DRDO Internship 2025 :रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में इंटर्नशिप करना चाहते हैं तो जल्द करें आवेदन, ये है पात्रता 

DRDO Internship 2025: :रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) उन छात्रों के लिए शानदार अवसर लेकर आया है जो रक्षा क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं। इंजीनियरिंग और सामान्य विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र इस इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

DRDO Internship 2025: :रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में इंटर्नशिप करना चाहते हैं तो जल्द करें आवेदन, ये है पात्रता 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार के साथ परिचित कराना है। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, इंटर्न को केवल डीआरडीओ प्रयोगशालाओं/संस्थानों के अवर्गीकृत क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति होगी। डीआरडीओ इंटर्नशिप पूरी करने के बाद किसी भी उम्मीदवार को रोजगार देने के लिए बाध्य नहीं होगा।

प्रशिक्षण अवधि और सुरक्षा

DRDO Internship की अवधि पाठ्यक्रम के प्रकार के आधार पर 4 सप्ताह से 6 महीने तक हो सकती है। हालांकि, यह संबंधित प्रयोगशाला निदेशक के विवेक पर निर्भर करेगा। डीआरडीओ छात्रों की भागीदारी के दौरान किसी भी दुर्घटना के लिए मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

DRDO Internship के दौरान गतिविधियाँ

इंटर्नशिप के दौरान, छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेना होगा, जिनमें शामिल हैं:

ओरिएंटेशन सेशन

प्रोजेक्ट असाइनमेंट

मेंटर के साथ नियमित बैठकें

तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं में भागीदारी

कार्यकाल समाप्ति पर निष्कर्षों की प्रस्तुति और मूल्यांकन

पात्रता और स्टाइपेंड

पात्रता और स्टाइपेंड

इस DRDO Internship के लिए आवेदन करने के लिए, छात्रों को न्यूनतम 60% अंकों के साथ बीई/बीटेक या एमई/एमटेक जैसी डिग्री प्राप्त करनी चाहिए।

स्टाइपेंड:

इंटर्नशिप की प्रकृति और योग्यता के आधार पर ₹8,000 से ₹12,000 प्रति माह तक स्टाइपेंड दिया जाएगा।

DRDO Internship 2025 की आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक छात्रों को अपने अध्ययन क्षेत्र से संबंधित डीआरडीओ प्रयोगशाला या संस्थान की पहचान करनी होगी।

आवेदन प्रक्रिया संबंधित कॉलेज या विश्वविद्यालय के माध्यम से की जाएगी।

स्वीकृति संबंधित लैब निदेशक के विवेक और उपलब्ध स्लॉट पर निर्भर करेगी।

डीआरडीओ का उद्देश्य

डीआरडीओ भारत के रक्षा मंत्रालय की अनुसंधान और विकास शाखा है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन्नत रक्षा तकनीक विकसित कर भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। यह संगठन सशस्त्र बलों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार आधुनिक हथियार और उपकरण उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Ankit

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