रीढ़ की हड्डी की चोट ( Spinal Cord Injury – SCI) वाले लोग गर्मी में क्यों हैं अधिक असुरक्षित? समझें और बचें 

गर्मी का मौसम आमतौर पर सभी के लिए थोड़ी परेशानी लेकर आता है, लेकिन रीढ़ की हड्डी में चोट (Spinal Cord Injury – SCI) से जूझ रहे लोगों के लिए यह समय किसी गंभीर खतरे से कम नहीं होता। ऐसा इसलिए क्योंकि SCI का असर सिर्फ चलने-फिरने पर ही नहीं, बल्कि शरीर के थर्मोरेग्यूलेशन यानी तापमान नियंत्रण पर भी होता है।

रीढ़ की हड्डी की चोट ( Spinal Cord Injury - SCI) वाले लोग गर्मी में क्यों हैं अधिक असुरक्षित? समझें और बचें 
SCI वाले व्यक्तियों के लिए गर्मी में सुरक्षा: जरूरी गाइड

इससे गर्मी में ओवरहीटिंग और हीटस्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।इस लेख में हम जानेंगे कि SCI व्यक्ति गर्मी में क्यों अधिक संवेदनशील हो जाते हैं और कौन-कौन से उपाय उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

गर्मी में SCI व्यक्तियों के लिए खतरा क्यों बढ़ जाता है?

गर्मी में SCI व्यक्तियों के लिए खतरा क्यों बढ़ जाता है?

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पसीना न आना या कम आना
रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण चोट के स्तर से नीचे के हिस्सों में पसीना आने की क्षमता घट जाती है। शरीर का मुख्य तरीका तापमान को नियंत्रित करने का – यानी पसीना – निष्क्रिय हो जाता है। इससे शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता और तापमान तेज़ी से बढ़ता है।

गर्मी महसूस न होना
SCI के कारण प्रभावित अंगों में गर्मी या ठंडक का अनुभव नहीं होता। ऐसे में व्यक्ति को यह पता ही नहीं चलता कि उनका शरीर ज़रूरत से ज्यादा गर्म हो चुका है।

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) का बढ़ा खतरा
चूंकि शरीर अधिक मेहनत करता है खुद को ठंडा रखने के लिए, तो बिना पसीना आए भी पानी की कमी हो सकती है। यह स्थिति हीटस्ट्रोक को और करीब ला देती है।

गर्मी से बचाव के 6 बेहद जरूरी उपाय

1. हाइड्रेशन है जीवनरक्षक

गर्मी से बचाव के 6 बेहद जरूरी उपाय

क्या करें: पूरे दिन में बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पिएँ, चाहे प्यास न भी लगे।

कैसे पहचानें: शरीर में पानी की सही मात्रा बनी है या नहीं, इसका अंदाज़ा पेशाब के रंग से लगाएँ – हल्का पीला रंग आदर्श होता है।

क्या न करें: चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक और शराब जैसी चीजें डिहाइड्रेशन बढ़ा सकती हैं – इनसे दूरी बनाए रखें।

2. ठंडे वातावरण में समय बिताएँ

सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें।

AC, कूलर या पंखे वाले कमरे में रहें।

अगर घर में AC नहीं है तो घर के ठंडे, अंधेरे और हवादार हिस्से को प्राथमिकता दें।

 

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3. कपड़ों का सही चयन

हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें जो पसीना सोख सकें।

बाहर निकलते समय चौड़ी टोपी या छाता इस्तेमाल करें, जो सिर और गर्दन को सीधे धूप से बचाए।

4. शरीर को ठंडा रखने के स्मार्ट तरीके

आइस पैक: गर्दन, कलाइयों या माथे पर रखें (लेकिन सीधी त्वचा पर न लगाएँ – कपड़े में लपेटें)।

गीला तौलिया या कपड़ा: गर्दन या सिर पर रखें – इससे वाष्पीकरण से ठंडक मिलेगी।

ठंडे पानी से स्पंजिंग: दिन में 3-4 बार चेहरा, हाथ-पैर पोंछें।

कूलिंग डिवाइस: कूलिंग वेस्ट, स्कार्फ या कूलिंग पिलो का प्रयोग करें।

5. गतिविधियों की स्मार्ट प्लानिंग करें

गर्मी से बचाव के 6 बेहद जरूरी उपाय
Image Credit By Pinterest

जरूरी काम जैसे बाजार जाना, वॉक करना या व्यायाम सुबह या शाम के समय करें।

धूप में काम करने से बचें – अगर ज़रूरी हो तो छांव में रुक-रुक कर करें।

व्यायाम के दौरान बार-बार ब्रेक लें, और शरीर को ठंडा करते रहें।

6. खतरनाक लक्षणों को पहचानें और तुरंत कार्रवाई करें

हीटस्ट्रोक या ओवरहीटिंग के संकेत:

सिरदर्द

चक्कर आना

उल्टी

तेज़ धड़कन

त्वचा का लाल या बहुत सूखा होना

बेहोशी

तुरंत क्या करें:

व्यक्ति को ठंडी, छायादार जगह पर ले जाएँ

शरीर को पानी, ठंडे कपड़े या पंखे से ठंडा करें

डॉक्टर को फ़ोन करें या एम्बुलेंस (102/112) बुलाएँ

अन्य जरूरी सावधानियाँ

दवाओं का असर:
कुछ दवाएं जैसे एंटीकोलिनर्जिक्स या एंटीस्पास्टिक्स शरीर की गर्मी सहने की क्षमता को कम कर सकती हैं। डॉक्टर से गर्मी के दौरान दवाओं की समीक्षा करवाएं।

वाहन में सावधानी:
कार को कभी धूप में खड़ी करके तुरंत न बैठें। पहले AC चलाकर 5-10 मिनट तक ठंडा करें। SCI व्यक्ति को अकेले गर्म कार में कभी न छोड़ें।

देखभालकर्ता की जिम्मेदारी:
चूंकि SCI व्यक्ति खुद से गर्मी का अनुभव नहीं कर सकते, इसलिए देखभाल करने वालों को हर समय शरीर का तापमान, पसीना और स्किन की स्थिति की निगरानी करनी चाहिए।

SCI के लिए 3 ‘S’ फॉर्मूला – “पानी, छाया और सतर्कता”

रीढ़ की हड्डी में चोट (SCI) से जूझ रहे व्यक्ति के लिए गर्मी के मौसम में विशेष सावधानी अत्यंत आवश्यक है। थर्मोरेग्यूलेशन क्षमता कम होने के कारण हीटस्ट्रोक जैसी आपात स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि समय रहते हाइड्रेशन बनाए रखा जाए, ठंडे वातावरण में रहा जाए और जोखिम के लक्षणों को पहचाना जाए, तो गर्मियों को भी आरामदायक और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। हर SCI व्यक्ति की स्थिति अलग होती है। कृपया किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह अवश्य लें।

Katyani Thakur
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