AI Generate Jobs: भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति के चलते रोजगार के क्षेत्र में बड़े बदलाव आने वाले हैं। “सर्विसनाउ इंडिया” की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक भारत में नौकरीपेशा लोगों की संख्या 45.72 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
वर्तमान में यह संख्या 42.37 करोड़ है। इसका मतलब है कि अगले पांच वर्षों में करीब 3.38 करोड़ नई नौकरियां जुड़ेंगी।
सबसे ज्यादा नई नौकरियां टेक्नोलॉजी सेक्टर में
AI Jobs: रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण होगा तकनीकी क्षेत्र और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग। तकनीकी क्षेत्र में 27.3 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी, जो अन्य क्षेत्रों की तुलना में सबसे अधिक है।
इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 15 लाख, शिक्षा क्षेत्र में 84 हजार और स्वास्थ्य सेवाओं में 80 हजार नई नौकरियां मिलने की संभावना है।
AI Generate Jobs और रोजगार में बदलाव
AI और विशेष रूप से जनरेटिव AI का रोजगार के स्वरूप को बदलने में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरेटिव AI इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों के काम का बड़ा हिस्सा संभालने में सक्षम होगा। इससे न केवल कार्यप्रवाह में तेजी आएगी, बल्कि पेशेवरों को अधिक रणनीतिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर भी मिलेगा।
उदाहरण के तौर पर:
इम्प्लीमेंटेशन कंसल्टेंट्स: हर हफ्ते 1.9 घंटे तक बचा सकते हैं और अपनी ऊर्जा रणनीतिक प्रोजेक्ट्स में लगा सकते हैं।
प्लेटफॉर्म ओनर्स: हर हफ्ते करीब आधे घंटे का समय बचाकर काम की गुणवत्ता और गति बढ़ा सकते हैं।
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नौकरी के स्वरूप में बड़ा बदलाव
तकनीकी विकास और AI Generate Jobs की वजह से, अब नौकरियों का स्वरूप भी बदल रहा है। इसके चलते:
सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन डेवलपमेंट और डेटा इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में स्किल्स को अपग्रेड करना आवश्यक हो गया है।
रिटेल और सर्विस सेक्टर के प्रोफेशनल्स के पास अपने कौशल को बढ़ाने और इस तकनीकी दुनिया में टिके रहने का बेहतरीन मौका है।
भारत के लिए अवसर और चुनौती
रिपोर्ट बताती है कि अगर भारत अपनी श्रमिक शक्ति को तकनीकी रूप से कुशल बनाता है, तो वह वैश्विक तकनीकी अर्थव्यवस्था में नेतृत्व कर सकता है। इसके लिए भारत को इन क्षेत्रों में तेजी से प्रशिक्षण देने और आधारभूत ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) में निवेश करने की आवश्यकता है।
रोजगार का भविष्य: स्किल अपग्रेडेशन की आवश्यकता
भारत में नौकरी की मांग बढ़ने के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि कर्मचारी इन क्षेत्रों में अपने कौशल को निखारें। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि:
1. तकनीकी प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
2. डिजिटल शिक्षा और AI-संबंधी पाठ्यक्रम** को व्यापक रूप से लागू करना होगा।
3. कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर भारत को मजबूत तकनीकी हब बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में तकनीकी और AI Generate Jobs से भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिलेंगे। हालांकि, इसके लिए कुशल और प्रशिक्षित श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
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