Physiotherapy For Spinal Injury: रीढ़ की हड्डी की चोट में फिजियोथेरेपी इलाज क्या है?

Physiotherapy for spinal injury news:  रीढ़ के हड्डी में चोट आना एक गंभीर समस्या होती है जो आदमी जीवन को बदल कर रख देती है इन सभी चीजों का उल्लेख हमने अपने पिछले लेखों में विस्तार से किया है लेकिन इस लेख में हम स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी में होने वाली फिजियोथेरेपी इलाज के बारे में जानेंगे। कि क्या फिजियोथेरेपी इलाज स्पाइनल इंजुरी में पुनः ठीक में हमारी मदद कर सकती है, फिजियोथेरेपी इलाज रीढ़ की हड्डी में कैसे करे, कौन सा फिजियोथेरेपी इलाज स्पाइनल इंजुरी में अच्छा होगा और कहा पर।

Physiotherapy For Spinal Injury: रीढ़ की हड्डी की चोट में फिजियोथेरेपी इलाज क्या है?
Physiotherapy for spinal injury

इस प्राकार की कई सारी बातें होती हैं जिसका हम निचे लेख में विस्तार से जानेंगे। उससे पहले हम यह जान ले कि spinal cord injury physical therapy exercises, फिजियोथेरेपी उपचार होता क्या है!

फिजियोथेरेपी उपचार होता क्या है!(physiotherapy for spinal injury)

फिजियोथेरेपी उपचार एक प्रकार का चिकित्सा उपचार होता है जो किसी भी व्यक्ती के शारीरिक स्वास्थ्य और कोई अन्य शारीरिक समस्याओं को सुधार लाने के लिए किया जाता है. फिजियोथेरेपी की मदत से हम शारीरिक चिकित्सा और लगातार अभ्यास के माध्यम से भिन्न भिन्न रोग, चोट या अन्य तरह की शारीरिक समस्याओं का उपचार करते है.

जिसमें विशेषज्ञ फिजियोथेरपिस्ट की देख रेख रोगी को विभिन्न प्रकार की व्यायाम, मसाज, ताप, बिजली और अन्य आधुनिक शारीरिक तकनीकों का उपयोग करके उपचार करते हैं, जिसका उद्देश्य रोगी को स्वस्थ और पुनः सक्रिय जीवन जीने सक्रिय जीवन जीने के लिए सहयोग करना होता है. और उससे व्यक्ती की स्वास्थ्य में सुधार हो सके।(Physiotherapy For Spinal Injury)

यह चिकित्सा पद्धति मरीज के अक्सर घात,मर्जी, लक्षण चोट, साइकलिक रोग , असमर्थता, या अन्य शारीरिक समस्याओं का इलाज करने में मदद करती है. जिसमे कुछ जन्मजात बिमारी या लक्षण भी होती है और हाथ पाव मे चोट या टेढ़ा हो जाना स्पाइनल इंजुरी होना आदि शामिल हैं। इस प्राकार की चिकित्सा अस्पतालों या अन्य फिजियोथेरेपी केंद्रों में उपलब्ध होती है।

फिजियोथेरेपी उपचार अलग अलग रोग या लक्षण के लिए अलग अलग होती है जिसमें मुख्य तौर पर तापक उपचार, आकस्मिक, इलेक्ट्रोथेरेपी, निर्देशिका, मानसिक फिजियोथेरेपी, व्यायाम थेरेपी, हाथों और पैरों की मसाज बालग्रीव, उच्च और निम्न तापमान थेरेपी, सामग्रीपरीक्षा उपचारी व्यवस्था तथा स्थायी विपरीत बल प्रणाली जैसी कई उपचार होती हैं।(Physiotherapy For Spinal Injury)

रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद फिजियोथेरेपी इलाज

Physiotherapy For Spinal Injury: रीढ़ की हड्डी की चोट में फिजियोथेरेपी इलाज क्या है?
Physiotherapy for spinal injury

( physiotherapy treatment for spinal injury quotes )स्पाइनल इंजुरी के बाद व्यक्ती की पुनः ठिक होने के लिए मुख्य रुप से कई तरह की फिजियोथेरेपी इलाज होता है जो निचे दिए गए हैं –

क्रायोथेरेपी:

क्रायोथेरेपी ट्रीटमेंट के तहत व्यक्ती का तापमान को कम करती है साथ ही शरीर में दर्द और सूजन को कम करके इलाज तथा पुनः रिकवरी को बढ़ावा देती है।

एफईएस:

इस इलाज के तहत स्पाइनल इंजुरी के कार्यात्मक विद्युत उत्तेजना वाले रोगी को खड़े होने में, चलने, पकड़ने तथा बैठने आदि की अनुमति देने के लिए हाथ पैर जांघ की मांसपेशियों को नियंत्रित करने और ताकत देने के लिए विद्युत उत्तेजक का उपयोग किया जाता है।

 श्वसन प्रशिक्षण:

स्पाइनल इंजुरी होने पर श्वसन तंत्र प्रभावित हो जाता है। जिसके लिए प्रमुख उपचार किए जाते हैं. जो physiotherapy treatment for spinal injury levels निम्न हैं:

C3-5 डायाफ्राम,

C3-8 स्केलीन,

C5-T1 पेक्टोरेलिस,

T1-11 इंटरकोस्टल

T6-12 उदर.

जब किसी का फिजियोथेरेपी किया जाता है तो उस वक्त स्पाइनल इंजुरी व्यक्ति की स्थिती को देखते हुए जैसे स्राव निकासी और वेंटिलेटरी तकनीक तक भी उपचार दीया जाता हैं स्राव निकासी तकनीकों इलाज में टक्कर, कंपन,  आसनीय जल निकासी और सक्शन आदि भी शामिल हैं।( Physiotherapy For Spinal Injury)

वहीं और ज्यादा स्थिती गंभीर है तो वेंटिलेशन तकनीकों में पोजिशनिंग, प्रोत्साहन स्पिरोमेट्री, एब्डोमिनल, गहरी सांस लेने के व्यायाम, बाइंडर्स और मांसपेशी प्रशिक्षण आदि उपचार दी जाती हैं।

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गति अभ्यास की सीमा:

स्पाइनल इंजुरी होने पर गति की सीमा कम हो जाती हैं तो उस स्थिती में गतिहीनता को बढ़ावा दी जाती हैं, ऐंठन मांसपेशियों की टोन में वृद्धि दी जाती हैं खराब स्थिति के कारण संकुचन को रोकने का प्रयास किया जाता है।

स्ट्रेचिंग व्यायाम:

फिजियोथेरेपिस्ट एक ऐसा इलाज होता है जिसके तहत व्यक्ती लंबी स्थिति में शुष्क से बचाने के लिए, बॉडी टेढ़ा न हो, पैर हाथ सीधा रहें इसके लिए स्ट्रेचिंग, संपीड़न और निरंतर गहरे दबाव तथा गर्मी जैसी अन्य तकनीकों का इलाज किया जाता है।(Physiotherapy For Spinal Injury)

दबाव अल्सर की रोकथाम:

सिर के पीछे, लैट्रिन के रास्ते से ऊपर त्रिकास्थि जिसे पुंछ कहते है और स्कैपुलस तथा एड़ी ऐसे अंग हैं जहां लेटने पर या खड़ा होने पर दबाव पड़ने का खतरा होने का डर रहता हैं. वहीं ग्रेटर ट्रोकेन्टर तथा मैलेओली में व्यक्ती का  लेटने की या खड़े होने की संभावना अधिक होती है और इस के लिए व्यक्ति को रोलिंग व्यवस्था, गतिशीलता और त्वचा मॉइस्चराइजिंग आदी किया जाता हैं।(Physiotherapy For Spinal Injury)

सुदृढ़ीकरण व्यायाम:

मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए, घाव आदी न हो उसकी सुरक्षा के लिए प्रगतिशील व्यायाम या योगा जैसे अलग अलग प्रशिक्षण, कार्यात्मक शक्ति प्रशिक्षण दिया जाता है और यह प्रकिया 8 से 12 बार दोहराया जाता हैं जो दिन भर में 1 से 3 बार और हर बार के बीच में कुछ मिनट का आराम दिया जाता हैं। और यह सप्ताह में तीन बार ही केवल किया जा जाता है।

बिस्तर की गतिशीलता और स्थानांतरण:

रोगी को बिस्तर की गतिशीलता में कई तरह की समस्या उत्पन्न होती हैं जैसे में करवट लेना, पेट बल सोना, पीठ बल लेटकर लंबे समय तक बैठे रहना, लंबवत उठाना और बैठना सिखाया जाता, बिना सहारे के उठना, बैठना सिखाया जाता है।(physiotherapy for spinal injury best)

व्हीलचेयर (WC) गतिशीलता:

C1 से C4 के स्पाइनल इंजुरी टेट्राप्लाजिया वाले व्यक्ति को थोड़ी सी गति बाली , सिप, पफ अथवा हेड ऐरे द्वारा  संचालित व्हीलचेयर की जरुरत होती है, वहीं C5 स्पाइन इंजुरी व्यक्ती टेट्राप्लाजिया के व्यक्ती को हाथ की गति से नियंत्रित करने वाली व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना हैं।

C6 से C8 वाले स्पाइनल इंजुरी व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से मैनुअल व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। जिसे वो अपने हाथ से नियंत्रित कर सकें।(physiotherapy for spinal injury at home)

C8 से ऊपर यानी T 1 से लेकर T 12 तक के स्पाइनल कार्ड इंजुरी वाले व्यक्ति को भी मैन्युअल व्हीलचेयर का ही इस्तेमाल करना चाहिए। जो स्वतंत्र रूप से काम कर सके।

L 1 से L 5 वाले स्पाइनल इंजुरी व्यक्ति खुद को सुरक्षित और मजबूत साथ ही ज्यादा गतिशीलता सुनिश्चित करने वाले मरीज होते हैं जो मुड़ना, खेलना, दरवाजे खोलना और बंद करना, स्नान करना, पढ़ाई लिखाई, चारों ओर घूमना फिरना, ऊपर नीचे की ओर आना जाना सिखाया जाता है, और वह इसके लायक होता है तो एसे स्थिति में किसी भी प्राकार का whealchair इस्तमाल कर सकता है।

चाल और खड़ा होना:

अगर कोई व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई है तो बेशक वह आदमी चल फिर नहीं कर सकता है और नहीं खुद की पैरों पर वह खड़ा हो सकता है तो एसे व्यक्ती पुरी तरह से नवजात बच्चे की तरह हो जाते हैं और उन्हे पुनः खड़ा करने के लिए, चलने के लिए छोटे से बच्चे की तरह अभ्यास कराया जाता हैं प्रशिक्षण दीया जाता हैं।(Physiotherapy For Spinal Injury)

जिसके लिए संतुलन व्यायाम फिजियोथेरेपी गतिविधियाँ कराई जाती हैं हालाकि इन सभी चीजों के लिए खड़े होने के लिए या चलने के लिए कई सारी बातें पर निर्भर करती है जैसे मे पैरों में ऐंठन, हड्डियों में खनिज घनत्व की कमी ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन, इच्छा शक्ती, मूत्राशय नियंत्रण और आंत्र कार्य शामिल हैं। और इन सभी चीजों को बारीकी से करने के लिए स्टैंडिंग फ्रेम, टिल्ट टेबल तथा स्टैंडिंग व्हीलचेयर जैसे आदी उपकरणों का उपयोग कर व्यक्ति पुनः ठीक होने में कायम्याब हो सकता है।

स्पाइनल इंजुरी व्यक्ति ऑर्थोस या घुटने-विस्तार स्प्लिंट का इस्तेमाल करके दीवाल आदी के सहारे खड़े होने में सक्षम हो सकते हैं। इसके अलावा घुटने-टखने-पैर और कूल्हे-घुटने-टखने-पैर के ऑर्थोस तथा अन्य चलने वाले सहायक उपकरणों का इस्तेमाल करके स्पाइनल इंजुरी व्यक्ति चाल प्रशिक्षण का अभ्यास कर सकते है।(physiotherapy exercises for spinal cord injury)

रोगी शिक्षा।

स्पाइनल इंजुरी व्यक्ति को मानसिक रूप से और मजबूत बनाने वाले व्यायाम करा के उसके आंतरिक मांसपेशी के समूहों की ताकत दी जाती हैं। दबाव के कारण घावों न हो जाए या गठन न हो इसे रोकने और हाथ-पैरों में गहरी  रक्त के थक्कों के गठन को रोकने की प्रयोग दी जाती है।

रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद के लिए व्यायाम

physiotherapy for spinal injury guidelines:  किसी भी व्यक्ति को जब रीढ़ की हड्डी में चोट लगता हैं तो उसके बाद के शुरुआती दिनों में, व्यक्ति निराश हो जाता है आलसी हो जाता हैं और बिस्तर पर पड़े रहने की इच्छा जाहिर करते रहता है. कुछ लोग तो जिंदगी से लड़ने के बजाए उससे समझौता कर लेते हैं और हार मान लेते हैं. जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसमे सबसे ज्यादा लोगो को परेशान ये बात करता है। कि इस बिमारी का कोई इलाज नहीं है।

दुसरी सबसे बडी अहम बात होती है कि व्यक्ति एक घर या एक मकान तक रह जाता हैं। उसका घूमना फिरना सब बंद हो जाता हैं वह व्हील चेयर पर आ जाता है. परंतु इसके लिए आपको हार नहीं मानना है और नही पुनः रिकवर होने का प्रयास को छोड़ना है और इस प्रयास में व्यायाम बहुत ही लाभप्रद साबित होता हैं। इस प्रकार की व्यायाम के जरिए आप ठीक होने के साथ साथ अपने बॉडी को एक्टिव भी रख पाते हैं। अतः आप को विपरीत, परिस्थितियों के सामना करते हुए, रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद व्यायाम को जारी रखना हैं। इससे एससीआई पुनर्वास में तेजी ला सकता है।

व्यायाम: योग:

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी रिकवरी में योग या फिर व्यायाम एक आदर्श है क्योंकि इसके विभिन्न चरणों और अलग अलग व्यायाम के जरिए आप हल्का खिंचाव स्वस्थ, श्वास पैटर्न आदि को प्रोत्साहित कर सकते है और साथ ही आपके पूरे दिन व्हीलचेयर पर बैठे या बेड पर लेटे रहने के दर्द को कम कर सकता है।(Physiotherapy For Spinal Injury)

जल एरोबिक्स:

यह स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ति को दिए जाने वाले प्रमुख कसरत में से एक है. जिसे हम वाटर थेरपी भी कहते है. इस प्रकिया में हम स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ति के बॉडी में होने वाले दर्द और घुटने, हाथो के जोड़ों के आघात को कम करने के लिए किया जाता है और ये कसरत आपके वजन को सहारा देने में भी काफी मदद करता है, भले ही आपने अपनी बॉडी के निचले हिस्से में गतिशीलता या संवेदना को पुरी तरह हिस्सा खो दिया हो।

भारोत्तोलन:

इस चीज़ के बारे में तो शायद सारे कोई जानते होगें कि वजन उठाने से हमारी मांसपेशियों को ताकत मिलती है और साथ में उसपे महत्वपूर्ण नियंत्रण हासिल करने में मदद भी मिलती है.भारोत्तोलन एक ऐसा कसरत है जिसे आप व्हील चेयर पर बैठे ही कर सकते हैं यह हमारी रीढ़ की हड्डी की चोट से अप्रभावित अंगो में ताकत बनाए रखने और लौटने में काफी मदद करता है।

एरोबिक्स:

आप स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ति है और चाहे आपका चोट का लेवल कोई भी क्यो न हो, आप अपने  व्हीलचेयर पर बैठे बैठे ही एरोबिक कसरत कर सकते हैं। हालाकी आपको रीढ़ की हड्डी की चोट का लेवल के अनुसार पहले अपने डॉक्टर से बात करें। और उनके दिशा निर्देश अनुसार ही करे।

रोइंग:( physical therapy exercises for back injury )रोइंग भी स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ति के लिए एक आदर्श एरोबिक कसरत है क्योंकि इसमें आदमी केवल अपने शरीर की ऊपरी हिस्से में गति लाने के लिए करता है. जिससे कि आप अपने बॉडी पर संतुलन बनाए रखें। और खुद को स्थिर करने में मदद करें।

चलना: यह गतिविधी सबसे महत्व पुर्ण हों जाता है एक स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी व्यक्ति ( physiotherapy exercises for spinal cord injury) के लिए। इस प्रकिया को आप यदि अपने डॉक्टर के दिशा निर्देश में करते हैं और साथ में एक सपोर्ट टीम के साथ, तो आप चलने में सक्षम हो सकते हैं. चलने की प्रक्रिया थोड़ा थोड़ा करके ही करें और जभी करें सपोर्ट से ही करें। ज्यादा करने से आप थक सकते है।

निष्कर्ष: –

आज हमने इस लेख में जाना कि रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद रिकवरी के लिए की जाने वाली फिजियोथेरेपी इलाज के बारे में, जिसमे हमने जाना कि स्पाइनल इंजुरी में फिजियोथेरेपी इलाज क्या है? फिजियोथेरेपी इलाज किस प्रकार से रीढ़ की हड्डी की चोट से उभरने के लिए बेस्ट उपचार है स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होने पर कौन कौन सी फिजियोथेरेपी इलाज जरुरी होता है spinal cord injury treatment में होम फिजियोथेरेपी इलाज क्या है। आदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

इसके अलावा हमने इस लेख में physiotherapy management of spinal cord injury ppt, physiotherapy management of spinal cord injury slideshare और physiotherapy management of spinal cord injury physiopedia आदी के बारे में जाना हैं।

मुझे उम्मीद है कि आपको यह रीढ़ की हड्डी की चोट के लिए फिजियोथेरेपी इलाज क्या है?physiotherapy for spinal injury acupuncture का लेख पसंद आया होगा। परंतु आपको इस चोट से जुडी कोइ भी प्रश्न है तो आप हमें मेल या कॉमेंट जरुर करे।

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