Not use ChatGPT and chinese AI tool DeepSeek: चीन द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल DeepSeek ने हाल ही में दुनियाभर में धूम मचा दी है। इस ऐप ने पिछले महीने लॉन्च होने के बाद से ही ChatGPT जैसे प्रसिद्ध एआई टूल्स को पीछे छोड़ते हुए लोकप्रियता हासिल की है।
हालांकि, भारत सहित कई देशों ने इसके इस्तेमाल को लेकर सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताएं जताई हैं। भारत के वित्त मंत्रालय ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को आधिकारिक कार्यों में DeepSeek और ChatGPT जैसे एआई टूल्स का उपयोग न करने की सलाह दी है।
सरकार ने क्यों जारी की चेतावनी?
रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने 29 जनवरी को एक आंतरिक सलाह जारी की थी, जिसमें इन एआई टूल्स के उपयोग से जुड़े जोखिमों को रेखांकित किया गया है। सरकार का मानना है कि इन ऐप्स के इस्तेमाल से सरकारी दस्तावेजों और डेटा की गोपनीयता को खतरा हो सकता है। सलाह में कहा गया है,
“ऑफिस कंप्यूटर और अन्य डिवाइस पर एआई टूल्स और ऐप्स (जैसे ChatGPT, DeepSeek आदि) का उपयोग डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।” हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों ने भी इसी तरह के दिशा-निर्देश जारी किए हैं या नहीं।
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DeepSeek पर अन्य देशों ने भी जताई चिंता
भारत से पहले भी कई देशों ने DeepSeek के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है। उदाहरण के तौर पर:
1. ताइवान: ताइवान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपनी सभी सरकारी एजेंसियों को चीनी एआई स्टार्टअप DeepSeek की तकनीक का उपयोग न करने का निर्देश दिया था।
2. अमेरिका: अमेरिकी कांग्रेस के कार्यालयों को भी DeepSeek को इंस्टॉल करने के खिलाफ चेतावनी दी गई है।
3. ब्रिटेन: ब्रिटेन ने भी अपने नागरिकों को इसी तरह की सलाह दी है, ताकि डेटा सुरक्षा से जुड़े जोखिमों से बचा जा सके।
क्या है मुख्य चिंता का विषय?
इन चेतावनियों के पीछे मुख्य कारण डेटा सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े जोखिम हैं। चूंकि DeepSeek चीन में विकसित किया गया है, इसलिए कई देशों को आशंका है कि इसके माध्यम से संवेदनशील डेटा चीन की सरकार तक पहुंच सकता है। इसी वजह से कई देशों ने इन एआई टूल्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने या सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एआई टूल्स जहां एक ओर कामकाज को आसान और तेज बनाते हैं, वहीं उनसे जुड़े डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत सरकार की यह चेतावनी इस बात का संकेत है कि तकनीक के उपयोग में सावधानी बरतना कितना जरूरी है।
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