे पैर हाथ का एक्सर्साइज, ( Mobility with Physiotherapy SCI ) अंगुलियों का चलाने का अभ्यास, खड़ा होने का प्रयास करते रहना है, जिससे आपकी मांशपेशीया मज़बूत हो और साथ में एक उत्तेजना हों जो हमारे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में न्यूरोएडेप्टिव को बढ़ावा दे सकें ।

फिजियोथेरेपी व्यायाम और माइंड पावर रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद व्यक्ति को कमजोरी और बैठने या चलने जैसी आदी कार्यात्मक गतिविधियों में सुधार करने का काम करता है साथ ही न्यूरोप्लास्टिक परिवर्तनों में बढ़ावा देने का भी मुख्य योगदान करती है।

स्पाइनल इंजुरी एक गम्भीर चोट मानी जाती हैं और इस चीज़ का मुख्य कारण है इसका कोइ सटीक इलाज का न होना। और इसमे पुनः रिकवर करने के लिए कोई भी शॉर्टकट या चालबाज़ी वाला रास्ता सही नहीं होती। ‘इसे बेहतर बनाने के लिए आप सक्रात्मक सोचे, हिम्मत न हारे, निरंतर अभ्यास करें, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाए और अपनी गतिशीलता को पुनः प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करें , लक्ष्य निर्धारित करें।

अगर आप ऊपर दिए गए (Mobility with Physiotherapy SCI ) बातों को अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि एक स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ती के लिए फिजियोथेरेपी व्यायाम कितना आवश्यक है और यह क्यों जरुरी है तथा यह कैसे काम करती हैं तो आगे हम   इसमें शामिल विभिन्न कसरत और अभ्यासों पर चर्चा करें।

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी के बाद फिजियोथेरेपी व्यायाम ( Mobility with Physiotherapy SCI)

जब रीढ़ की हड्डी की चोट लग जाती हैं तो पुनः रिकवर करने के लिए फिजियोथेरेपी व्यायाम किया जाता हैं जो कि चोट के लेबल और उसकी गंभीरता के आधार पर ही अलग अलग फिजियोथेरेपी (Mobility with Physiotherapy SCI) अभ्यास किया जाता हैं।

निम्नलिखित फिजियोथेरेपी व्यायाम को हमने कुल 6 अलग-अलग प्रकार के फिजियोथेरेपी अभ्यासों कसरत के रुप में बांटा हैं जो व्यक्ति के स्पाइनल इंजुरी हो जानें के बाद निचे दिए गए प्रमुख अभ्यास काम कर सकता है।

1. गति अभ्यास की सीमा ( Mobility with Physiotherapy SCI )

गति की सीमा (ROM) अभ्यास रीढ की हड्डी की चोट के बाद सबसे कारगर अभ्यास होता हैं जो बॉडी के जोड़ों को गति की पूरी सीमा देने का काम करती है।

रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है और जोड़ों में अकड़न ऐंठन आदी को रोकने के लिए गति अभ्यास की सीमा व्यायाम का अभ्यास करना बहुत ही आवश्यक है।( Mobility with Physiotherapy SCI )

गति अभ्यास की सीमा अभ्यास को आप निष्क्रिय या सक्रिय रूप दोनों से किया जा सकता है।

निष्क्रिय गति अभ्यास की सीमा में ज्यादा देखभाल की जरुरत होती है क्यो कि मरीज दूसरो पर ज्यादा निर्भर होते हैं और इस वजह से फिजियोथेरेपिस्ट को रोगी के शरीर के आसपास निरंतर अभ्यास के दौरान रहना पड़ता हैं.( Mobility with Physiotherapy SCI )

ठीक इसके विपरीत, सक्रिय गति अभ्यास की सीमा ज्यादातर अभ्यास रोगी के द्वारा ही किया जाता है और पूरी गति के दौरान कुछ ज्यादा प्रयास की आवश्यकता होती है। क्यों कि एसे मरीज के अंगों में पर्याप्त ताकत होती है, जिससे कि वे अकेला ही कई सारी अभ्यास कर सकें। रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका मार्गों को उत्तेजित करने और उसे मजबूत करने के लिए स्वयं गति अभ्यास की सीमा व्यायाम करने का प्रयास करें।

गति अभ्यास की सीमा व्यायाम शरीर में गति को फिर से शुरू करने में मदद करता है, और साथ ही दर्द और कठोरता को भी कम करने में मदद करता है।

2. खिंचाव ( Mobility with Physiotherapy SCI )

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी हो जानें के बाद कई सारी मरीज़ अनैच्छिक मांसपेशी संकुचन का अनुभव करते हैं, ख़ास कर अपने पैरों और जांघो में। जिसे मेडिकल भाषा में हम स्पास्टिसिटी के रूप में जानते है, और यह मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच लंबे समय तक संचार के ख़राब होने के परिणामस्वरूप होता है।

स्ट्रेचिंग एक्सर्साइज से दर्दनाक और तंग मांसपेशियों को लंबा करने तथा साथ ही पैरो के जोड़ों के भीतर दर्द को  कम करने में काफी मदद करती है।

स्ट्रेचिंग का प्रभाव हमारे बॉडी में घंटों तक बना रहता है जिससे पैर हाथ के जोड़ो में कड़ापन खत्म हो जाता हैं और लचीलापन आ जाता हैं. वहीं और अधिक ज़ोरदार व्यायाम करने के दौरान चोटों को रोकने में भी मदद कर सकता है।

अच्छी तरह से फैली हुई हमारी पैरों की मांसपेशियां और अन्य बॉडी के हिस्सा अधिक वजन सहन कर सकती हैं जो आसानी से गति सीमा की पूरी श्रृंखला प्राप्त करती हैं , जिसके बाद में कोई भी दुसरी व्यायाम करना आसान हो जाता है।

3. एरोबिक व्यायाम ( Mobility with Physiotherapy SCI )

अगर आपको या आपके किसी रिश्तेदार को स्पाइनल इंजुरी हुई है तो उन्हे पुनः रिकवर होने के लिए एरोबिक व्यायाम एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है यह एक सुरक्षित और प्रभावी व्यायाम है. इस व्यायाम को करने से व्यक्ति का हृदय पंप होता है और रक्त परिसंचरण भी बढ़ता है. जो कि बहुत ही जरूरी है।( Mobility with Physiotherapy SCI )

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होने के बाद एरोबिक फिजियोथेरेपी व्यायाम के माध्यम से हृदय प्रणाली को आप विशेष रूप से मजबूत कर सकते हैं. रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद जैसे ही आपकी गतिशीलता प्रभावित होती है तो हृदय कमज़ोर हो जाते हैं और आपके किसी भी नाड़ी को धीमा कर सकता है साथ ही रक्तचाप को भी कम कर देता है और फिर धीरे धीरे शरीर के अन्य अंग भी ख़राब होना शुरू हो जाती हैं।

एरोबिक फिजियोथेरेपी व्यायाम आपके दिल को तो मजबूत करती ही हैं साथ में आपके शरीर के वजन को भी नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे कई रोगियों को स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होने के बाद गतिशीलता कम होने के कारण संघर्ष करना पड़ सकता है।

4. मजबूत बनाने वाले कसरत ( Mobility with Physiotherapy SCI )

रीढ़ की हड्डी में लगने वाली चोट का एक प्रमुख कारण हैं  कमजोर मोटर नियंत्रण और शारीरिक गतिविधि में कमी भी है, लेकिन जब चोट लग जाएं तो यहीं पर आपको स्पाइन को मजबूत बनाने वाले व्यायाम को करना चाहिए क्यों कि रीढ़ की हड्डी की चोट में पुनः सुधार के लिए  फिजियोथेरेपी सबसे ज्यादा अनिवार्य हों जाते हैं।( Mobility with Physiotherapy SCI )

क्यों कि कई बार होता है कि आदमी स्पाइनल इंजुरी से ग्रसित हैं लेकिन कुछ न करने के वजह से उनकी गति में कमी आती हैं बल्की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं इसके अलावा आयतन सिकुडने का भी रहता है जिसे हम मांसपेशी शोष कहते है. और जिन लोगों के मांसपेशी शोष की कमी होती हैं उन्हे गिरने, फ्रैक्चर होने या खराब होने तथा परिसंचरण में कमी होने की संभावना होती है।

इसलिए, मांसपेशियों को मज़बूत बनाए रखने के लिए  व्यायामों का अभ्यास करना अति महत्वपूर्ण होता है और जब आप अपने मांसपेशियों को बनाए रखते हैं तो इस से रोजमर्रा की गतिविधियों को करना और आसान हो जाता हैं. जिससे कि व्यक्ति स्पाइनल इंजुरी हों जाने के बाद में  रिकवरी हासिल कर सकें।

5. चाल प्रशिक्षण ( Mobility with Physiotherapy SCI )

वैसे व्यक्ति जिनका स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी हो चुका है और वो पुनः रिकवर करने के लिए फिजियोथेरेपी करा रही है या उनमें बॉडी में चोट के बाद हल्की मोटर समस्याएं हैं, तो वैसे स्पाइनल इंजुरी व्यक्ती पुनर्वास के लिए चलने का प्रयास यानि गतिविधि-आधारित थेरेपी कर सकते हैं।

चाल प्रशिक्षण नाम से ही समझ चुके होंगे कि यह व्यक्ति को चलने का एक अभ्यास व्यायाम हैं जिसे रीढ के हड्डी के चोट के बाद पुनः अपने पैरो पर चलने के कौशल को प्राप्त करने पर केंद्रित है।

चलने के लिए आजकल कई सारी उपकरण मौजुद हैं। जैसे कि समानांतर सलाखों, हार्नेस, ऑर्थोटिक उपकरणों और रोबोटिक्स आदी के उपयोग कर सकते हैं, इन सभी उपकरणों के हेल्प से आप वजन बदलने, संतुलन कौशल और साथ ही कमर की निचले शरीर को आगे बढ़ाने का अभ्यास कर सकते हैं।( Mobility with Physiotherapy SCI )

चाल प्रशिक्षण में आप यदि चाहे तो पूल में उतरना भी शामिल कर सकते है. पानी की उछाल शरीर के वजन तथा हाथ पैर के जोड़ों पर तनाव को कम करने में मदद करता है जिसे एक स्पाइनल इंजुरी व्यक्ती सीमित ताकत के साथ भी उपचार कर सकते है।

6. होम फिजियोथेरेपी व्यायाम ( Mobility with Physiotherapy SCI )

अगर आप एक स्पाइनल इंजुरी व्यक्ती हैं लेकिन आपके पास पर्याप्त पैसा नही है या फिर अन्य कोइ कारण हैं तो भी आपको चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है क्यों कि आप तमाम सुविधाएं की कमी होने की वजह से आपको निराश होने की जरुरत नहीं है और वो इसलिए की आप अपने घर परिवार में साथ रहकर भी स्पाइनल इंजुरी से रिकवर होने के लिए कसरत, योगा,एकल फिजियोथेरेपी कर सकते हैं।

आजकल बहुत सारी उपकरण है जो कि ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्किट में मिल सकता हैं जिसे आप ले सकते हैं और उसका इस्तेमाल अपने एक्सरसाइज़ ( Mobility with Physiotherapy SCI) करने के लिए कर सकते हैं. क्यों कि आप फिजियोथेरेपिस्ट की उपस्थिति के बिना, कोइ कार्य नही कर सकते हैं और नहीं ठिक हो सकते हैं. हां ये ध्यान देना होगा आपको एक ही व्यायाम बार-बार नहीं करना चाहिए । क्यो कि वो आपके लिए उबाऊ हो सकता है और व्यक्ती प्रेरणा भी खो सकते हैं।

उदाहरण के लिए, भार वहन, फ्लिंट रिहैब, उठक बैठक रबड़ बैंड, पुश अप, लिन डाउन, खड़ा होना, व्हील चेयर पर बैठे जैसे अनेकों घरेलू उपाय कर सकते हैं जो आपके पुनर्वास के सहायक उपकरण है इसके अलावा आप खुद से या परिवार के अन्य सदस्यों के हेल्प और भी कई चीज़ बनवा सकते है जो आपके एक्सरसाइज़ मे हेल्प कर सकता है।

स्पाइनल इंजुरी के पुनर्वास के लिए फिजियोथेरेपी:

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होने के बाद आप पुनर्वास के लिए फिजियोथेरेपी गतिशीलता व्यायाम को अनुकूलित करने का एक बेहद प्रभावी और आसान तरीका हो सकता है। इसके अलावा आप स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ती को आप घुमा सकते है मार्गदर्शन कर सकते हैं।

अंततः, आपकी खुद की इच्छा शक्ती, माइंड पावर आदी और साथ में फिजियोथेरेपी ही प्रभावी है क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी में चोटिल व्यक्ती को तंत्रिका मार्गों को उत्तेजित करने में मदद करती है।

निष्कर्ष: –

आज हमने इस लेख में Mobility with Physiotherapy SCI, Spinal cord injury Rehabilitation, Spinal cord injury Exercise के बारे में विस्तार से जाना है इसके अलावा हमने यह जाना है कि क्या स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी के बाद व्यायाम जरूरी है एससीआई होने के बाद कौन सा व्यायाम सबसे जरुरी है। सी5 और सी6 स्पाइनल इंजुरी का उपचार क्या है कौन सा एक्सरसाइज़ करना होता है सी5 और सी6 रीढ़ की हड्डी की चोटिल व्यक्ती को।

मुझे उम्मीद है कि Paraplegla Physiotherapy Management SCI,Spinal cord injury assessment, Spinal cord injury Physiotherapy, Mobility with Physiotherapy SCI दिव्यांग लोगो की जीने की राह में एक अहम रोल अदा कर सकता है खास कर उनलोग के लिए जो स्पाइनल इंजुरी है और व्हील चेयर पर अपना लाइफ व्यतीत कर रहे हैं. अगर आप मे से कोई भी पुरूष या स्त्री यह लेख पढ़कर यह कसरत करते है और ठीक हो जाता हैं तो मैं समझूंगा कि मेरा यह लेख लिखना सफल हुआ।

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