Types Of Spinal Cord Injury Details Information: रीढ़ की हड्डी की चोट के लक्षण, कारण और प्रकार

Types of Spinal cord injury : रीढ़ की हड्डी में लगी हुई चोट सामान्य तौर पर तीन भिन्न भिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है और उन तीनों में भी कई अलग अलग लेवल होते हैं. जो व्यक्ति को स्पाइन में लगे चोट के बाद एक्सरे, सिटी स्कैन और एमआरआई जांच के बाद पता चलने पर निर्धारित किया जाता है जैसे मेरे दोस्त को जब स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगी थी तब मुझे इस बात का तनिक सा भी जानकारी नहीं थी कि एक छोटी सी चोट के वजह से मेरा दोस्त व्हील चेयर पर चला जायेगा।

Types Of Spinal Cord Injury Details Information: रीढ़ की हड्डी की चोट के लक्षण, कारण और प्रकार
Types of Spinal cord injury

हालाकी हमने तुरंत ambulance को कॉल किया और नजदीकी हॉस्पिटल में ले गया जहा एक्सरे व सिटी स्कैन किया गया। जिसके बाद बड़े शहरों के लिए रेफर कर दिया गया था। और वहा जानें के बाद दोस्त का एमआरआई जांच हुआ। जिसमे यह पता चला कि इन्हे रीढ़ की हड्डी में C5 नस में चोट लगा है, जो अलग अलग लोगो में अलग अलग हो सकता है. एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका में हर साल 12,500 रीढ़ की हड्डी की चोटें होती हैं, जो रीढ़ की हड्डी की चोटों के प्रकार भिन्न भिन्न होती हैं।

कई लोगों एसे होते हैं जब उन्हे (Types of Spinal cord lesions) स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगती है तो वो बेहोश हो जाते हैं. कुछ घायल होकर रह जाते है. तो कुछ हिम्मत हार जाते है. और उनका देहांत भी हो जाता है. क्यों कि रीढ़ की हड्डी में लगी हुई चोट का दर्द असहनीय होता है  ऐसा मै अपने दोस्त के स्पाइनल इंजुरी के देखा था, हालाकी मेरा दोस्त दर्द से रो रहा था बोल रहा था और बेहोश भी नहीं हुआ. क्यों कि वह बहुत ही हिम्मत बाला हैं।

स्पाइनल कॉर्ड एनाटॉमी: अगर आप यह सोच रहें हैं कि रीढ़ की हड्डी में ऐसा क्या होता है जिसमे चोट लगने के बाद में आदमी लकवा ग्रसित हो जाता हैं. वह अपाहिज हों जाता हैं तो दरअसल आप अपने रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइनल कॉर्ड एक एकल टुकड़े के रूप में सोच सकते हैं, जो मूल रूप से शरीर में पाए जाने वाले माइलिन के एक आवरण द्वारा संरक्षित सारे नसों का एक स्तंभ होता है. जिसे कुल 31 तितली के आकार के कशेरुक के द्वारा सुरक्षित किया गया है।

मेडिकल साइंस ने रीढ़ की हड्डी की बनावट को देखते हुए चार अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया हैं और उस श्रेणी में लगी चोट को उसके आधार पर स्पाइनल इंजुरी से पीड़ित व्यक्ती का इलाज आदी किया जाता हैं। जिसे निचे हमने विस्तार से बताया हैं, Types of Spinal cord injury के बारे में।

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी के प्रकार:-( Types of Spinal cord injury )

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी के प्रकार:-(Types of Spinal cord inury)
Types Of Spinal Cord Injury

रीढ़ की हड्डी के चार अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया हैं जो निचे दिए गए हैं:

ग्रीवा रीढ़ की हड्डी की चोट : (Types of cervical spine injury)

जिसमे आपको पहला ग्रीवा रीढ़ की हड्डी होता है जो कि  रीढ़ की हड्डी का सबसे ऊपरी हिस्सा होता है, इसे आप गर्दन की हड्डी भी कह सकते हैं क्यों कि गर्दन से हमारी मस्तिष्क यानी सिर से जुड़ा रहता है, और हमरी गर्दन हमारी पीठ से जुड़ी हुई रहती है। इस श्रेणी में कुल आठ लेवल यानी कशेरुक होते हैं, जिन्हें हम आम भाषा में C1 – C8 तक कहते है। इस में रीढ़ की हड्डी की सबसे  उपरी हिस्से को C1 कहते है तो लास्ट वाले हिस्से को C8 कहते हैं।( Types Of Spinal Cord Injury)

वक्षीय रीढ़ की हड्डी की चोट 🙁 thoracic spinal cord injury)

इस श्रेणी को हम रीढ़ की हड्डी के मध्य वाले भाग बोलते हैं जिसमें आपकों T1 से लेकर T12 तक क्रमांकित बारह अलग अलग लेवल यानी कशेरुक होते हैं।(Types Of Spinal Cord Injury)

काठ की रीढ़ की हड्डी की चोट : (Types of lumbar spine injury)

यह रीढ़ की हड्डी आपके पेट के पिछे और कमर के ऊपर वाला क्षेत्र होता है, जहां से हमारी रीढ़ की हड्डी झुकना शुरू करती है। जिसे आप अपने हाथ से आसनी से इस हिस्से को छू सकतें हैं।(Types Of Spinal Cord Injury)

त्रिक रीढ़ की हड्डी की चोट 🙁 sacral spinal cord injury)

यह हमारे रीढ़ का सबसे निचला हिस्सा होता है, जिसमे सबसे निचे पूंछ की जगह पर त्रिकोण के आकार का क्षेत्र बना हुआ रहता है, जिसे हम पेशाब और लैट्रिन का द्वार भी कहते हैं इस में कुल पांच कशेरुक यानी लेवल होती हैं  जो L1 से L5 तक होता है. त्रिक क्षेत्र की कशेरुक थोड़ा बाहर की ओर निकला हुआ प्रतीत होता है। जिसे आप पतले दुबले व्यति में देख सकते है।( Types Of Spinal Cord Injury)

रोगी को लगी चोट का कुछ प्रमुख कारण:(Causes of Spinal cord inury)

ऑटो दुर्घटनाएँ

एससीआई का प्रमुख कारण गिरना

बंदूक की गोली से संबंधित चोट

गोताखोरी के दौरान लगने वाली चोटें

ऑल-टेरेन वाहन दुर्घटनाएँ

मोटरसाइकिल दुर्घटनाएँ

गिरती वस्तुएं गर्दन या पीठ पर आना

पैदल चलने वालों की चोटें

साइकिल दुर्घटनाएँ

अन्य वाहनों, जैसे जेट स्की या फिर नावों में दुर्घटनाएँ

स्नो स्कीइंग करते समय

फ़ुटबॉल खेलते समय

स्नोबोर्डिंग जैसे शीतकालीन खेल खेलते समय

घुड़सवारी करने के दौरान

सर्फिंग जैसे खेल खेलते समय

चोट के हिसाब से रीढ़ की हड्डी की चोट के प्रकार: (Types of Spinal cord injury physiopedia)

सीधे शब्दों में अगर हम कहें तो चोट के हिसाब से स्पाइन  की हड्डी की चोटों को दो मुख्य श्रेणियां मे रखा गया हैं: (Types Of Spinal Cord Injury) पहला पूर्ण और दूसरा अपूर्ण।

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी आजकल दो प्राकार से हो रही हैं. जिसमें पहला पूर्ण रीढ़ की हड्डी में चोट। इस में व्यक्ती को लगी चोट ज्यादा गंभीर होते हैं और जब ऐसा चोट किसी भी आदमी को लगता हैं तो वह कुछ ही देर में लकवा ग्रस्त हो जाता है और वह अपनें मस्तिष्क की चोट वाली जगह के बाद वाले हिस्से में नीचे संकेत भेजने की क्षमता समाप्त हो जाती है। जैसे व्यक्ति बोलने हसने चलने और उठने बैठने तथा पेशाब लैट्रिन आदी से अपना नियंत्रण खो देता है।

आदमी खुद से कुछ नही कर पाता है इस स्थिती में लोग एक छोटे नवजात बच्चे के तरह हो जाते हैं जिसने ख़ुद से कोइ ऐक्टिविटी नहीं हो पाता है और व्यक्ति मल मूत्र, की सैंशेलेशन भी खत्म हो जाती हैं। यहां तक कि एसे केस में हाथ पाव अंगुली में जरा सा भी कुछ महसूस नही होता और नही ये अंग काम ही करते हैं व्यक्ती खुद से उठ कर बैठ भी नहीं सकता है।

रीढ़ की हड्डी में लगने वाली,अपूर्ण चोटें व्यक्ति से दूसरे पुर्ण चोटिल व्यक्ती से काफी भिन्न होती हैं। इस श्रेणी में आने वाले व्यक्ती कुछ संवेदी और मोटर कार्यों में थोड़ा राहत होता है या कुछ में तो लगभग समाप्त भी हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ चोटों के परिणामस्वरूप एक हाथ , कमर और दोनों पैरों में संवेदना और गति की हानि हो सकती है।

अपूर्ण रीढ़ की हड्डी की चोटें की अगर बात कि जाएं तो यह दुनियां में तेजी से आम हो रही हैं, जिसका आंशिक रूप से 60% से अधिक चोटों के लिए जिम्मेदार रोड़ पर होने वाली दुर्घटना हैं।

अपूर्ण या आंशिक रीढ़ की हड्डी की चोटों के कुछ अलग अलग सामान्य प्रकारों को हमने शामिल किया हैं:

Types of Spinal cord injury syndrome’s

anterior cord syndrome : इस तरह की रीढ़ की हड्डी सामने की ओर की चोट, रीढ़ की हड्डी में मोटर और संवेदी मार्गों यानी सूचना मार्ग को नुकसान पहुंचाती है।(Types of Spinal cord injury)

central cord syndrome : इस तरह की चोट स्पाइन कॉर्ड के केंद्र में लगी हुई चोट होती है, जो हमारे मस्तिष्क से रीढ़ तक की हड्डी को सिग्नल ले जाने वाली नसों को नुकसान पहुंचाती है।इस केस में व्यक्ती की हाथ और पैरों में कुछ आंशिक हानि होती हैं- इसमें लोगों को आंत्र या मूत्राशय पर भी नियंत्रण नहीं होती है, तथा यौन कार्य करने की क्षमता तक खो जाती है।

Brown-Séquard syndrome : एसे चोट अगर व्यक्ती को बाई साइड में लगी है तो कुछ नुकसान होती  हैं लेकिन अगर दाई ओर चोट लगी हो तो पैरों में फिलिंग चली जाती है। हालाकी इस केस व्यक्ति के लेवल अलग अलग होती हैं और उनकी परेशानी भी भिन्न भिन्न हो सकते हैं।

tetraplegia : इस प्राकार की चोटें, ग्रीवा रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाती हैं, और यह चोट आम तौर पर सबसे ज्यादा गंभीर होती हैं, जिससे व्यक्ती की गर्दन के निचे के सभी अंगों में पक्षाघात होता है. जिसे कुछ लोग टेट्राप्लेजिया और क्वाड्रिप्लेजिया के नाम से भी जानते हैं।(Types Of Spinal Cord Injury)

paraplegia : यह वैसी चोट जिसके लगने के बाद व्यक्ती अपने पैरों सहित शरीर के निचले हिस्से से संवेदना और शक्ती खत्म कर देता है इस प्राकार की चोटें वक्षीय रीढ़ की हड्डी यानी हमारी शरीर में स्थित रीढ के बिच में चोट लगने पर ऐसा होता है. यह चोट आम तौर पर ज्यादा खतरनाक नहीं होती हैं. हालाकी कई मौके पर यह गंभीर भी हो जाता है।

tripalgia : अगर किसी व्यक्ति की स्पाइनल इंजुरी लेवल ट्रिपलगिया हैं तो वह व्यक्ति अपने एक हाथ और दोनों पैरों में पुरी संवेदना तथा गति खो सकता है, जिसे आम तौर पर स्पाइनल इंजुरी में होने वाली अधूरी चोट  कहते है.(Types of Spinal cord injury)

गंभीरता के आधार पर रीढ़ की हड्डी की चोट के प्रकार क्या हैं?( Types of Spinal cord injury )

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी गंभीरता के आधार पर (Types of Spinal cord injury ) दो प्राकार के होते हैं. पहला पूर्ण और दूसरा अपूर्ण यानि अधुरा।

complete spinal injuries: अगर किसी व्यक्ति को स्पाइनल में पुर्ण चोट लगी है तो इसे गंभीर चोट के कैटगरी में रखते है. इस तरह की चोट के बाद व्यक्ति अपनी गर्दन के नीचे की संवेदना और गति को पूरी तरह खत्म कर देते है।

Incomplete spinal injuries : इस तरह की चोट आपको चोट वाली स्थान के निचे के अंग को प्रभावित करता है, जिसके परिणाम स्वरूप चोट वाली स्थान के नीचे संवेदना और गति खत्म हो जाती हैं.

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी हुआ यह कैसे पता चलेगा।

यह बहुत ही आसान है समझना कि आपकों रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है, या नहीं. इसे आप अब तक ऊपर पढ़े लेखों में भी समझ चुके होंगे कि स्पाइनल इंजुरी होने पर आपका जीवन खतरे में है, आप खुद से उठ या बैठ नही सकते। चोट लगी हुई स्थान पर काफी दर्द होता है “। कई लोग तो घायल भी हो जाते हैं। और आप तुरंत इसका इलाज शुरु नही कर सकते है क्यों कि प्रत्येक व्यक्ति का चोट का लेवल अलग अलग होता। हालाकी ये सत्य है कि कुछ लोग काफी जल्द चमत्कारिक रूप से ठीक भी हो जाते हैं।(Types of Spinal cord injury)

तो वहीं कुछ लोग दो साल, पांच साल हो जाने पर भी ठीक नहीं हो पाते हैं. और जो लोग ठीक नहीं हो पाते वो अगले वर्षों से भौतिक चिकित्सा आदी का इस्तेमाल करने लगते हैं. और इनमे भी कई एसे लोग होते हैं जिन्हे इसका कोई फ़ायदा नहीं मिलता है. लेकिन आपको मै यह सुझाव देना चाहता हूं कि मेरे दोस्तों आपकों हार तो बिलकुल नहीं मानना है क्यों कि हमे चलना है।

स्पाइनल इंजुरी होने पर आंशिक लक्षण क्या होते हैं?

सामान्य रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद व्यक्ती में लक्षणों की आंशिक सूची लंबी हैं, जो चोट के अलग अलग प्रकार और पक्षाघात के अनुसार हों सकता हैं, जिसमें क्वाड्रिप्लेजिया तथा पैराप्लेजिया दोनों शामिल हैं। इन दोनों के तहत सांस लेने में दिक्क्त, मूत्राशय और आंत्र समारोह में समस्या होना, बार-बार संक्रमण होना,श्वास नली का प्रभावित होना जैसी संभावना बढ़ जाती है. साथ ही पुराने दर्द का होना, सिर दर्द मनोदशा, कामेच्छा में कमी होना, प्रजनन क्षमता का नुकसान होना आदि शामिल हैं।( Types Of Spinal Cord Injury)

शरीर के प्रभावित हिस्से के आधार पर: ( Complication of Spinal cord injury)

टेट्राप्लाजिया: इस प्राकार की रीढ़ की हड्डी चोट एक गंभीर चोट होती हैं जिसमें सिर, गर्दन, हाथ, पैर, कंधे, ऊपरी छाती आदि की गति को हानि होती है, जिससे आपको प्रति दिन की जानें वाली दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं।(Types Of Spinal Cord Injury)

पैरापलेजिया: इस प्राकार की रीढ़ की हड्डी चोट में पैरों और शरीर के निचले हिस्सों में संवेदना और गति की हानि होती हैं।

ट्रिपलगिया: इस प्राकार की रीढ़ की हड्डी चोट में एक हाथ और दोनों पैरों में संवेदना तथा हलचल खत्म हो जाती हैं. और इस तरह की चोट आमतौर पर अपूर्ण रीढ़ की हड्डी की चोट में देखी जाती है।(Types of Spinal cord injury

निष्कर्ष: –)

आज हमने इस लेख में जाना कि (Types Of Spinal Cord Injury) ग्रीवा रीढ़ की चोट के प्रकार,काठ की रीढ़ की चोट के प्रकार,स्पाइनल कॉर्ड इन्यूरी सिंड्रोम के प्रकार,रीढ़ की हड्डी में अपूर्ण चोटें के बारे में विस्तार से जाना। इसके अलावा Causes of Spinal cord injury, रीढ़ की हड्डी की सूजन की जटिलता ,रीढ़ की हड्डी के घावों के प्रकार ,स्पाइनल कॉर्ड इन्यूरी फिजियोपीडिया के प्रकार आदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

मुझे उम्मीद है कि आपको यह Types of Spinal cord injury के लेख पसंद आया होगा। परंतु आपको इस चोट से जुडी कोइ भी प्रश्न है तो आप हमें मेल या कॉमेंट जरुर करे।

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