PM Gramin Awas Yojana: पीएम ग्रामीण आवास योजना की वेटिंग लिस्ट में शामिल कराए नाम, 31 मार्च तक चलेगा सर्वे

PM Gramin Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रतीक्षा सूची से छूटे योग्य लाभुकों का सर्वेक्षण 10 जनवरी से 31 मार्च तक चलेगा। इच्छुक लाभार्थी अपना नाम आवास प्लस ऐप के माध्यम से शामिल करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है और निर्धारित मापदंडों के आधार पर ही नाम जोड़ा जाएगा।

PM Gramin Awas Yojana: पीएम ग्रामीण आवास योजना की वेटिंग लिस्ट में शामिल कराए नाम, 31 मार्च तक चलेगा सर्वे

Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana: यदि सर्वेक्षण के दौरान कोई अवैध राशि की मांग करता है, तो इसकी शिकायत निगरानी विभाग के हेल्पलाइन नंबर- 0612-2215344 पर दर्ज कराई जा सकती है।

जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में न आएं और अपनी पात्रता सुनिश्चित करने के बाद ही आवेदन करें। सर्वेक्षण की जिम्मेदारी पंचायत स्तर पर ग्रामीण आवास सहायक और पंचायत रोजगार सेवक को दी गई है। जिन पंचायतों में ये पदाधिकारी उपलब्ध नहीं हैं, वहां जिला प्रशासन पंचायत सचिव के माध्यम से यह कार्य करा रहा है।

PM Gramin Awas Yojana की पात्रता मापदंड:

इस योजना के तहत निम्नलिखित श्रेणियों के लोग पात्र नहीं होंगे:

जिनके पास पक्का मकान हो।

जिनके पास तीन या चार पहिया वाहन हो।

जिनके पास मशीनी कृषि उपकरण हों।

जिनके पास 50,000 रुपये या इससे अधिक की ऋण सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड हो।

जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो।

जिनके पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम हो।

जिनका कोई सदस्य 15,000 रुपये से अधिक मासिक आय अर्जित करता हो।

आयकर या व्यवसाय कर देने वाले परिवार।

जिनके पास ढाई एकड़ सिंचित या पाँच एकड़ असिंचित भूमि हो।

PM Gramin Awas Yojana में भ्रष्टाचार का मामला:

हाल ही में सिवान जिले में PM Gramin Awas Yojana के तहत रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। आंदर प्रखंड के मानपुर पतेजी पंचायत में एक आवास सहायक पर 2500 रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है, जिसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।

ग्रामीण मदन राजभर ने आरोप लगाया कि आवास सहायक जितेंद्र कुमार ने नाम जोड़ने के लिए 5000 रुपये की मांग की थी, लेकिन उन्होंने 2500 रुपये दिए। हालांकि, ‘PowersMind News‘ इस की पुष्टि नहीं करता है।

वीडियो के प्रसार के बाद स्थानीय प्रशासन में हलचल मच गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि पैसे लेकर अपात्र लोगों को भी योजना का लाभ दिया गया है। मामले को लेकर जांच की मांग उठ रही है, जबकि संबंधित आवास सहायक ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

यदि कोई लाभार्थी इस प्रकार की अवैध मांग का सामना करता है, तो वे निगरानी विभाग के टेलीफोन नंबर- 0612-2215344, टोल फ्री नंबर- 1064 या मोबाइल नंबर- 7765953261 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

Rohit Singh

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