Signs of upcoming periods: पुणे की मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ और टेस्ट ट्यूब बेबी कंसल्टेंट, डॉ. सुप्रिया पुराणिक बताती हैं कि मासिक धर्म (पीरियड) शुरू होने से 4-7 दिन पहले ही महिलाओं के शरीर और व्यवहार में कई बदलाव दिखने लगते हैं। इन बदलावों को हम “प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम” यानी PMS (Premenstrual Syndrome) के नाम से जानते हैं।
ये बदलाव हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से होते हैं और यह महिलाओं की शारीरिक और मानसिक स्थिति को सीधे प्रभावित करते हैं। चलिए, जानते हैं पीरियड से पहले शरीर में क्या-क्या बदलाव होते हैं और उनके पीछे की वजह क्या है।
PMS क्या है और क्यों होता है?
पीरियड से पहले शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे कुछ महिलाओं को थकावट, चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, मूड स्विंग और फिजिकल पेन जैसी परेशानियां होती हैं। इस दौरान बॉडी में पानी रुकने लगता है, जिसे फ्लूड रिटेंशन कहते हैं। यही कारण है कि पीरियड शुरू होने से पहले वजन बढ़ा हुआ महसूस होता है या पेट फूला-फूला लगता है।
Periods से पहले दिखने वाले आम लक्षण
1. ब्रेस्ट में संवेदनशीलता और भारीपन
PMS का सबसे पहला संकेत होता है ब्रेस्ट में बदलाव। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के कारण ब्रेस्ट टिशू में सूजन आ जाती है, जिससे भारीपन, दर्द और संवेदनशीलता महसूस होती है।
2. पेट फूलना (ब्लोटिंग)
फ्लूड रिटेंशन और हॉर्मोन चेंज के चलते पेट में फुलाव आता है। कुछ महिलाओं को गैस और भारीपन का एहसास भी होता है। ये संकेत हो सकते हैं कि पीरियड्स शुरू होने वाले हैं।
3. मूड स्विंग और भावनात्मक बदलाव
पीरियड से पहले मूड बार-बार बदलना आम बात है। सेरोटोनिन के स्तर में गिरावट होने से उदासी, गुस्सा, बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
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4. थकान और शरीर में क्रैम्प्स
PMS के दौरान महिलाओं को अधिक थकान महसूस हो सकती है। साथ ही पेट, जांघों या हाथ-पैरों में हल्के से लेकर तेज क्रैम्प्स आ सकते हैं। हेल्दी डाइट और अच्छी नींद से इस परेशानी को कम किया जा सकता है।
5. भूख में बदलाव और खाने की क्रेविंग
कुछ महिलाओं को इस दौरान मीठा या नमकीन खाने की ज्यादा इच्छा होती है, वहीं कुछ को भूख बिल्कुल नहीं लगती। यह भी हार्मोनल बदलाव का ही हिस्सा है।
6. सिरदर्द या माइग्रेन
पीरियड से पहले एस्ट्रोजन लेवल में गिरावट से सिरदर्द या माइग्रेन हो सकता है। खासकर जो महिलाएं माइग्रेन से पहले से पीड़ित होती हैं, उन्हें ये लक्षण और ज्यादा परेशान करते हैं।
मासिक धर्म का चक्र और इर्रेगुलर पीरियड्स
आमतौर पर महिलाओं का पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह चक्र 21 से 40 दिनों तक का हो सकता है। जिन महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित रहता है, उनके लिए PMS के लक्षण ज्यादा भ्रमित करने वाले हो सकते हैं।
कैसे करें PMS को मैनेज?
संतुलित और पौष्टिक आहार लें
कैफीन और प्रोसेस्ड फूड से बचें
नियमित व्यायाम करें
पर्याप्त नींद लें
स्ट्रेस मैनेजमेंट करें
निष्कर्ष
PMS कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की जीवनशैली का एक सामान्य हिस्सा है। लेकिन यदि ये लक्षण बहुत ज्यादा परेशान करते हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। डॉ. सुप्रिया पुराणिक कहती हैं कि अगर समय रहते PMS को समझा और मैनेज किया जाए, तो पीरियड्स का समय बहुत आरामदायक बनाया जा सकता है।
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