Abdominal Exercises After SCI : स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होना किसी भी व्यक्ती या महिला के लिए एक गंभीर स्थिति है जो चोट के लेवल के अनुसार शरीर के कई सारे अंगों और इनके कार्यों को प्रभावित कर देती है. हालाकी जब रीढ़ की हड्डी में चोट लग जाए तो आगे आपको पुनः रिकवर होने के लिए फिजियोथैरेपी और एक्सरसाइज़ बहुत ही जरुरी हों जाता हैं.
ठीक वैसी ही पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और पेट की पाचन शक्ति को स्ट्रॉन्ग करने, संतुलन में सुधार जैसे स्थिति के लिए पेट का भी व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कोर मांसपेशियों को मजबूत करने और शरीर की मुद्रा में सुधार और अन्य कई फायदे हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद 7 जरुरी एक्सरसाइड के बारे में,
Abdominal Exercises After SCI : कब और कैसे करें
ब्रीथिंग एक्सरसाइज: यह व्यायाम पेट की मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग करने, सक्रिय करने और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को तेजी से बढ़ाने में मदद करते हैं।
पेल्विक टिल्ट्स: इस व्यायाम को करने से निचले पेट की मांसपेशियों यानि पेडू वाले हिस्से को मजबूत करते हैं तथा आपके पीठ के निचले हिस्से को लचीला बनाते हैं।
ब्रिज: यह व्यायाम एक स्वस्थ्य व्यक्ती भी करता है लेकीन स्पाइनल इंजुरी अगर करते हैं तो उससे ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग्स और कोर मांसपेशियों को उनकी मजबूती प्रदान होती हैं।
साइड प्लैंक: यह व्यायाम पेट के चारो तरफ के कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है और पेट के संतुलन में सुधार करने में भी मदद करते हैं।
लेग रेज़: यह व्यायाम आपके निचले पेट की मांसपेशियों यानि नाभी के आसपास के हिस्सो को मजबूत करते हैं।
स्टैटिक होल्ड्स: इस व्यायाम से पेट की कोर मांसपेशियों मजबूत होती है और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद भी करते हैं. उदाहरण के लिए, प्लैंक, होल्डिंग एक ब्रिज।
व्हीलचेयर एक्सरसाइज: आप जभी कभी व्हीलचेयर पर बैठ जाएं, तो उसपे बैठकर भी आप कई तरह के व्यायाम आसनी से सकते हैं जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
इन व्यायामों के फायदे:Abdominal Exercises After SCI
पाचन में तेजी से सुधार होता हैं और कब्ज नही बनता है।
रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद इन व्यायाम से खोई हुई पेट की संतुलन में धीरे धीरे सुधारh होता हैं।
दिए गए व्यायाम को रेगुलर करने से कोर मांसपेशियों को मजबूत होती है।
अगर पीठ में या कमर में दर्द बना रहता है तो वह कम हों जायेगा।
शरीर की मुद्रा में तेजी से सुधार होती है।
दिए गए कसरत को करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:Abdominal Exercises After SCI
धीरे-धीरे शुरू करें और धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाएं: रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद किसी भी व्यायाम को करने से पहले धैर्य रखें, क्यों कि इसके ठीक होने में समय लगता है। इसलिए, व्यायाम धीरे-धीरे शुरू करें।
दर्द की सीमा के भीतर रहें: किसी भी कसरत को करते वक्त यदि आपको कोई दर्द होता है तो आप एक्सरसाइज़ करना तुरंत बंद कर दें।
फिजियोथेरेपिस्ट से मार्गदर्शन लें: फिजियोथेरेपिस्ट के दिशा निर्देश पर ही आपको उपयुक्त कोइ भी व्यायाम को करना है।
कैसे करें:
धीरे-धीरे शुरू करें: Abdominal Exercises After SCI: शुरुआत में कोइ भी व्यायाम कम दोहराव के साथ और कम सेट के साथ ही शुरू करें। फिर धीरे-धीरे समय के साथ तीव्रता बढ़ाएं।
सही तकनीक का प्रयोग करें: व्यायाम करते समय आपकों सही तकनीक का प्रयोग करना बहुत महत्वपूर्ण हों जाता है अन्यथा गलत तकनीक से चोट लग सकती है।
सांस लेने पर ध्यान दें: कोई भी व्यायाम करते समय धीरे-धीरे और गहरी सांस लें।
विराम लें: व्यायाम करते वक्त यदि आपको थकान सा महसूस हो रही है, तो थोड़ा विराम लें और पानी पिएं।
कुछ सामान्य सुझाव:
एक साथी के साथ व्यायाम करें: जभी आप Abdominal Exercises After SCI करने जाए तो एक परिवार के कोइ सदस्य या नर्स के मौजदूगी में ही करें। ताकी वो आपकों प्रेरित करते रहें।
एक आरामदायक जगह चुनें: Abdominal Exercises After SCI करने के लिए नीचे फर्श पर समतल और एक आरामदायक जगह चुनें।
ढीले कपड़े पहनें: व्यायाम करते समय हमेशा ढीले कपड़े ही पहनें।
एक योग मैट का उपयोग करें: अगर सम्भव हो तो एक योग मैट का उपयोग करने से आपको आरामदायक महसूस होगा।
ध्यान रखने योग्य बातें:
हर किसी के लिए व्यायाम अलग-अलग होते हैं: चोट के लेवल के अनुसार व्यायाम करें और उसके लिए डाक्टर से राय लें।
धैर्य रखें: रीढ़ की में चोट के बाद रिकवरी धीरे धीरे आती है अतः इसमें समय लग सकता है।
नियमित रूप से व्यायाम करें: आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो अच्छे परिणाम मिलेंगे।
एक स्वस्थ आहार लें: एक्सरसाइज़ के साथ साथ एक स्वस्थ आहार लेना भी जरूरी है ताकी आपको ऊर्जा मिले और आपका शरीर जल्द ठीक होगा।
पर्याप्त नींद लें: Abdominal Exercises After SCI पर्याप्त नींद लेने से आपका शरीर ठीक रहता है।
Disclaimer: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से दिया गया है कृपया इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लें ।किसी भी व्यायाम के शुरू करने से पहले आप अपने फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श जरूर कर लें।
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