What is Male Menopause: जब बात उम्र बढ़ने के साथ होने वाले हार्मोनल बदलाव की होती है, तो आमतौर पर इसे महिलाओं से जोड़ा जाता है। लेकिन पुरुष भी एक खास स्थिति से गुजरते हैं,
जिसे ‘एंड्रोपॉज’ कहा जाता है। इसे ‘मेल मेनोपॉज’ के रूप में भी जाना जाता है। इस पर विस्तार से चर्चा की पटना के एम्स अस्पताल के पूर्व सीनियर डॉक्टर और यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के बड़े एक्सपर्ट , डॉ. केपी शर्मा ने।
एंड्रोपॉज क्या है?
डॉ. केपी शर्मा ने के अनुसार, एंड्रोपॉज पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में धीरे-धीरे कमी आने की प्रक्रिया है। यह आमतौर पर 50 साल की उम्र के आसपास शुरू होती है और धीरे-धीरे प्रभाव डालती है। हालांकि, यह महिलाओं के मेनोपॉज जैसा नहीं है, क्योंकि इसमें प्रजनन क्षमता खत्म नहीं होती।
क्या यह मर्दों की ताकत को प्रभावित करता है?
एंड्रोपॉज का असर प्रजनन क्षमता पर नहीं पड़ता, लेकिन इसके लक्षणों में थकान, कामेच्छा में कमी, मूड स्विंग, मांसपेशियों में गिरावट और शरीर में वसा का बढ़ना शामिल हो सकता है। ये बदलाव केवल टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण नहीं होते, बल्कि तनाव, पुरानी बीमारियां और खराब जीवनशैली भी इसका कारण हो सकते हैं।
- जरुर पढें Habits Of Confident Man: आत्मविश्वासी पुरुषों की खास आदतें: अपनाएं ये 11 गुण और बनें अधिक कोंफिडेंट
क्या Male Menopause डरने की जरूरत है?
डॉ. केपी शर्मा का कहना है कि एंड्रोपॉज उम्र बढ़ने की एक सामान्य प्रक्रिया है और पुरुषों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। ज्यादातर पुरुषों को हल्के लक्षण ही अनुभव होते हैं।
कब लें मेडिकल हेल्प?
अगर लक्षण ज्यादा गंभीर हों तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। ब्लड टेस्ट के जरिए टेस्टोस्टेरोन और Male Menopause लेवल का पता लगाया जा सकता है। अगर लेवल असामान्य रूप से कम हो, तो टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (टीआरटी) की सलाह दी जा सकती है। हालांकि, यह केवल डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे दिल की समस्याएं और प्रोस्टेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
कैसे रहें स्वस्थ?
एंड्रोपॉज के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
नियमित व्यायाम करें।
संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
पर्याप्त नींद लें।
तनाव प्रबंधन पर ध्यान दें।
नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।
एंड्रोपॉज एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसे सामान्य रूप से लेना चाहिए। जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लें।
Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- और पढ़ें Face Fat Lose Massage: चेहरे का मोटापा कम करने के लिए रोज सुबह करें ये 2 एक्सरसाइज मसाज
- Strange Things Come To Mind: क्या आपके दिमाग में चलती रहती है उटपटांग बातें: जानें आप कौन से बिमारी से ग्रसित हैं?
- Yuzvendra Chahal को फिर से मिल गया है एक नया प्यार? रोमांटिक शायर शेयर कर मचाई सनसनी
- Blood Clots During Periods | सावधान: मासिक धर्म के दौरान रक्त के थक्के आना कारण और उपचार जानें
- काला, लाल ,ग्रे, ब्राऊन, अपने Period Blood Colour से जानें : कितनी हेल्दी हैं आप | Expert Guide - February 15, 2025
- Yoga Tips For PCOD:पीसीओडी और पीरियड्स की समस्याओं को कम करने के लिए 5 प्रभावी योगासन, दूर होगी पीरियड्स के समस्या - February 14, 2025
- Abdominal Exercises After SCI : रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद पेट के लिए टॉप 7 महत्वपूर्ण व्यायाम - February 10, 2025