Leg Exercises After SCI 2024 : रीढ़ की हड्डी की चोट के पुनर्वास के लिए सर्वोत्तम पैर व्यायाम

Spinal Cord Strengthening exercises: रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद व्यक्ती के पैर ही सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं और हमारे पैर के मशस्ल बहुत ही ज्यादा कमज़ोर हो जाते हैं, हमारी पैरों की संशलेशन खत्म हो जाती है. हम अपने पैरो पर चलना फिरना तो दुर सही से खड़ा भी नहीं हो पाते है और इनसभी के लिए आज के समय में सबसे अच्छा है कि हम पैर के व्यायाम करें जिससे कि, हमारी मांसपेशी मजबूत होगी और हमे फीलिंग का एहसास हों, साथ ही गति की सीमा को हम बनाए रखें। जिससे कि हमारी पैरों की ताकत कमजोर न हो।

Leg Exercises After SCI 2024 : रीढ़ की हड्डी की चोट के पुनर्वास के लिए सर्वोत्तम पैर व्यायाम
Leg Exercises After SCI

रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद व्यक्ति का शरीर पक्षाघात का शिकार हो जाते हैं, तो वहीं कई व्यक्ति शारीरिक रूप से थोड़ा कम सक्रिय हो जाते हैं और स्पाइनल इंजुरी के बाद में जब आप नियमित रूप से चल फिर नहीं करते हैं, तो आपकी पैरों की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, घुटने , एंकल के जोड़ो में कड़ापन हो जाते हैं यहां तक कि पैरों में खून भी जमा होने लगता है, इस लिए यह ज़रूरी होता है कि आप अपने पैरो के साथ कोई न कोई एक्टिविक्टी करते रहें, जैसे, Leg Exercises After SCI आदि।

आज के इस लेख में हम आपको ( Exercise for Paralysis Leg) पैरों के 10 व्यायामों को बताएंगे. जिनका लगातार अभ्यास रीढ़ की हड्डी की चोट वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य को अनुकूलित करने और मजबूत बनाने में साथ ही अन्य समस्याओं को रोकने के लिए कर सकते हैं।

रीढ़ की हड्डी की चोट के लिए सहायक पैर व्यायाम

प्रत्येक स्पाइनल कार्ड इंजुरी व्यक्ति के चोट और उसका स्थान तथा उसका इंजुरी लेवल अलग अलग हो सकते हैं और कार्य करने की कोशिश और उसके परिणाम अलग अलग होंगे, लेकिन सभी स्पाइनल कार्ड इंजुरी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पैरों के व्यायाम एक समान ही करने होते हैं।

यहां तक ​​कि यदि किसी व्यक्ति का पैर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हैं और वह अपनें स्वेच्छा से उन्हें हिला तक नहीं सकते हैं, नही कुछ ठंडा गर्म महसूस कर सकते हैं तो उन स्थिति को व्यक्ती को समय से पहले बूढ़ा होना या पैरो में रक्त का थक्का जमना आदी जैसी जटिलताओं के जोखिम को कम करने के लिए निरंतर ( Leg Exercises After SCI ) व्यायाम जरूरी है।

अगर आपके पैरों में अधिक गंभीर पक्षाघात हैं तो उस स्थिती में आपको अपने भौतिक चिकित्सक के देखभाल में कोइ कार्य करने चाहिए। और वो जैसे आपको बताए उस तरह से आपको एक्सरवाइज करना चाहिए। जिससे आपके पैरों में अन्य कोइ समस्या उत्पन्न न हो। तो वही दुसरी ओर अगर आप खुद से अपने पैरो का कसरत कर सकते हैं तो आप कर सकते हैं।

Main 10 exercises for Leg Exercises After SCI:

1. गति की सीमा अभ्यास : ( Range of Motion Exercises For Leg Exercises After SCI )

गति की सीमा अभ्यास: ( Range of Motion Exercises For Leg Exercises After SCI
Leg Exercises After SCI

मोशन लेग एक्सरसाइज एक ऐसा Leg Exercises After SCI है. जो रेंज यह हमारी पैरों को सुनिश्चित करती है कि आप अपने पैरो के जोड़ों को उनकी पूरी क्षमता से हिला पा रहे हैं। इस तरह की कसरत से पैरों की कठोरता को रोकने या कम करने और परिसंचरण को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी।

यह व्यायाम करने में आसान है,और इनका अभ्यास आप आसनी से कर सकते हैं चाहें आपके पैरो में कितना भी शक्ती और नियंत्रण क्यों न हो।

यदि आपके पैरों पर खुद कंट्रोल बहुत सीमित है या कोई नियंत्रण ही नहीं है, तो इसके लिए आपको गति अभ्यास की सीमा का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए इस निष्क्रिय व्यायाम में आपकों देखभाल करने वाले के जरिए, आपको अपने शरीर को हिलाना भी शामिल होता है और उस वक्त ध्यान भी पैरो पर ही रखना चाहिए।

इसके लिए आप चाहें तो वीडियो का भी हेल्प ले सकते हैं जो आपको और ज्यादा हेल्प करेगी समझने और करने में भी। इस Leg Exercises After SCI का वीडियो को आप you tube पर देख सकते हैं साथ ही हम आपको अलग अलग प्रकार से यह बता भी देते हैं ताकी आप समझे।

लचीलापन:  अपने अंग/जोड़ को मोड़ना

विस्तार:  सीधा करना

प्रेरण:  अपने शरीर के केंद्र की ओर बढ़ना

अपहरण:  अपने शरीर के केंद्र से दूर जाना

ऊंचाई:  ऊपर उठाना

अवसाद:  कम करना

प्लांटर:  आपके पैर का निचला भाग

पृष्ठीय:  ऊपरी भाग

यदि आप अपने पैरों पर थोड़ा बहुत भी नियंत्रण है, तो स्वतंत्र रूप से अकेला ही इस गति अभ्यासों की श्रृंखला रूप से लगातार अभ्यास करने का प्रयास करें। और नही तो हेल्प भी ले सकते हैं किसी का। इस कसरत को जभी आप करे तो आप अपने रीढ़ पर डायरेक्ट लोड बिलकुल भी न दे। और खुद पर भरोसा और नियंत्रण रखें।

2. सीधा पैर उठाना : ( straight leg raise For Leg Exercises After SCI )

स्पाइनल इंजुरी में पैर का exercise के लिए पैरो को सीधा उठाने से भी अपूर्ण रीढ़ की हड्डी की चोट में रोगियों को उसके क्वाड्स और हिप फ्लेक्सर्स को मजबूत तथा विकसित करने में मदद करती है.

इसके लिए सबसे पहले अपने एक पैर के घुटने को मोड़ लेना है और अपने दूसरे घुटने को सीधा करके चटाई पर लेट जाना है उसके बाद आपके सीधे पैर के पंजे ऊपर की ओर यानि छत की ओर होने चाहिए।

फिर आप अपने सीधे पैर को जितना सम्भव हो सके हवा में उठाएं और फिर धीरे से नीचे लाएं। ऐसा प्रतिदिन 10 बार करें और बारी बारी से दोनों पैरो को करे।

Note: यदि आप जब बारी बारी से ( Leg Exercises After SCI ) दोनो पैरो को ऐसा कर लेते है आसनी से तो आपकों एक साथ एक ही बार में दोनों पैरो को करने का प्रयास करते रहना चाहिए। ताकी और ज्यादा हेल्प मिले पुनः रिकवर करने में।

3. टांगो का खिंचाव : ( Leg Stretch For Leg Exercises After SCI )

टांगो का खिंचाव : ( Leg Stretch For Leg Exercises After SCI
Leg Exercises After SCI

रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद व्यक्ती को तंग मांसपेशियों को लंबा करने , मजबूत बनाए रखने और कूल्हों, घुटनों तथा टखनों में गति की सीमा को बनाए रखने के लिए ये जरुरी होता है कि मरीज अपने पैरों को कसरत के जरिए फैलाने की कोशिश करते रहें।

जिसके लिए आप अपने चिकित्सक डॉ आदी से हेल्प ले सकते हैं या फिर आप you tube पर ऐसा Leg Exercises After SCI का वीडियो भी देख सकते हैं जो आपको मिल जाएंगे।

इस में कैसे एक व्यक्ती अपने हाथो से अपने ही पैरों को सामान्य रीढ़ की हड्डी को रखते हुऐ पैरों को कैसे फैलाए।
इसके लिए आपको बस एक पट्टा या फिर एक प्रतिरोध बैंड की जरूरत होगी। जो मार्केट में मिल जाएंगे।

सबसे पहले पैरो में बैंड लगाकर अपने हाथो में फंसाए।

फ़िर धीरे-धीरे में आप अपने पैरो को धीरे-धीरे कर स्ट्रेच करना सुनिश्चित करें।

स्पाइनल कार्ड इंजुरी के बाद व्यक्ती अपने पैरो की पावर पुरी तरह से खो देता है।

इसलिए यह ज़रूरी है कि आप खुद सावधानी पूर्वक से पैरो का कसरत करें। ताकी ज्यादा खीचाव न हो।

अपने शरीर के उपर प्राकृतिक रुप से अन्य रूप से किसी भी चीज़ पर दबाव न डालें।

4. बैठा हुआ मार्च करना: ( sitting march For Leg Exercises After SCI )

जिस भी व्यक्ति को अपूर्ण रीढ़ की हड्डी की चोट लगी है उनलोगों को सीटेड मार्चिंग पैर का व्यायाम करने चाहिए जो कि काफी फायदेमंद होती है, क्योंकि यह अभ्यास आपकों जोड़ों पर दबाव डाले बिना चलने की गति का प्रयास करने के लिए अनुमति देता है।

इस व्यायाम को करने के लिए, सबसे पहले अपनी सीट पर बैठ जाएं। फिर अपने दोनों पैरों को ज़मीन पर रख कर स्थापित करें। और उसके बाद बारी-बारी से अपने दोनों पैरों के घुटनों को एक-एक करके उठाएं।

5. एड़ी उठाना 🙁 heel raise Leg Exercises After SCI )

एड़ी उठाना:( heel raise
Leg Exercises After SCI

एड़ी उठाने से रीढ़ की हड्डी की चोट में रोगियों को मदत करता है. और ऐसा जब आप करते हैं तो आपका वजन एड़ी के बजाए पैरों की उंगलियों पर केंद्रित होता हैं. और हमारा दिमाग इसे बार बार करने के लिए नकल करता है

इसके लिए भी आपको अपनी व्हील चेयर पर बैठ जाना है और फिर अपने पैरों को निचे फर्श पर या कटिले वस्तु पर टिकाकर बैठ जाना है। और उसके बाद आप अपने धीरे-धीरे एड़ियों को ऊपर की ओर उठाएं। जैसा लड़कि की हिल सेंडिल होती हैं कुछ वैसा करे।

इस अभ्यास को अगर आप सपोर्ट से खड़ा हो कर करने का प्रयास करते हैं तो आपके लिए और अधिक फायदे मंद होगी। हालाकी आप इसे अकेला कभी न करने का प्रयास न करें।

6. घुटने का सिकुड़ना 🙁 knee contracture For Leg Exercises After SCI )

यह एक ऐसा बेहतरीन Leg Exercises After SCI है. जो आपकी आंतरिक जांघों में मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती हैं जो आपके कमर के कूल्हे की स्थिरता प्रदान करती और समग्र संतुलन को बढ़ावा देती है।

जिसके लिए आपकों अपने व्हील चेयर पर बैठ जाना है। और, अपने जांघों और पैरो के बीच यानि घुटनों के बीच में एक छोटी वस्तु (जैसे फुटबॉल) रखें और फिर अपने  अपने घुटनों को दबाएं। और ऐसा 10-20 सेकंड के लिए के लिए करें।

7. चाल प्रशिक्षण 🙁 gait training For Leg Exercises After SCI )

चाल प्रशिक्षण:( gait training For Leg Exercises After SCI
Leg Exercises After SCI

किसी भी व्यक्ति के लिए, जो रीढ़ की हड्डी की चोट से ग्रसित हैं तो उनके लिए चाल प्रशिक्षण सबसे अहम और आख़िरी चरण होती हैं. लेकिन यह अभ्यास आपकों तब करना है जब आपके अंदर कुछ पावर आ जाए। जांघ पैर और कमर में थोड़ा बहुत ताकत मिलने लगे। तब आप चाल प्रशिक्षण शुरू कर सकते हैं। और इसके लिए आपकों अपने माइंड को केंद्रित करना होगा।

चाल प्रशिक्षण विधियों में मुख्य रूप से तीन में शामिल हैं:

रीढ़ की हड्डी की चोट के लिए वजन उठाने वाला व्यायाम :- रीढ़ की हड्डी में चोट से पुनः रिकवर करने करने के लिए चाल प्रशिक्षण में सबसे पहले वजन उठाना कसरत शामिल होता हैं और इसके लिए हार्नेस पहनना जरूरी होता है जो किसी भी परिस्थिति में संतुलन के लिए आपकों सपोर्ट करता है। साथ ही पैरों पर रखे गए शरीर के वजन को कम करता है।

जलीय चिकित्सा :- स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी में वाटर पूल थेरपी एक शानदार चलने के व्यायाम का अभ्यास होता हैं। इसके लिए आपको स्विमिंग पूल में जाना होगा और वह भी सिंगल नहीं बल्कि अपने साथ एक हेल्पर जरुर ले जाएं। ताकी वह आपको व्यक्ती गत रुप से हेल्प कर सकें

ओवरग्राउंड प्रशिक्षण :- यह प्रयास किसी भी स्पाइनल कार्ड इंजुरी व्यक्ति पुनः खुद से चलने के लिए सबसे आखिरी प्रयास होता हैं. जिसके लिए आपको संतुलित रहने के लिए वॉकर, बेंत और पाइप जैसे उपकरणों का उपयोग लिया जाता है। इस मे व्यक्ति का गिरने का भय रहता है जिसके लिए उन्हे डर को खत्म करके खुद पर भरोसा करना होगा और फिर चलना होगा।

Note:- मुझे मालूम है कि रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद व्यक्ती काफी हद तक हिम्मत हार मान लेते है और इसी को अपना लाइफ स्वीकार कर लेते हैं लेकिन मैं आपसे यह कहूंगा कि खुद को सभी चीजों से आत्म निर्भर बनाने के लिए खुद की कार्यात्मक क्षमताओं के बावजूद, कठिन  जटिलताओं के बावजूद पैर व्यायाम का अभ्यास करना आवश्यक है।

यह भी हम जानते हैं कि ( Leg Exercises After SCI ) टांगों के व्यायाम को करना बहुत ही कठिन है और आप अपना पैर तक नहीं हिला पा रहे हैं और नहीं कोइ परिसंचरण को बढ़ावा दे सकते हैं फिर भी कोशिश करते रहना है।

निष्कर्ष: –

आज हमने इस लेख में जाना कि Foot exercise for spinal cord injury, Spinal cord injury Rehabilitation Exercise, Spinal Cord Injury Exercise Guidelines के बारे में विस्तार से जाना है। इसके अलावा Spinal Cord Injury Home Exercise Program, Paraplegia Exercise, C5, C6, C7 Spinal Cord Injury Exercise के प्रकार आदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

मुझे उम्मीद है कि आप खुद को रिकवर करने के लिए इनमें से कुछ ( For Leg Exercises After SCI ) पैरों के व्यायाम स्वयं आज़माएँगे! और चल कर दुनियां को बताएंगे। अगर आप मे से कोई भी पुरूष या स्त्री यह लेख पढ़कर यह कसरत करता है और ठीक हो जाता हैं तो मैं समझूंगा कि मेरा यह लेख लिखना सफल हुआ।

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