Editor’s Take: Budget के बाद कैसा है Market Outlook? कौन से शेयर खरीदें, कौन से बेचें?

Editor’s Take: Budget पेश होने के बाद बाजार के लिए किन सेक्टर्स को लाभ होगा और किन पर दबाव रहेगा? साथ ही, टैरिफ वॉर और वैश्विक आर्थिक स्थितियां बाजार की दिशा को कितना प्रभावित करेंगी? श्रीधर बनर्जी से जानिए मार्केट आउटलुक।

Editor's Take: Budget के बाद कैसा है Market Outlook? कौन से शेयर खरीदें, कौन से बेचें?
Image Credit by istock

संपादकीय विश्लेषण:केंद्रीय बजट 2025 के बाद भारतीय शेयर बाजार की दिशा को लेकर निवेशकों और ट्रेडर्स के मन में कई सवाल हैं। क्या यह बजट बाजार के लिए फायदेमंद साबित होगा? किन सेक्टर्स को इससे लाभ होगा और किन पर दबाव रहेगा? साथ ही, टैरिफ वॉर और वैश्विक आर्थिक स्थितियां बाजार की दिशा को कितना प्रभावित करेंगी? मार्केट एक्सपर्ट श्रीधर बनर्जी से जानिए उनका मार्केट आउटलुक।

Budget के बाद किन शेयरों में करें खरीदारी?

बजट से जिन सेक्टर्स को फायदा होगा, उनमें सबसे पहले एंट्री-लेवल कंजम्प्शन (Entry-Level Consumption) और फर्स्ट-टाइम बायर्स वाले सेक्टर शामिल हैं। इन सेक्टर्स में सकारात्मक प्रदर्शन की उम्मीद है:

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टेक्सटाइ सेक्टर्स में सरकार की नीतियों का सकारात्मक प्रभाव दिख सकता है।

मिडिल क्लास के हाथ में अधिक कैश आने से इन कंपनियों को फायदा होगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकार की नीति सकारात्मक बनी हुई है।

FMCG सेक्टर में टैक्स छूट से उपभोग बढ़ेगा, जिससे FMCG कंपनियों को लाभ मिलेगा।

टैक्स छूट से घर खरीदने वालों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे इस सेक्टर में तेजी आ सकती है।

वित्तीय घाटे को नियंत्रित रखने की नीति से PSU बैंकों को लाभ हो सकता है।

100% FDI की अनुमति से बीमा कंपनियों को विस्तार का मौका मिलेगा।

Budget के बाद किन सेक्टर्स में करें पोजीशन कम?

बजट के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स सेक्टर पर दबाव रह सकता है, क्योंकि Capex उम्मीद से कम रखा गया है। डिफेंस और रेलवे सेक्टर में कोई खास घोषणा नहीं हुई, जिससे इनमें गिरावट आ सकती है। स्टील सेक्टर पर भी दबाव रहेगा, क्योंकि सरकार ने कोई बड़ी औद्योगिक नीति घोषित नहीं की।

बाजार के लिए आगे के बड़े ट्रिगर्स

टैरिफ वॉर का असर:अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध का असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल सकता है।

RBI की नए नीतियों पर लोगों की नजर रहेगी, खासकर ब्याज दरों में कटौती को लेकर।

FIIs की बिकवाली बने रहने के कारण बाजार पर दबाव बन सकता है।

Q4 के नतीजे: अगर चौथी तिमाही के नतीजे कमजोर आते हैं, तो यह साफ हो जाएगा कि चुनावी कारणों से नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था में ही कमजोरी है।

शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म में बाजार की चाल

शॉर्ट टर्म:Budget के बाद शॉर्ट टर्म में बाजार स्थिर रह सकता है, क्योंकि निवेशकों को राहत मिली है कि कोई नकारात्मक घोषणा नहीं हुई। 22800-23000 के स्तर पर सपोर्ट मिलेगा, जबकि 23800-24000 की ऊपरी रेंज होगी। हालांकि, ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स फिलहाल खरीदारी के मूड में नहीं हैं, क्योंकि टैरिफ वॉर और FIIs की बिकवाली का डर बना हुआ है।

मीडियम टर्म: नए RBI गवर्नर की पहली नीति बाजार के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। बजट से मजबूत वित्तीय नीति का संकेत मिला है, अब RBI की मौद्रिक नीति भी इसमें सहायक होनी चाहिए। चौथी तिमाही के बचे हुए कॉर्पोरेट नतीजे भी बाजार की दिशा तय करेंगे।

लॉन्ग टर्म: मार्च तिमाही के नतीजे बाजार के भविष्य को तय करेंगे। अगर Q4 के नतीजे मजबूत आते हैं, तो बाजार की गिरावट की संभावना बेहद कम होगी।

टैरिफ वॉर का असर: कितना डर, कितना असर?

टैरिफ वॉर पहले से तय था, लेकिन अब इसमें नई बात यह है कि चीन, मैक्सिको और कनाडा भी जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। इससे डॉलर मजबूत होगा और दुनियाभर की करेंसी कमजोर हो सकती हैं। रुपया भी नए लोअर लेवल पर जा सकता है। अगर भारत पर भी टैरिफ लगे, तो FIIs की बिकवाली तेज हो सकती है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ेगा।

बजट बनाम ग्लोबल फैक्टर्स: कौन पड़ेगा भारी

बाजार अब Budget को पचा चुका है। FIIs का बजट के दिन पार्टिसिपेशन कम रहा और अब ध्यान वैश्विक मुद्दों पर होगा। टैरिफ वॉर बाजार पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि निवेशक अभी भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। अगर FIIs की बिकवाली बढ़ती है, तो भारतीय बाजार पर दबाव आ सकता है।

Rohit Singh
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