Gold Investment: डिजिटल vs फिजिकल – कौन-सा गोल्ड निवेश ऑप्शन 2025 में रहेगा फायदेमंद? ( संपूर्ण गाइड)

Digital Gold vs Physical Gold: भारत में सोने को सिर्फ गहनों के रूप में नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण निवेश विकल्प के रूप में भी देखा जाता है। सोने में निवेश करने वाले निवेशकों के सामने मुख्य रूप से दो विकल्प होते हैं—डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड

Gold Investment: डिजिटल vs फिजिकल – कौन-सा गोल्ड निवेश ऑप्शन 2025 में रहेगा फायदेमंद? ( संपूर्ण गाइड)
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Best Gold Investment Options 2025: लेकिन दोनों के बीच क्या अंतर है, कौन-सा विकल्प बेहतर है, और निवेश के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस गाइड में हम विस्तार से समझेंगे।

डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड में क्या अंतर है?

डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड में क्या अंतर है?

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डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड में क्या अंतर है?

डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड में क्या अंतर है?

संक्षेप में:

अगर सुरक्षा, कम लागत और लिक्विडिटी प्राथमिकता है, तो डिजिटल गोल्ड बेहतर है।

अगर इमोशनल कनेक्शन, भौतिक स्वामित्व और गोल्ड लोन की जरूरत है, तो फिजिकल गोल्ड बेहतर रहेगा।

डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के फायदे

1. छोटे निवेश से शुरुआत कर सकते हैं

Benefits of Digital Gold: ₹1 या ₹100 जैसी छोटी राशि से भी गोल्ड खरीद सकते हैं।

फिजिकल गोल्ड में कम से कम 1 ग्राम खरीदना पड़ता है, जिसकी कीमत अधिक होती है।

2. लॉकर और सुरक्षा की जरूरत नहीं

डिजिटल गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए बैंक-ग्रेड वॉल्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है।

फिजिकल गोल्ड को घर में रखने पर चोरी का खतरा रहता है, और लॉकर में रखने पर बैंक फीस देनी पड़ती है।

3. मेकिंग चार्ज और एक्सचेंज की समस्या नहीं

जब आप सोने के गहने खरीदते हैं, तो 5-20% तक मेकिंग चार्ज देना पड़ता है।

डिजिटल गोल्ड में यह खर्च नहीं होता और इसे आसानी से किसी भी समय बेचा जा सकता है।

4. 100% शुद्धता की गारंटी

डिजिटल गोल्ड हमेशा 24 कैरेट होता है।

फिजिकल गोल्ड में 22 कैरेट या 18 कैरेट होने पर अशुद्धता की संभावना रहती है।

5. किसी भी समय खरीद-बिक्री (High Liquidity)

डिजिटल गोल्ड को मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से तुरंत खरीदा या बेचा जा सकता है।

फिजिकल गोल्ड को बेचने के लिए ज्वेलर के पास जाना पड़ता है, और कई बार ज्वेलर कम कीमत देते हैं।

लॉकर खर्च और सिक्योरिटी टिप्स

अगर आप फिजिकल गोल्ड में निवेश कर रहे हैं, तो इसकी सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

1. बैंक लॉकर का खर्च

बैंक लॉकर की फीस ₹2,000 – ₹10,000 प्रति वर्ष हो सकती है।

छोटे लॉकर सस्ते होते हैं, लेकिन उनमें सीमित मात्रा में ही गोल्ड रखा जा सकता है।

2. बीमा लेना जरूरी है

अगर आप घर में गोल्ड रखते हैं, तो होम इंश्योरेंस या गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लें।

यह आपको चोरी या अन्य आपदाओं से बचाने में मदद करेगा।

3. सिक्योरिटी के अन्य उपाय

घर में सोना रखने पर डिजिटल लॉकर या सीक्रेट सेफ का इस्तेमाल करें।

अधिक मात्रा में सोना न रखें, बल्कि इसे लॉकर में जमा कराएं।

लॉकर की लोकेशन और चाबी की जानकारी सीमित लोगों तक ही रखें।

टैक्स छूट और एक्सिट स्ट्रेटजी

1. टैक्स बेनिफिट्स

(A) फिजिकल गोल्ड पर टैक्स

Gold Investment Strategies: अगर आप 3 साल से पहले गोल्ड बेचते हैं, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) देना होगा, जो आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार होगा।

3 साल बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) देना होगा, जो 20% + इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ लागू होता है।

(B) डिजिटल गोल्ड पर टैक्स

यह भी 3 साल से पहले बेचने पर STCG और बाद में LTCG टैक्स के तहत आता है।

हालांकि, SGB (Sovereign Gold Bond) स्कीम में अगर आप 8 साल तक होल्ड करते हैं, तो LTCG टैक्स पूरी तरह से छूट मिलती है।

2. सही समय पर एग्जिट प्लान

शॉर्ट टर्म के लिए: डिजिटल गोल्ड बेहतर है, क्योंकि इसे कभी भी बेचा जा सकता है।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए: SGB या गोल्ड ETF पर विचार करें, क्योंकि इसमें टैक्स बेनिफिट्स ज्यादा मिलते हैं।

कौन-सा Gold Investment विकल्प बेहतर है?

अगर आप ट्रेडिंग या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट चाहते हैं: डिजिटल गोल्ड बेस्ट है।

अगर आपको पारंपरिक रूप से सोना चाहिए, जिसे आप पहन भी सकें: फिजिकल गोल्ड सही रहेगा।

अगर आप टैक्स सेविंग और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ चाहते हैं: Sovereign Gold Bonds (SGB) या गोल्ड ETF पर निवेश करें।

गोल्ड में निवेश: आम लोगों के सवाल और एक्सपर्ट की राय

गोल्ड में निवेश को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। यहां हम कुछ आम सवालों के जवाब दे रहे हैं, जिनका उत्तर फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ने दिया है।

1. डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ETF में क्या अंतर है?

सवाल: Gold ETF vs Digital Gold में क्या फर्क है? कौन-सा बेहतर है?

एक्सपर्ट की राय:

डिजिटल गोल्ड को आप छोटी मात्रा में खरीद सकते हैं और यह वॉल्ट में सुरक्षित रहता है। लेकिन इसे 5 साल से अधिक होल्ड नहीं कर सकते और इसमें थोड़ा ज्यादा ट्रांजैक्शन चार्ज लगता है।

गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) शेयर बाजार में ट्रेड होता है और इसमें ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होती है। यह लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए बेहतर ऑप्शन है।

बेहतर विकल्प: अगर आप ट्रेडिंग या शॉर्ट टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं, तो डिजिटल गोल्ड सही है। अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट चाहते हैं, तो गोल्ड ETF या Sovereign Gold Bond (SGB) चुनें।

2. क्या डिजिटल गोल्ड खरीदना सुरक्षित है?

सवाल: डिजिटल गोल्ड सुरक्षित है या नहीं? क्या इसे धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है?

एक्सपर्ट की राय:

डिजिटल गोल्ड खरीदते समय केवल RBI, SEBI, और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म (जैसे MMTC-PAMP, SafeGold, और Augmont) से ही खरीदें।

Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म भी इन्हीं कंपनियों के साथ पार्टनरशिप में डिजिटल गोल्ड बेचते हैं।

हमेशा ट्रांजैक्शन की डिजिटल रसीद रखें और लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड ETF या SGB को प्राथमिकता दें।

सुरक्षा टिप: किसी भी अनजान वेबसाइट या एप्लिकेशन से डिजिटल गोल्ड न खरीदें।

3. डिजिटल गोल्ड पर टैक्स कैसे लगता है?

सवाल: अगर मैं डिजिटल गोल्ड बेचता हूं तो मुझे कितना टैक्स देना होगा?

एक्सपर्ट की राय:

3 साल से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार लगेगा।

3 साल बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) 20% + इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ लागू होगा।

टैक्स बचाने की सलाह: अगर टैक्स से बचना चाहते हैं, तो Sovereign Gold Bond (SGB) खरीदें, क्योंकि इसे 8 साल तक रखने पर LTCG टैक्स से पूरी छूट मिलती है।

4. गोल्ड खरीदने का सबसे अच्छा समय कौन-सा है?

सवाल: सोने की कीमतें कभी-कभी बहुत ऊपर-नीचे होती हैं। कब खरीदना सही रहेगा?

एक्सपर्ट की राय:

त्योहारी सीजन (धनतेरस, दिवाली) पर सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं, इसलिए मौसम से पहले निवेश करें।

गोल्ड की कीमतें आमतौर पर जनवरी-मार्च के बीच कम रहती हैं और जून-जुलाई में बढ़ती हैं।

लॉन्ग टर्म निवेश के लिए SIP मोड में गोल्ड ETF या डिजिटल गोल्ड खरीदें ताकि औसत कीमत पर खरीदारी हो सके।

5. लॉकर का खर्च कैसे बचा सकते हैं?

सवाल: फिजिकल गोल्ड के लिए बैंक लॉकर बहुत महंगे होते हैं। क्या कोई सस्ता तरीका है?

एक्सपर्ट की राय:

डिजिटल गोल्ड खरीदें, जिससे स्टोरेज की चिंता न रहे।

अगर फिजिकल गोल्ड ही रखना है, तो छोटे लॉकर चुनें या संयुक्त बैंक अकाउंट होल्डर्स के साथ शेयर करें।

कुछ इंश्योरेंस कंपनियां गोल्ड इंश्योरेंस भी देती हैं, जिससे चोरी होने पर क्लेम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

डिजिटल गोल्ड क्यों चुनें?

✅ कम पैसे से निवेश शुरू कर सकते हैं।
✅ चोरी या लॉकर खर्च की चिंता नहीं।
✅ शुद्धता और लिक्विडिटी ज्यादा है।
✅ टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं।

फिजिकल गोल्ड क्यों चुनें?

✅ पारंपरिक निवेश और इमोशनल वैल्यू।
✅ शादी और गिफ्टिंग के लिए उपयोगी।
✅ गोल्ड लोन आसानी से मिल जाता है।

Physical Gold vs Digital Gold Comparison में आपके लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर है? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें!

Rohit Singh
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