Hallmark 9 Carat Gold Benefits: सोने की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि अब आम आदमी के लिए गोल्ड खरीदना एक सपना बन गया है। आज 22 या 24 कैरेट गोल्ड की बात करें तो इसकी कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच चुकी है। ऐसे में मिडिल क्लास और गरीब तबके के लिए ज्वेलरी लेना मुश्किल होता जा रहा है।
9 Carat Gold Jewellery Benefits: लेकिन अब राहत की खबर है — सरकार ने 9 कैरेट गोल्ड को हॉलमार्किंग लिस्ट में शामिल कर लिया है। यानी अब सिर्फ 37,000 से 38,000 रुपये में आप 10 ग्राम गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकते हैं।
9 कैरेट गोल्ड क्या है और क्यों है खास?
9 Carat Gold में 37.5% शुद्ध सोना होता है, बाकी हिस्सा अन्य धातुओं का होता है। ये कैरेट रेटिंग कम जरूर है, लेकिन इससे गहनों की कीमत भी काफी कम हो जाती है — और डिज़ाइन में भी ज्यादा विकल्प मिलते हैं। यही कारण है कि आजकल लोग 22 या 18 कैरेट की जगह 9 कैरेट गोल्ड खरीदने में इंटरेस्ट ले रहे हैं।
हॉलमार्किंग से बढ़ेगा भरोसा, घटेगा धोखा
अब सरकार ने 9 कैरेट गोल्ड पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है। इसका मतलब है कि अब अगर आप 9 कैरेट सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं, तो उस पर भी हॉलमार्क का यूनिक नंबर होगा। इससे आपको सोने की शुद्धता की पूरी गारंटी मिलेगी और कोई भी दुकानदार आपको धोखा नहीं दे सकेगा।
कम बजट में शानदार डिज़ाइन वाली ज्वेलरी
9 कैरेट गोल्ड सस्ता होने के साथ-साथ डिज़ाइन में भी बेहद फ्लेक्सिबल होता है। इसकी मजबूती अच्छी होती है, इसलिए इससे बेहद खूबसूरत और मॉडर्न ज्वेलरी बनाई जा सकती है — वो भी कम बजट में। खासकर महिलाओं के लिए अब ये एक बेहतरीन विकल्प है।
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निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, इंटरनेशनल डिमांड भी ज़बरदस्त
विदेशों में 9 कैरेट गोल्ड की काफी डिमांड रहती है। अब जब भारत में भी इस पर हॉलमार्किंग शुरू हो गई है, तो इससे देश से बाहर ज्वेलरी का निर्यात भी तेज़ होगा। ये एक बड़ा आर्थिक फायदा साबित हो सकता है।
कैसे करें असली हॉलमार्क की पहचान?
अब आपके पास BIS-Care ऐप है, जिसमें आप हॉलमार्क यूनिक आईडी (HUID) डालकर चेक कर सकते हैं कि ज्वेलरी असली है या नकली। इसके अलावा आप BIS की वेबसाइट पर जाकर भी हॉलमार्क वेरिफाई कर सकते हैं। इससे ग्राहक को पूरी सुरक्षा मिलती है।
याद रखें – निवेश के लिए 22 कैरेट, इस्तेमाल के लिए 9 Carat Gold बेस्ट!
अगर आप गोल्ड को सिर्फ निवेश (Investment) के लिए खरीद रहे हैं, तो 22 या 24 कैरेट गोल्ड ही लें। लेकिन अगर आप रोज़मर्रा में पहनने या फंक्शन/शादी के लिए ज्वेलरी चाहते हैं, तो 9 कैरेट एक बढ़िया और बजट-फ्रेंडली विकल्प है।
हॉलमार्क क्यों जरूरी है?
हॉलमार्क का मतलब होता है – गहने की शुद्धता की सरकारी मुहर। इससे ग्राहक को भरोसा रहता है कि जो ज्वेलरी वो ले रहा है, उसमें ठगी की कोई गुंजाइश नहीं है। खासकर गरीब और मिडिल क्लास लोगों के लिए हॉलमार्किंग एक सुरक्षा कवच जैसा है।
अब सोना खरीदना केवल अमीरों की बात नहीं
सरकार के इस नए नियम के बाद अब हर तबके का व्यक्ति गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकता है — वो भी कम कीमत में और पूरे भरोसे के साथ। 9 Carat Gold एक ऐसा विकल्प है जो गरीब और मिडिल क्लास को भी खूबसूरत, हॉलमार्क शुद्धता वाली ज्वेलरी पहनने का सपना साकार कराता है।
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