Shardiya Navratri 2024 Date : नवरात्रि का आगमन इस वर्ष 3 अक्टूबर, गुरुवार से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। ये पावन पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधि-विधान से माँ दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
या श्रीः स्वयं सुकृ तिनां भवनेष्व लक्ष्मीः
पापात्मनां कृत घियां हृदयेषु वृद्धिः।
श्रद्धा सतां कुलजन प्रभ वस्य लज्जा,
तां त्वां नताः स्म परिणालय देवी विश्वम्।।
Shardiya Navratri: नवरात्रि का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा सभी पुण्य आत्माओं के घरों में लक्ष्मी के रूप में, पापियों के हृदय में दरिद्रता के रूप में और सत्पुरुषों के हृदय में ज्ञान के रूप में निवास करती हैं। नवरात्रि में देवी की आराधना करने से व्यक्ति इन सभी रूपों को प्राप्त कर सकता है।
Shardiya Navratri कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष नवरात्रि विशेष शुभ है। घटस्थापना के लिए मंदिरों और शक्तिपीठों में सुबह 4:09 से 5:07 तक का समय सबसे शुभ माना गया है। घरों में यह मुहूर्त सुबह 9:40 से 11:50 तक का है।
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नवदुर्गा के नौ स्वरूप
Shardiya Navratri के नौ दिनों में प्रतिदिन एक शक्ति की पूजा का विधान है। इन नौ शक्तियों को नवदुर्गा कहा जाता है। ये हैं:
शैलपुत्री: पार्वती जी का पहला रूप
ब्रह्मचारिणी: तपस्या में लीन रूप
चंद्रघंटा: शेर पर सवार, घंटा धारण करने वाली
कूष्मांडा: ब्रह्मांड की रचनाकार
स्कंदमाता: कार्तिकेय की माता
कात्यायनी: महिषासुर का वध करने वाली
कालरात्रि: अंधकार को नष्ट करने वाली
महागौरी: शिव जी की पत्नी
सिद्धिदात्री: सिद्धियों की देवी
नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
Shardiya Navratri का महत्व सिर्फ पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है। यह हमें सकारात्मक सोच, सेवा भाव और स्त्री सम्मान की शिक्षा देता है। कन्या पूजन के माध्यम से हम स्त्री वर्ग के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
नवरात्रि का कैलेंडर
3 अक्टूबर: मां शैलपुत्री
4 अक्टूबर: मां ब्रह्मचारिणी
5 अक्टूबर: मां चंद्रघंटा
6 अक्टूबर: मां कूष्मांडा
7 अक्टूबर: मां स्कंदमाता
8 अक्टूबर: मां कात्यायनी
9 अक्टूबर: मां कालरात्रि
10 अक्टूबर: मां महागौरी
11 अक्टूबर: मां सिद्धिदात्री
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