How To Be Happy : जीवन में खुश कैसे रहें | खुश रहने के उपाय, जानें किसी भी परिस्थिति में खुश रहने के तरीक़े

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Hamesha Khush Kaise Rahe : आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं आजकल दुनियां भर में लोग सभी प्राकार के सुख सुविधा होते भी दुखी क्यों है क्यों इतना परेशान हैं. और लोग इंटरनेट पर सबसे ज्यादा यह क्यों सर्च कर रहे हैं कि खुश कैसे रहा जाए, खुश रहने के लिए क्या करें, खुशी का अर्थ क्या है,How To Be Happy अर्थात सभी लोग तमाम सुख सुविधा होने के बावजूद मानसिक रूप से खुश रहना चाहते हैं. और लोग खुश रहने के तरह तरह फार्मूले ढूंढ रहे हैं. और यहीं कारण हैं।

How To Be Happy : जीवन में खुश कैसे रहें | खुश रहने के उपाय, जानें किसी भी परिस्थिति में खुश रहने के तरीक़े
How To Be Happy

कि हाल ही इंटरनेट पर एक ताजा आंकड़ा आया है कि वर्तमान समय में दुनिया में बहुत सारे लोग और परिवार हैं. जो खुश रहने के लिए अक्सर चिंतित रहते और तनाव में रहते हैं। और मै आपको बता दूं कि इनमें ज्यादातार लोग एसे हैं. जो काफी सम्पन्न हैं, अच्छी नौकरी है बड़ी बड़ी गाड़ी है बड़ा बड़ा फ्लैट है,तमाम तरह की सुख सुविधाएं हैं और पैसा भी है.( How To Be Happy )

इसके बावजूद ये सभी लोग अपने जीवन से खुश नहीं है. एक और बात बता दूं कि दुनियां में आज भी बहुत लोग हैं जो यह मानते है कि उनके पास यदि गाड़ी बंगला पैसा आ जाए तो उनका लाइफ अच्छा हो जाएगा। उनके लाइफ में खुशियां ही खुशियां आ जाएंगी।

और यही लोग अब इंटरनेट पर बडी तेजी से एक सवाल को सर्च कर रहे अपने लाईफ में खुश रहने के लिए क्या जरूरी है साथ ही खुश रहने के लिए क्या करें कैसे खुश रहा जाए। इससे भी बड़ी बात यह है कि अब दुनिया में ज्यादातर युवा पीढ़ी के लोग लोग नए दंपती जोड़ी खुश रहने के लिए इतने परेशान हैं। तो आइए जानते हैं खुश कैसे रहे जिंदगी में,how to be happy mindset, how to be happy motivational speech आदि।

Table of Contents

एक सकारात्मक प्रसन्न व्यक्ति कैसे बनें | समस्या के बावजूद खुश कैसे रहें? ( How To Be Happy )

एक सकारात्मक प्रसन्न व्यक्ति कैसे बनें | समस्या के बावजूद खुश कैसे रहें? ( How To Be Happy )
How To Be Happy

how to be happy mentally: सनातन धर्म में यह कहा जाता हैं कि अगर आप अपने प्राकृति के करीब रहते है उसके साथ जीवन जीते हैं और प्राकृति को अपनत्व के रुप में देखते हैं तो एसे में आपके जैसा खुशी इंसान दुनिया में कोई नहीं है और ठीक इसका उल्टा करते हैं तो यही चीज़ व्यापार बन जाएगा। जिसको आप पाने के लिए उसे बेचते और खरीदते हैं जैसे हवा या पानी को ही देख लो आप।

और यहीं चीज़ अब हमें खुश रहने के लिए करना पड़ रहा है. दुनियां की बडी कंपनियों ने अब खुशी को अपना एक प्रोडक्ट बना दिया है, साथ ही खुशी एक कमोडिटी बना दिया है. और लोग अब इन्ही खुशी बाजारों से खरीद भी रहें हैं. अर्थात पैसा दो और खुशियां पाओ। ( How To Be Happy )

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा वर्तमान समय में विश्व भर में खुशी का उद्योग भारतीय रूपए 124 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. और इससे आप यह समझ सकते है कि लोग किस कदर तमाम सुख सुविधा होने के बावजूद भी अपनी से दुःखी हैं. इस व्यापार में भारत भी एक बड़ा मार्केट बन गया है.

और एक आंकड़ा के मुताबिक भारत में खुशी के 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक वर्तमान समय में हैं जो खुशी को ढूंढ रहे हैं खुशियां को पैसे से खरीदना चाहते हैं और इन सभी का कारण तनाव हैं जो कि अब वह खुश रहने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं।

सोशल मीडिया से खुशी कैसे मिलेगी? ( How To Be Happy )

लोग इस कदर अपने जीवन से उदास है कि वह नए नए तरीकों को गूगल पर ऑनलाइन ढूंढ रहे हैं कि क्या सोशल मीडिया से आदमी खुश रह सकता है और यदि रह सकता है तो फिर कैसे? तो आपको बता दूं कि इस समय कई सारे एसे सोशल मीडिया साइट हैं जिनका काम खुशी बेचना है और यहीं कारण है कि लोग आजकल अपने परिवार दोस्त संग समय कम व्यत्तित कर रहे हैं और सोशल मीडिया साइट पर ज्यादा समय दे रहे हैं रील्स, वीडियो, कॉन्टेंट आदी देख रहे हैं.

जो लोगों को कुछ पल के लिए ही सही चेहरे पर मुस्कान दे रहा है और उनका मनोरंजन कर रहा है. और यह सच है जैसे मै एक उदहारण दे रहा हूं आपको कई बार लोग जब अकेला होते हैं तो वह अपने फ़ोन को बार बार चेक करते हैं और खोलते हैं साथ ही reeels वीडियो आदी देखते भी है.( how to be happy after breakup)

लोग शॉर्ट वीडियो या रिल्स इस लिए देखते हैं ताकी पल भर के लिए ही सही उनका मूड चेंज हो जाए और वो जिस वजह से परेशान हैं उसे भूल सके। चिंता मुक्त हो सकें,स्ट्रेस और तनाव से कुछ देर के लिए अपने आप को बाहर निकाल सकें। कुछ लोग तो एसे होते हैं कि अपने आप को मोबाईल के दुनियां में ही खो जाते है जिससे वो अपने अतीत को भूल जाए।( How To Be Happy )

नाखुश होने का कारण:-

( How To Be Happy ) वर्तमान समय में युवा पीढ़ी हमारी सबसे ज्यादा खुश रहने के परेशान हैं जिसमे 20 साल से 40 साल तक के लोग शामिल हैं. और इस पेरशानी का सबसे बड़ा कारण है. थकावट अर्थात लोग अब अपने कामों से जल्दी थक जाते हैं. अमेरिका की मशहूर टाइम मैगजीन ने हाल ही में कई देशों के युवा पीढ़ी के लोगों के इस बदलते व्यवहार और स्वभाव का गहन से अध्ययन किया और यह बताया कि मौजूदा सदी थकावट का सदी है।

और इस वजह से हमारी नई युवा पीढ़ी तनाव, स्ट्रेस और चिंताओं से इतनी ज्यादा घिरी हुई है कि अपने आप को थका हुआ महसूस करती है जिस वजह से यह नई पीढ़ी अब वह सब कुछ करना चाहती है जिससे तनाव को कम किया जा सके जिससे इस तनाव, स्ट्रेस और थकावट को कम किया जा सके।

आपको बता दूं कि अब की जो नई पीढ़ी हैं जो सुबह उठते ही थकावट महसूस करते हैं यहां तक कुछ लोग बिस्तर से निकले नहीं घर से निकले नहीं और नही कोइ हार्ड काम काम किया,फिर भी खुद को थका हुआ है दिमाग थका हुआ महसूस करते है जैसे कि इस समय पूरी दुनिया में बेयर मिनिमम मंडे का एक नया ट्रेंड आया हुआ है।

बेयर मिनिमम मंडे क्या है:?

बेयर मिनिमम मंडे क्या है:?
How To Be Happy

( How To Be Happy ) सबसे पहले आपकों बेयर मिनिमम मंडे का मतलब को समझना होगा। बेयर मिनिमम मंडे के तहत पुरी दुनिया के बहुत सारे नौकरी पेशा वाले लोगों ने यह संकल्प लिया है कि वह हफ्ते के पहले दिन अर्थात सोमवार को अपने दफ्तर या फिर अपने घर में ज्यादा काम नहीं करेंगे और अपनी शरीर की अपनी ताकत और अपनी पूरी एनर्जी को पूरे हफ्ते के लिए बचा कर रखेंगे। जीतना वह बचा सकें। इसे आसान भाषा में हम समझाते हैं आपकों निचे

आप सभी ने मंडे ब्लूज का नाम तो जरूर सुना ही होगा जिसमे शनिवार इतवार की जब छुट्टी होती है और फिर सोमवार को ऑफिस या काम पर जाना होता है तो लोग उस रविवार रात को ही परेशान होना शुरू हो जाते है. उन्हें पहले ही चिंता और तनाव हो जाता है कि अगले दिन ऑफिस जाना है और लोग अपने परिवार में बाते करने लगते है कि कल मुझे ऑफिस जाने का मन नहीं है  और इसी को मंडे ब्लूज कहते हैं।( How To Be Happy )

अर्थात सोमवार हफ्ते का पहला दिन होने के साथ साथ
सोमवार की चिंता का दिन भी है और दफ्तर जाने का भी पहला दिन है. और यह पूरी दुनिया में क्वाइट क्विटिंग का एक नया ट्रेंड बन गया हैं जिसमे लोग यह मानते है कि जरूरत से ज्यादा काम करना अपने शरीर को थका देना है. कोइ भी लोग एक्स्ट्रा काम नहीं करना चाह रहे हैं

कोइ भी लोग हों चाहें वो किसी बड़े कम्पनी में काम करता हो या फिर कोइ छोटा मोटा बिजनेस मॉडल करता हों, वह उस काम को उतना ही करना चाहता है जीतना उसे जरुरत है. अर्थात वह धीरे धीरे अपने काम से क्विट कर देते हैं.( How To Be Happy )

स्वेच्छा से अपनी नौकरी छोड़ने का कारण:-

( How To Be Happy )  वैसे लोग जो अपनी खुद की मर्जी से नौकरी छोड़ रहे हैं या छोड़ दिया है हाल के वर्षो में, उसे हम इंग्लिश में मास रेजिग्नेशन या ग्रेट रेजिग्नेशन कहते है जो एक विकसित देशों में खासकर ट्रेंड बन गया हैं. और इसका भी सबसे प्रमुख कारण हैं लोगो के ऊपर मानसिक थकावट होना । जिस वजह से दुनिया में करोड़ों लोगों ने स्वेच्छा से अपनी नौकरी छोड़ दी थी ।

या फिर अपनी नौकरी छोड़ना शुरू कर दिया था अपनी नौकरी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया था. जिसका मुख्य कारण है इन लोगों के लाइफ के बीच में आने वाली ये नौकरी वाली स्पीड ब्रेकर। इनमें से ज्यादातर लोग यह मानते थे कि नौकरी इनकी खुशी के बीच एक बाधा बन गया हैं. और इस वजह से वो लोग अपनी नौकरी से खुश नहीं है. लाखों रूपया कमाने और ऐश आराम के बावजूद भी ये परेशान है, चिंतित हैं तनाव में हैं।

जिसके बाद इन लोगों को ऐसा लगा कि ये सारी परेशानी का जड़ यह नौकरी ही है तो क्यों न हम इस नौकरी को ही छोड़ दे। और यह ट्रेंड इतना ज्यादा बढ़ा था कि दो या तीन वर्ष पहले मास रेजिग्नेशंस का एक मुहिम चली थी. और यह मुहिम इस लिए चला था क्यों कि लोग अपने आप को थका हुआ महसूस कर रहे थे, लोग चिंतित थे और साथ में कोविड की वजह से लोग घरों में रहने पर मजबूर हो गए थे जिस कारण एक अजीब सी मानसिक स्थिति पैदा हो गई थी।

और हजारों लाखों की संख्या में लोगों ने अपनी नौकरियां छोड़ना शुरू कर दिया था, जिसे जब लोगों से इसका कारण पूछा गया तो उनका मानना था कि जिंदगी बहुत छोटी है और ना जाने कब मौत आ जाए. इसलिए अब बचे हुए जिन्दगी को अपने परिवार के साथ बिताना चाहते हैं और हम खुश रहना चाहते हैं हम किसी भी प्राकार से परेशान नहीं रहना चाहते हैं।( How To Be Happy )

देखिए यहां कुछ उल्टा हो रहा है कि लोग खुश रहने के लिए अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं अपने परिवार के साथ टाइम देने के लिए नौकरी छोड़ रहे हैं और ये बात हम उन आधुनिक कल्चर वाले देशों की बात कर रहे हैं. हालाकी इस तरह का हमारे देश भारत में भी देखा गया था जो कि कम था। अब आप क्वाइट क्विटिंग और मास रेजिग्नेशंस के बारे में अच्छी तरह से समझ चुके होंगे।

साथ ही आप यह अच्छी तरह से समझ चुके होंगे कि ये खुश रहने के लिए बडी सैलरी, बड़ा बंगला, बड़ी गाड़ी और अच्छी नौकरी ही काफी नहीं है बल्कि कुछ टाइम अपने घर परिवार और दोस्तों रिश्तेदारों के लिए भी जरुरी है और तभी हम खुश रह पाएंगे।( How To Be Happy )

दुःख की बात है कि अब खुशी एक प्रोडक्ट बन गई है जो कि देश दुनियां की बड़ी बड़ी बाजार में बहुत ज्यादा पैसा खर्च करने के बाद भी लोगों को मिल नहीं रही। लेकिन

खुशी की परिभाषा क्या है?, खुश कैसे रह सकते हैं।

खुशी की परिभाषा क्या है?, खुश कैसे रह सकते हैं।
How To Be Happy

( How To Be Happy ) यह कठिन सवाल है क्यों कि एक ऐसा चीज है जिसे हम एक व्यक्ती के आधार पर नही बता सकतें हैं और यही कारण हैं कि खुशी की कोई एक परिभाषा नहीं है बल्कि कई सारी परिभाषा है जिसे लोग अपने अपने अनुसार तय किए हुए हैं. हालाकी वैज्ञानिक मानते हैं कि कोई भी ऐसी भावना जो आपको अंतर मन से संतुष्टि दे वही  भावना सबसे बड़ी खुशी है और यहां खुश व्यक्ति वहीं है ।

जो अपने आसपास मौजूद चीजों से पुर्ण संतुष्ट रहता है और उससे खुश भी रहता है। एक उदहारण के लिए – कई सारे लोग हैं जो प्राकृति से प्यार करते हैं और जब भी वह अपने आसपास या टूर के दौरान ऐसी किसी नई प्राकृति चीज को करीब से देखा जिसे वो इस से पहले कभी न देखा हों तो वह उस समय मन और हृदय से काफी खुश नजर आता है।

तो कई लोग घूमने फिरने या पहाड़ पर्वत पर चढ़ने, बर्फ बारी का आनंद लेने, खाने से या फिर किसी व्यक्ती या महिला से मिलने मात्र से भी कई लोगों को खुशी मिलती है और एसी हजारों चीज है जिसे लोग खुश होते हैं जिस लिख पाना मुश्किल है।

भारत में किन चीजों में लोग खुशियां मानते हैं।( How To Be Happy )

यह सवाल भी कठिन है क्योंकि पूरे भारत भर के लोगों के बारे में बता पाना कि एसा कौन सी चीज़ है या कारण हैं जिससे भारतीए लोग उसे अच्छा जीवन शैली मानते है और यह मानते है कि अगर उन्हे वो चीज़ मिल जाए तो वो उनका जीवन अच्छा हों जायेंगे और हमेशा खुश रहेंगे। तो आपको बता दूं कि भारत में आज भी मिडिल क्लास लोगो की संख्या ज्यादा है और उनमें से ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि अगर उनके पास अच्छी नौकरी, बड़े शहरों में घर, बड़ा मकान, नौकर,बॉडी गार्ड, कार, बाइक आदी हों जाएं तो वह सम्पन्न व्यक्ति कहलाएंगे।

उनकी आदर भाव, मान सम्मान बढ़ जायेगा उनका शक्ति बढ़ जायेगा और तब वो उनके जीवन में खुशियां ही खुशियां होगी और दुःख दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। उन्हे कभी कोई चिंता, तनाव या स्ट्रेस नही आ सकता हैं. लेकिन ये गलत है इस प्राकार की भौतिक सुख क्षण भर के लिए होता हैं. इस तरह की स्थाई नहीं होती। और इनका जीतना सम्भव हो कम इस्तमाल करना चाहिए।( How To Be Happy )

घर परिवार और दोस्तों से मिलती है खुशी:

घर परिवार और दोस्तों से मिलती है खुशी:
How To Be Happy

( How To Be Happy ) खुशी एक ऐसा चीज़ है जिसे आप अपने माता पिता भाई बहन दोस्त रिश्तेदार से ले सकते हैं और उन्हे खुशी दे भी सकते हैं. खुशी का यहां मतलब कुछ अलग हो जाता हैं और आप अपनो के बीच रहकर खुश रह सकते हैं जैसे जब आप कभी अपनो घर परिवार दोस्ती के साथ होते हैं तो एक अलग सा फिलिंग होता हैं मन हल्का और संतुष्ट होता हैं.

इसका मतलब यह हुआ कि जभी हम अपनो के बीच होते हैं घूमते फिरते, बात करते, साथ खाते पीते या सोते तो अच्छा लगाता हैं और यहीं खुशी होती है.और ये सब एसी खुबसूरत रिश्ता होता हैं जिसके लिए आपको कोइ पैसा ख़र्च नही करना पड़ता है और नहीं इसके लिए आपको कहीं भटकना पड़ता हैं ये वो सुंदर और अनमोल रिश्ता होता हैं।

जो आपके अच्छे बुरे समय में भी सहयोग करते हैं. और ये भी बिलकुल मुफ्त होते हैं और यहीं रिश्ता हमें हंसाता भी है. और हमारे मुश्किल के वक्त भी काम आते हैं इन रिश्तों का पैसों से कोई लेना देना नहीं होता है बल्कि अच्छी व्याहर ही काफी होती हैं।

खुशी का अर्थ भौतिक सुख या वस्तु नहीं होता है:

बहुत लोगो का यह मानना होता हैं कि बड़े बड़े नौकरी करने वाले, पैसा वाला, बड़ा घर वाला, नेता वा अभिनेता
जैसे लोगो के पास तमाम सुविधाएं हैं तो वो लोग अपने जीवन में बहुत खुस रहते होंगे। या वैसे लोग जो पैसे या फिर पैसे से खरीदी हुई भौतिक वस्तु में सुख और शांति देखते हैं अथवा वैसे लोग जो मार्केट में खुशी को ढूंढ रहे हैं ।

उन्हें कम से कम इतना तो पता होना चाहिए कि खुशी असल में बिल्कुल मुफ्त होती है आप अगर अभी हंसना चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी को कोई पैसा देने की जरूरत नहीं है और नही फीस देने की आवश्यकता होती है।( How To Be Happy )

लेकिन आजकल मुख्य समस्या यह है कि जिन चीजों में हमे खुशी मिलती है उन्हें तो लोग करना या देखना ही नहीं चाहते। बल्की वो तमाम खुशियां और खुश रहने की वजह भी प्राकृति ने हमे हमारे अंदर दी हुई हैं हमारे आस पास दी हुई हैं हमारे अपनो के बीच दी हुई हैं। और उसे हमे इन्ही सब जगहों पर देखना चाहिए, और खुद को खुश रखने चाहिए।

क्या खुशी का मतलब सफलता है 🙁 How To Be Happy )

यदि आप अमीर हैं तो क्या आप खुश रह सकते हैं? जी बिलकुल भी नहीं,खुशी का मतलब सफलता कतई नही हो सकता है हां अगर हम कुछ अपवाद छोड़ दे तो। अगर आप खुशी को सफ़लता से जोड़ कर देखते हैं तो इसका मतलब है कि आप यह मानते थे कि चमक धमक भौतिक वस्तुएं, महंगे कपड़े, ऐश आराम जैसे आदि चीजों से खुशियां मिल जाएंगे तो आप बिलकुल गलत हैं।
इसका एक उदाहरण देता हूं,

भारत रत्न से सम्मानित देश की सबसे लोकप्रिय गायिका स्वर्गीय लता मंगेशकर के पास उनके लंबे जीवन काल में सब कुछ मिला , लोगो का प्यार मोहब्बत, पैसा गाड़ी या बंगला यहां तक की बड़े बड़े आवार्ड, भारत रत्न से भी सम्मानित हुई। लेकिन क्या आपको पता है कि वह इतनी ज्यादा सफल होने के बाद भी अक्सर किसी कार्य क्रम में या मीडिया जगत से यह कहा करती थी।

कि अगले जन्म में वह फिर से लता मंगेशकर नहीं बनना चाहती क्योंकि दुनिया ने लता मंगेशकर के आसपास की चका चौक को तो देखा है उनके बढ़ती हुई स्टारडम को देखा है उनकी ऊंची शोहरत को देखा है,उनके पैसे को देखा है,( How To Be Happy )

उनके स्टेटस को देखा है सफलता को देखा है लेकिन उस सफलता के पीछे उन्हे कितना दुख तकलीफ झेलना पड़ा है कितना अंधेरा था वह अपने इन बाहरी भौतिक सुख से खुश होते हुए भी खुश नही रही कभी, और ये सब लोगों को नहीं देखा उस सफलता के पीछे उन्हें उस खुशी को कैसे त्याग की।( how to be happy completely alone)

और इन्ही सब बातें को लेकर अकसर लता मंगेशकर कहा करती थी कि वो अगले जन्म में एक साधारण महिला बनकर हासिल करना चाहती है और यहां बात सिर्फ लता मंगेशकर की नहीं है आपकों बता दूं कि लता मंगेशकर के अलावा दुनियां बहुत सारे एसे लोग हैं जो सब चीज से सम्पन्न होते हुए भी खुश नही है और वो लोगों को कह भी नहीं पाते हैं. लता मंगेशकर ने तो अपने दिल की बात कहती थी कि अब अगले जन्म में वह लता मंगेशकर नहीं लता बनना चाहती है ताकि वह खुश रह सके।

चार्ली चैपलिन , मशहूर डांसर से लेकर दुनिया का पहला परमाणु बम बनाने वाले अमेरिका के वैज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपन हाइमर ने ना जानें दुनिया ने कितनी सफलता देखी, लेकिन उस सफलता के पीछे उन लोगों के जीवन में कितने दुख थे, कितने विपदा थीं कितना अंधेरा था और कितना तनाव थी कितनी चिंताएं थी कितनी इनसिक्योरिटी थी साथ ही असुरक्षा की कितनी भावना थी। ये कोई नही जानता है।( How To Be Happy )

सबसे बड़ा कड़वा सच यह है कि आप बड़े बड़े वैज्ञानिक को देखते हैं नेता अभिनेता सिंगर खिलाड़ी आदि को TV पर देखते हैं न्यूज अखबार में देखते हैं इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वो अपने जीवन से खुश हैं बल्की वहीं दूसरी तरफ़ अगर आप देखें तो कई बार एक लोग झोपड़ी में सूखी रोटी खाकर सोने वाला परिवार ही ज्यादा खुश होता है उन बड़े बंगले में मखमल के बिस्तर पर सोने अमीर धनी परिवार से।

खुश रहने के लिए किन हार्मोन की आवश्यकता होती हैं।

( How To Be Happy )  क्या आप यह जानते हैं कि खुशी का अपना एक विज्ञान होता है एक आइडिया होती हैं और अगर आपके पास भी ये मौजुद हैं तो बेशक आप भी खुश रह सकते है और यदि आप भी खुश रहना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुल चार हार्मोन की आवश्यकता होगी या फिर आप यह कह सकते हैं कि उससे दोस्ती करनी होगी जो आपके मन मस्तिष्क के अंदर खुशी की भावना को पैदा करते हैं।

तो आइए जानते हैं खुशियों के फार्मूला के बारे में और ये  फार्मूला सिर्फ इमोशनल या मानसिक नहीं है बल्की यह फार्मूला शारीरिक भी है जो कि विज्ञान पर आधारित है। इस फार्मूला की सबसे ख़ास बात यह है कि बिल्कुल ही मुफ्त है यानि कि ये खुशी मुफ्त में मिलती है इसके लिए कोई पैसा खर्च नही करना पड़ता हैं।( How To Be Happy )

खुशी वाले हार्मोंस के प्रकार: ( How To Be Happy )

खुशी वाले हार्मोंस कुल चार प्रकार के होते हैं इस में पहले हार्मोन का नाम है डोपामाइन दूसरे का नाम है सेरोटोनिन और तीसरे तथा चौथे का नाम ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हार्मोन है.यहीं वह चार हार्मोंस हैं जिनके हमारे या आपके शरीर में रिलीज होने से आपको खुशी मिलती है और संतुष्टि की अनुभूति होती हैं।

नींद अच्छी आती हैं मुड़ हमेशा आपका कूल रहेगा और अच्छा भी बना रहेगा, गुस्से नहीं आते है तनाव कम हो जाती हैं और आप खुश रहेंगे। हालाकी उससे पहले हमे इन चार हार्मोन से दोस्ती करना होगा। जिसके लिए आपको ज्यादा कुछ करना नहीं है बस छोटी-छोटी बातें करनी है।

पर्याप्त नींद लेना है: ( How To Be Happy )

खुशी वाले हार्मोन्स अगर चाहिए तो सबसे पहले आपकों पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। अर्थात प्रतिदिन कम से कम 7 घंटे आपको सोना चाहिए। जिसे बॉडी में ताजगी बनी रहें।

व्यायाम करना पड़ेगा: ( How To Be Happy )

खुशी वाले हार्मोन्स पाने के लिए दूसरा काम करना हैं कि आपकों प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज़ करते रहना चाहिए। और वह भी सुबह में। इस दौरान आपको योगा, अनुलोम विलोम प्राणायाम आदी करना चाहिए। इन कसरत को करने के बाद तनाव कम होता है

धूप में बैठे:( How To Be Happy )

खुशी वाले हार्मोन्स पाने के लिए तीसरा काम करना हैं कि आपको रोज अपने घर के बालकनी, छत या पार्क में बैठ कर कम से कम 10 मिनट धूप का सेवन करें।

पार्क या खुली जगह पर समय बिताए: ( How To Be Happy )

अगर कोइ व्यक्ती प्रतिदिन पार्क या अन्य प्राकृति जगह पर कम से कम आधे घंटे अकेले समय व्यतीत करते हैं और गुण गुनगुनाते हैं तो उनके बॉडी में खुशी वाले हार्मोन्स एक्टिव होते हैं।

साइलेंट वॉक : 

( How To Be Happy ) साइलेंट वॉक भी खुशी वाली हार्मोन्स को एक्टिव करने में हमारी मदद करता है।इसके अलावा भी आपकों और कई चीजों का ध्यान भी रखना हैं बल्की साथ में उन सभी चीजों या खाने पीने से भी खुद को बचाना होगा। जैसे:अपने मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

आवश्कता से ज्यादा खाना खाने से बचें।( How To Be Happy )

मार्केट के खाना और जंक फूड, फास्ट फूड कम खाएं, हां येदी चाहें तो आप इसके बदले में पौष्टिक आहार खाते  खिचड़ी खाएं ,सोयाबीन, हरी सब्जियां या फल आदी खाएं।

अगर आप इतना सब कुछ करते हैं तो आप यह यकीन मानिए कि इस खुशी को कोई आपसे छीन नहीं पाएगा । और हमेशा आपके बॉडी में हार्मोन्स एक्टिव होते रहेंगे।

Note: लेकिन आप यदि सिंगल लाईफ व्यतित करते हैं और सिंगल रहते भी है साथ ही बात बात पर गुस्सा करते हैं   व्यायाम योगा नहीं करते, अकसर फास्ट फूड ही खाते हैं  बार बार चाय पीने की आदत है तो ऐसे लोगों से खुशी वाली हार्मोन्स कभी दोस्ती नहीं कर पाता और फिर यही लोग इंटरनेट पर जाकर यह सर्च करते हैं।

FAQ For How To Be Happy?

Q.अपनी ख़ुशी कैसे सुधारें।

कृपया दिए गए लेख को अंतिम तक पढ़े सब कुछ दिया है।

Q.खुशियों को कैसे अपनाएं।

how to be happy पूरा लेख है पढ़े ध्यान से।

Q.जब आप ईर्ष्यालु हों तो किसी के लिए खुश कैसे रहें।

तो इसके लिए आपको दयालु प्रवृत्ति का बनना होगा।

Q.अवसाद के दौरान खुश रहना दिखाएं।

खुद को दोहराए, मै ठीक हु, मै खुश हूं इस से आपकी दर्द में आराम मिलेगा और आप खुश रहेंगे।

Q.खुश रहने के लिए कितनी मुस्कुराहट की जरूरत होती है।

इसे आंकड़ेभविष्यवाणी में बता पाना मुश्किल है।

Q .खुशी की भविष्यवाणी क्या है और हम कैसे खुश रह सकते हैं।

खुशी की कोई भविष्यवाणी नहीं होती है।how to be happy पर पुरा लेख है उपर पढ़े।

Q.खुश रहने के तरीके पर सर्वोत्तम पुस्तकें।

श्री मद भगवत गीता, खुश रहें हमेशा, जीत आपकी।

Q.बिल्कुल अकेले कैसे खुश रहें।

अकेले खुश रहने के साथ योगा, ध्यान करें, पार्क नदी समंदर किनारे टहले।( How to be happy)

Q .क्या खुश रहने के लिए आपका सफल होना ज़रूरी है?

नहीं बिल्कुल नहीं, सफल होने पर भौतिक सुख सुविधा मिल जाएंगे लेकिन मानसिक रूप से नहीं।( How to be happy)

Q.क्या मैं खुश रहने का निर्णय ले सकता हूँ?

हा क्यो नही, बिलकुल ले सकते हैं।

Q.मैं खुश रहने के लिए अपना जीवन कैसे बदल सकता हूं।

हा बदल सकतें है दया करुणा की भावना लाकर।

Q .क्या मैं अकेले खुश रह सकता हूं।

हां जी बिलकुल रह सकते हैं।

निष्कर्ष:-

कि खुश कैसे रहना है how to be happy in life खुश रहने के लिए क्या करे खुशी कहा पर बिकती हैं खुशी के लिए क्या उपाय करें, खुशी का मंत्र क्या है खुश रहने की फार्मूले क्या होते हैं खुशी के टिप्स की जानकारी आदी। इसलिए आज हमने आपको इस लेख में बिल्कुल मुफ्त के खुशी के फार्मूले बताए हैं खुशी के मंत्र और टिप्स आदी को बताएं हैं जिसके लिए आपको कोई भी पैसा खर्च नहीं करना होगा । यह सभी खुश रहने की टिप्स अमीर और गरीब सबके लिए बराबर है।

और अगर आप चाहे तो उपर दिए गए खुश रहने की हर एक जानकारी को अपनाकर खुश रह सकते हैं चाहे तो इस खुश रहने की उपाय को एक हफ्ता या 10 दिन ट्राई करके देखिए और फिर अगर आपको लगता है कि हमने अपने इस लेख के जरिए आपकी कुछ मदद की है खुशी दी है ( How To Be Happy ) तो फिर आप हमें धन्यवाद दे सकते हैं।

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