होम देश-विदेश एंटरटेनमेंट ऑटो न्यूज़ टेक न्यूज़ बिजनेस न्यूज़ जॉब और करियर डाइट और फिटनेस वैकल्पीप चिकित्सा धर्म खेल सक्सेस स्टोरी वेब स्टोरी

Breast Cancer Signs: हर ब्रेस्ट कैंसर में गांठ नहीं होती दिखती, इन 9 शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज

Breast Cancer Early Signs: अक्सर लोग मानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर का पहला और सबसे बड़ा संकेत ब्रेस्ट में गांठ (lump) होना है। लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर बार कैंसर का लक्षण गांठ के रूप में सामने नहीं आता। कई बार शरीर छोटे और सूक्ष्म संकेत देता है, जिन्हें महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं — यही गलती आगे चलकर बीमारी को बढ़ा देती है।

Breast Cancer Signs: हर ब्रेस्ट कैंसर में गांठ नहीं होती दिखती, इन 9 शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज
Image Source By Freepic

Breast Cancer Signs: भारत में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर बन चुका है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार, देश में महिलाओं के कुल कैंसर मामलों में करीब 28% केस ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। चिंताजनक बात यह है कि ज्यादातर मामलों की पहचान स्टेज-3 या स्टेज-4 पर होती है, क्योंकि शुरुआती लक्षणों को सही समय पर पहचाना नहीं जाता।

गांठ के बिना भी हो सकता है Breast Cancer

डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर का हर केस लंप यानी गांठ के रूप में नहीं दिखता। कई बार शरीर में ऐसे छोटे बदलाव होते हैं जिन्हें हम थकान, हॉर्मोनल बदलाव या सामान्य दर्द मानकर टाल देते हैं। कुछ आम लेकिन छिपे हुए संकेत इस प्रकार हैं

WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
  • लगातार थकान रहना
  • हड्डियों में दर्द या जोड़ों में कमजोरी महसूस होना
  • बिना कारण वजन घट जाना
  • स्किन में डिंपलिंग या झुर्रियों जैसी सतह बनना
  • एक ब्रेस्ट में जकड़न या खिंचाव महसूस होना
  • निप्पल का अंदर की ओर खिंचना या उसमें बदलाव दिखना

अगर यह लक्षण लगातार बने रहें तो इन्हें हल्के में न लें।

हर गांठ कैंसर नहीं, लेकिन जांच जरूरी

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हर गांठ Breast Cancer नहीं होती, लेकिन हर गांठ की जांच ज़रूर होनी चाहिए। कभी-कभी ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत स्किन या निप्पल में बहुत छोटे बदलावों से होती है — जैसे स्किन पर मोटापन, हल्का दर्द या दबाव महसूस होना।

ध्यान देने वाली बात यह है:

सामान्य हार्मोनल बदलाव (जैसे पीरियड्स या प्रेगनेंसी के दौरान) दोनों ब्रेस्ट में समान रूप से दिखाई देते हैं, जबकि कैंसर के लक्षण अक्सर सिर्फ एक ब्रेस्ट तक सीमित रहते हैं।

सही समय पर पहचान से बढ़ती है बचने की संभावना

नेशनल कैंसर ग्रिड ऑफ इंडिया के मुताबिक, अगर ब्रेस्ट कैंसर शुरुआती स्टेज (1 या 2) में पकड़ में आ जाए, तो 5 साल की सर्वाइवल रेट 90% से ज्यादा होती है। लेकिन देर से पता चलने पर यह संभावना बहुत कम रह जाती है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि

20 साल से ऊपर की महिलाएं – हर महीने खुद से ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करें।

20–39 साल की महिलाएं – हर 3 साल में क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन कराएं।

40 साल से ज्यादा या हाई-रिस्क महिलाएंमैमोग्राफी टेस्ट कराना जरूरी है।

इन सरल कदमों से ब्रेस्ट कैंसर को समय रहते पहचाना जा सकता है और इलाज आसान बनता है।

निष्कर्ष

Breast Cancer हमेशा गांठ के रूप में नहीं आता। थकान, हड्डियों का दर्द या स्किन के सूक्ष्म बदलाव भी इसके संकेत हो सकते हैं। जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर को समझें, नियमित जांच करें और किसी भी बदलाव को हल्के में न लें। समय पर पहचान ही जीवन बचा सकती है।

Katyani Thakur
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now

सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर जन्मस्थली राजस्थान है और कर्मस्थली तीन राज्य के कई शहर रहे हैं। 2021 में प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की। पत्रकारिता की शुरुआत स्थानीय समाचार पत्र और न्यूज चैनल you tube से की। इसके बाद अटल साहित्य, भारतटॉक , भारत की बात जैसे बड़े वेबसाइट होते हुए PowersMind तक का सफर तय किया। हर दिन कुछ नया सीखने और बेहतर करने की लगन। विशेष रुचि स्वस्थ, लाइफ स्टाइल, और सकारात्मक खबरों में।

Leave a Comment