क्यों ट्रेंड में है DeepSeek AI? Google Gemini और ChatGPT भी रह गए पीछे, सिलिकॉन वैली में मची हलचल

What is DeepSeek AI: चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने अपना नया AI मॉडल लॉन्च कर अमेरिकी टेक कंपनियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस मॉडल की वजह से सिलिकॉन वैली में हलचल मच गई है। Google और Microsoft जैसी दिग्गज टेक कंपनियां इस चीनी मॉडल के कारण नई चुनौती का सामना कर रही हैं।

क्यों ट्रेंड में है DeepSeek AI? Google Gemini और ChatGPT भी रह गए पीछे, सिलिकॉन वैली में मची हलचल

DeepSeek ने R1 नामक AI मॉडल पेश किया है, जो वर्तमान में काफी चर्चा में है और ChatGPT और Google Gemini जैसे जेनरेटिव AI मॉडल्स को कड़ी टक्कर दे रहा है।

चीन और अमेरिका की तकनीकी होड़

चीन और अमेरिका लंबे समय से तकनीकी विकास में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं। 2022 में OpenAI द्वारा ChatGPT लॉन्च किए जाने के बाद जेनरेटिव AI को लेकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा तेज हुई। इस AI टूल ने तकनीकी दिग्गजों को अपनी रणनीतियां बदलने पर मजबूर कर दिया।

अब DeepSeek के नए मॉडल ने सिलिकॉन वैली की कंपनियों के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। Microsoft के CEO सत्य नडेला ने भी इस मॉडल को गंभीरता से लेने की बात कही है।

क्यों खास है DeepSeek R1?

DeepSeek R1 एक उन्नत रीज़निंग मॉडल है, जिसे ऑगमेंटेड रीज़निंग और विश्लेषणात्मक क्षमता के लिए तैयार किया गया है। यह हाईब्रिड आर्किटेक्चर पर आधारित है और कम लागत में बेहतर परिणाम देने का दावा करता है।

R1 कंपनी का पहला AI मॉडल नहीं है, बल्कि यह तीसरा वर्जन (V3) है। DeepSeek का मुख्यालय चीन के हांग्जो में स्थित है, और इस स्टार्टअप की शुरुआत 2023 में लियांग वेंफेंग ने की थी। कंपनी का उद्देश्य आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) विकसित करना है।

कम लागत, ज्यादा प्रभाव

DeepSeek R1 की सबसे बड़ी खासियत इसकी कम लागत है। जहां OpenAI के O1 मॉडल की कीमत प्रति मिलियन इनपुट टोकन के लिए 15 डॉलर और आउटपुट टोकन के लिए 60 डॉलर है, वहीं DeepSeek R1 मात्र 0.55 डॉलर प्रति मिलियन इनपुट और 2.19 डॉलर प्रति मिलियन आउटपुट टोकन पर उपलब्ध है। कंपनी का दावा है कि इसे केवल दो महीने में विकसित किया गया है, जबकि अमेरिकी कंपनियों ने अपने AI मॉडल तैयार करने में वर्षों और अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

सिलिकॉन वैली की प्रतिक्रिया

DeepSeek R1 के लॉन्च के बाद सिलिकॉन वैली में हलचल तेज हो गई है। Microsoft के CEO सत्य नडेला ने इसे एक बड़ा तकनीकी कदम बताया है। वहीं, Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास का कहना है कि DeepSeek ने O1 मिनी को प्रभावी तरीके से ओपन-सोर्स करके इसे सस्ता और व्यापक रूप से उपलब्ध बनाया है।

DeepSeek का यह कदम तकनीकी क्षेत्र में चीन की बढ़ती पकड़ और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है। अब देखना होगा कि अमेरिकी कंपनियां इस चुनौती का कैसे सामना करती हैं।

Rohit Singh

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