Stock Markets Down: 10 फरवरी: भारतीय शेयर बाजारों में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक कारकों ने निवेशकों के मनोबल को कमजोर कर दिया।
कारोबार की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 671 अंकों की गिरावट के साथ 77,189.04 के स्तर तक पहुंच गया। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद, सेंसेक्स 548.39 अंक (0.70%) गिरकर 77,311.80 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 182.85 अंक (0.78%) लुढ़ककर 23,377.10 पर बंद हुआ।
Stock Markets Down: छोटे और मझोले शेयरों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 2.06% और स्मॉलकैप इंडेक्स 2.25% की गिरावट के साथ बंद हुए। इस भारी गिरावट से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 417.72 लाख करोड़ रुपये रह गया।
बाजार में गिरावट के 4 प्रमुख कारण
1) ट्रंप की टैरिफ नीतियों से अनिश्चितता
डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है। इसके अलावा, उन्होंने संकेत दिया कि जो देश अमेरिकी सामानों पर इंपोर्ट टैक्स लगाते हैं, उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी। दवाओं, ऑयल और सेमीकंडक्टर्स पर भी ड्यूटी बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है।
इससे पहले, ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर 10% ड्यूटी लगाने की घोषणा की थी, जिसका असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान के अनुसार, “अमेरिकी व्यापार नीतियों में अनिश्चितता से वैश्विक बाजार अस्थिर हो गए हैं और निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है।”
2) रुपये में कमजोरी
भारतीय रुपया सोमवार को 45 पैसे टूटकर 87.95 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर के मजबूत होने और विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली के कारण रुपये पर दबाव बना हुआ है। डॉलर इंडेक्स 108 पर पहुंच गया है, जिससे अमेरिकी मुद्रा और मजबूत हुई है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, “दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत बाजार के लिए सकारात्मक खबर हो सकती थी, लेकिन वैश्विक आर्थिक हालात इसकी भरपाई नहीं कर पा रहे हैं।”
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3) कमजोर तिमाही नतीजे
दिसंबर तिमाही में कई कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं। आईटीसी, स्विगी और एनएचपीसी जैसी कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आई है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
4) विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
फरवरी में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से करीब 10,179.40 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। अमेरिका में 10-ईयर बॉन्ड यील्ड 4.4% से अधिक हो गया है, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।
मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा के अनुसार, “फिलहाल ऐसी कोई बड़ी खबर नहीं है जो बाजार की दिशा बदल सके। ट्रंप की नीतियों को लेकर बनी चिंता जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है।”
Stock Markets Down के बाद आगे क्या?
निवेशकों की नजर अब 12 फरवरी को जारी होने वाले भारत के खुदरा महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों पर है। इसके अलावा, अमेरिका में महंगाई दर, प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) और रिटेल सेल्स के आंकड़े भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी एक्सपर्ट्स और ब्रोकरेज फर्म्स के विचारों पर आधारित है। निवेश से पहले प्रमाणित वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।
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