Share Market Crash: इन 5 कारणों से गिरावट, सेंसेक्स 1400 अंक टूटा, डूब गए ₹५ लाख करोड़

Share Market Crash: 21 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1,431.57 अंक (1.89%) गिरकर 75,641.87 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 367.9 अंक (1.60%) टूटकर 22,976.85 पर आ गया।

Share Market Crash: इन 5 कारणों से गिरावट, सेंसेक्स 1400 अंक टूटा, डूब गए ₹५ लाख करोड़
Share Market Crash Today

यह 7 जून 2024 के बाद पहली बार है जब निफ्टी 23,000 के नीचे बंद हुआ। इस गिरावट के चलते बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू में करीब 5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई।

रियल्टी और कंज्यूमर शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान देखा गया। वहीं, बाजार में डर का संकेत देने वाला इंडिया VIX इंडेक्स 5% उछल गया। आइए जानते हैं इस गिरावट के पीछे के 5 प्रमुख कारण:

Share Market Crash के 5 प्रमुख कारण:

1. डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी

डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। BRICS में भारत समेत ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर पर निर्भरता घटाने वाले देशों को चेतावनी देते हुए कहा, “ऐसे देशों पर भारी शुल्क लगाया जाएगा।” इस बयान ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया, क्योंकि भारत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

इसके अलावा, ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले उत्पादों पर भी फरवरी से 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस निर्णय ने वैश्विक व्यापार में रुकावट की आशंका बढ़ा दी है।

2. कमजोर तिमाही नतीजे

दिसंबर 2024 तिमाही के कमजोर नतीजों ने बाजार में Share Market Crash हुई।

डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयर 14% गिर गए, क्योंकि इसके शुद्ध मुनाफे और राजस्व में गिरावट आई।

जोमैटो के शेयर 9% टूटे, जो इसके क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट के आक्रामक विस्तार के कारण हुआ।

ओबेरॉय रियल्टी के शेयर 7.6% गिर गए, क्योंकि इसके नतीजे बाजार की उम्मीदों से कम थे।

इन नतीजों से विभिन्न सेक्टर्स की ग्रोथ संभावनाओं पर सवाल उठे, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगा गया।

3. जापान में ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी

बैंक ऑफ जापान (BOJ) के ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी ने वैश्विक बाजारों में बेचैनी बढ़ा दी। यह कदम वैश्विक उधारी लागत को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों में लिक्विडिटी पर असर पड़ेगा।

4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयरों की भारी बिकवाली की। सोमवार, 20 जनवरी को FIIs ने 4,336.54 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जनवरी में अब तक यह आंकड़ा 50,912.60 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसने बाजार पर भारी दबाव डाला।

5. बजट 2025 को लेकर अनिश्चितता

आगामी केंद्रीय बजट 2025 को लेकर निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। बाजार में अनिश्चितता के चलते ‘देखो और इंतजार करो’ की प्रवृत्ति अपनाई जा रही है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चित जैन ने कहा, “बढ़ते इंडिया VIX इंडेक्स ने दिखाया कि बजट से पहले बाजार में अनिश्चितता चरम पर है।”

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

Rohit Singh

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