Brain Health अलर्ट: 3 चीजों से बनता है  डिमेंशिया का खतरा,अंदर से खोखला, अभी से कहें अलविदा!

Brain Health Ke liye Kya Nahi Khaye: हमारी सेहत की बात जब होती है तो अक्सर दिल, फेफड़े और शरीर की फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन दिमाग – जो पूरे शरीर को कंट्रोल करता है – उसकी सेहत भी उतनी ही जरूरी है। अगर दिमाग बीमार हो गया, तो पूरा शरीर उसका असर झेलता है।

Brain Health अलर्ट: 3 चीजों से बनता है  डिमेंशिया का खतरा,अंदर से खोखला, अभी से कहें अलविदा!
Brain Health kaise Strong Kare

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ब्रेन हेल्दी कैसे रखा जाए और कौन-सी 3 आम आदतें आपके दिमाग को धीरे-धीरे डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी की तरफ धकेल सकती हैं।

Brain Health Care Tips: न्यूरोसाइंटिस्ट्स और इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक, कुछ फूड हैबिट्स और कुकिंग स्टाइल्स ऐसे हैं, जिन्हें अगर समय रहते सुधार लिया जाए तो दिमाग को लंबे समय तक तेज़, हेल्दी और फोकस्ड बनाए रखा जा सकता है। आइए जानते हैं वो 3 आदतें जिन्हें छोड़ना जरूरी है।

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1. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) का सेवन – सीधा दिमाग पर वार

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) का सेवन – सीधा दिमाग पर वार

आजकल ज्यादातर लोग टाइम बचाने के लिए प्रोसेस्ड फूड या रेडी-टू-ईट चीजें ज्यादा खाते हैं। जैसे – चिप्स, बिस्किट, इंस्टेंट नूडल्स, पैकेज्ड स्नैक्स आदि। ये सब अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की कैटेगरी में आते हैं, जिनमें अत्यधिक मात्रा में शुगर, नमक, प्रिज़रवेटिव्स और अनहेल्दी फैट्स होते हैं।

Brain Health पर क्या खतरा है?

एक इंटरनेशनल स्टडी के अनुसार, अगर आपकी डेली कैलोरी का सिर्फ 10% हिस्सा भी यूपीएफ से आता है, तो आपके डिमेंशिया का रिस्क 25% तक बढ़ जाता है। इसके साथ ही ये फूड्स शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन), हार्ट डिजीज, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और यहां तक कि वक्त से पहले मौत की संभावना को भी बढ़ा देते हैं।

2. भोजन को हाई टेम्परेचर पर पकाना – ‘AGEs’ बनाता है ब्रेन के लिए ज़हर

अगर आप खाना ज़्यादातर ग्रिलिंग, डीप फ्राइंग या हाई फ्लेम पर पकाते हैं, तो ये तरीका भी आपके दिमाग की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

क्या होता है इसमें?

ऐसे हाई टेम्परेचर पर खाना पकाने से ‘AGEs’ (Advanced Glycation End-products) बनते हैं। ये तत्व ब्रेन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लेमेशन को बढ़ाते हैं, जो कि अल्जाइमर जैसी बीमारियों से जुड़ा एक बड़ा कारण माना जाता है।

Brain Health के लिए क्या करें?

स्टीमिंग, बॉयलिंग या धीमी आंच पर खाना पकाना बेहतर विकल्प है। इससे न्यूट्रिएंट्स भी बचते हैं और दिमाग को भी नुकसान नहीं होता।

3. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स – मीठा धोखा, सेहत का सौदा

कम कैलोरी और शुगर फ्री कहकर बेचे जाने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर्स जैसे एस्पार्टेम, सैकरीन, सुक्रालोज़ आदि को अक्सर लोग हेल्दी विकल्प मानकर यूज़ करते हैं। लेकिन कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से दिमाग और दिल दोनों को खतरा हो सकता है।

Brain Health पर कौन-कौन से रिस्क हैं?

आंत के बैक्टीरिया को बदल देते हैं, जिससे सूजन बढ़ती है

याददाश्त पर बुरा असर

स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का रिस्क

न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर्स (जैसे अल्जाइमर, डिमेंशिया) की आशंका

समय से पहले मौत का खतरा

क्या करें, ताकि दिमाग बना रहे स्ट्रॉन्ग और एक्टिव?

क्या करें, ताकि दिमाग बना रहे स्ट्रॉन्ग और एक्टिव?
All Image Credit By Istock

फाइबर से भरपूर, नेचुरल और अनप्रोसेस्ड फूड अपनाएं

खाना धीमी आंच पर पकाएं, डीप फ्राइंग से बचें

मीठे में नेचुरल विकल्प जैसे शहद या खजूर ट्राई करें Brain Health के लिए।

मेडिटेशन, योग और पर्याप्त नींद को दिनचर्या में शामिल करें

ब्रेन एक्सरसाइज (जैसे पजल्स, मेमोरी गेम्स) को रूटीन का हिस्सा बनाएं

निष्कर्ष:
अगर आप चाहते हैं कि बुढ़ापे में भी Brain Health Tips: उतना ही तेज़ और स्पष्ट सोचने वाला बना रहे, तो आज ही अपनी डाइट और कुकिंग हैबिट्स पर ध्यान दें। यूपीएफ, हाई हीट और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से दूरी बनाएं और हेल्दी, संतुलित जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।

(Disclaimer: यह लेख केवल जन जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी तरह की हेल्थ या डाइट संबंधी बदलाव से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)

Katyani Thakur
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