Karwa Chauth 2024 Date And Time: करवा चौथ हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं का एक महत्वपूर्ण व्रत है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं।
व्रत के दौरान एक अनोखी परंपरा है, जिसमें महिलाएं चंद्रोदय के समय छलनी से चांद और अपने पति का चेहरा देखती हैं। आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे क्या कारण है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी को मनाया जाता है।
इस दिन शादी शुदा महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं।
व्रत के दौरान महिलाएं निराहार रहती हैं और चंद्रोदय के बाद व्रत खोलती हैं।
चलनी में ही क्यों देखते हैं चांद और पति को?
छलनी में हजारों छोटे-छोटे छेद होते हैं। मान्यता है कि जब महिलाएं छलनी से चांद को देखती हैं तो चांद का प्रतिबिंब हजारों बार बन जाता है। इसी तरह, जब वे छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं तो मान्यता है कि उनके पति की उम्र भी हजारों गुना बढ़ जाती है।
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पौराणिक कथा:Karwa Chauth 2024
इस परंपरा के पीछे एक पौराणिक कथा भी है। कथा के अनुसार, एक बार चंद्रमा को लेकर राजा दक्ष प्रजापति क्रोधित हो गए थे और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे दिया था। इस श्राप के कारण चंद्रमा कमजोर हो गया था। भगवान शिव ने चंद्रमा को यह वरदान दिया कि जो महिला कार्तिक मास की चतुर्थी को छलनी से चंद्रमा को देखेगी, उसके सभी पाप धुल जाएंगे और उसका पति स्वस्थ और दीर्घायु होगा।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने का एक माध्यम भी है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए प्रार्थना करती हैं और उनके प्रति अपना प्यार व्यक्त करती हैं।