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Movie Review: तेरे इश्क में — धनुष और कृति की इंटेंस लव स्टोरी वापस लाती है रांझणा वाली दीवानगी

Tere Ishq Mein Movie Review In Hindi: बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों की बाढ़ सी आ गई है। सैयारा की सफलता के बाद धड़क 2, परम सुंदरी, सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी और एक दीवाने की दीवानियत जैसी लव स्टोरीज़ लाइन से रिलीज़ हो रही हैं।

Tere Ishq Mein Movie Review In Hindi
Image Source By X (Romantic Love Story Film Review)

Dhanush Kriti Sanon New Movie: इसी बीच बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दे चुकी है आनंद एल राय की रोमांटिक ड्रामा तेरे इश्क में, जिसमें एक बार फिर धनुष और निर्देशक आनंद एल राय की जबरदस्त जोड़ी नजर आती है। रांझणा में जिसे दर्शकों ने खूब सराहा था, वैसा ही जुनून और कच्चा प्यार इस फिल्म में भी देखने को मिलता है।

Bollywood Romantic Movie Review: डायलॉग राइटर हिमांशु शर्मा और नीरज यादव द्वारा लिखा गया पावरफुल डायलॉग “मैं प्यार में पड़ गया तो दिल्ली फूंक दूंगा” पहले से ही थिएटर में तालियां बटोर रहा है।

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Tere Ishq Mein कहानी: प्यार, जुनून और बर्बादी की दास्तान

Kriti Sanon Latest Movie: फिल्म की कहानी घूमती है शंकर (धनुष) के इर्द-गिर्द, जो DUSU (दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ) का दबंग और गुस्सैल अध्यक्ष है। कॉलेज में उसके हंगामों और हिंसक स्वभाव से हर कोई वाकिफ है। इसी कॉलेज में पढ़ती है मुक्ति बेनीवाली, जो एक समझदार रिसर्च स्कॉलर है।

मुक्ति अपनी थीसिस के लिए यह साबित करना चाहती है कि एक हिंसक इंसान भी बदल सकता है। इसी मकसद से वह शंकर को अपना सब्जेक्ट बनाती है। दोस्ती बढ़ती है, मुलाकातें होती हैं—और शंकर धीरे-धीरे अपने स्वभाव में नरमी लाने लगता है।

पर कहानी मोड़ तब लेती है जब उसे एहसास होता है कि मुक्ति उससे प्यार ही नहीं करती।

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दिल टूटने के बाद शंकर का पागलपन लौट आता है और वह ‘दुनिया जला दूंगा’ मोड में आ जाता है।
7 साल बाद, किस्मत दोनों को फिर आमने-सामने ला खड़ा करती है—और इस बार सिर्फ शंकर नहीं, बल्कि मुक्ति भी उसके इश्क में आधी से ज्यादा बर्बाद हो चुकी है।

रिव्यू: जुनून, दर्द और कच्चा प्यार—आनंद एल राय की स्टाइल में

इंटेंस रोमांटिक कहानियों का खेल आनंद एल राय से बेहतर शायद ही कोई जानता है। तनु वेड्स मनु और रांझणा के बाद वे एक बार फिर प्यार को ऐसे अंदाज़ में पेश करते हैं, जो गहरा भी है और पागलपन से भरा भी।

➡ पहले हाफ में फिल्म दमदार है:

किरदारों की टकराहट

प्यार का पागलपन

इमोशनल फैमिली कनेक्शन

और धनुष का कच्चा दर्द

ये सब दर्शकों को पकड़कर रखते हैं।

लेकिन इंटरवल के बाद कहानी थोड़ी ढीली पड़ती है और क्लाइमैक्स आते-आते यह थोड़ी फिल्मी सी लगने लगती है। अगर रन टाइम 15–20 मिनट छोटा होता, तो असर और गहरा होता।

तकनीकी पक्ष शानदार है—
कैमरा वर्क बेहतरीन
बैकग्राउंड स्कोर फिल्म का मूड और बेहतर करता है
ए.आर. रहमान का संगीत अच्छा है, पर उम्मीदें इससे कहीं ज्यादा थीं। तेरे इश्क में और जिगर ठंडा जैसे गाने ही मन में बसते हैं।

एक्टिंग: धनुष बने फिल्म की रीढ़

फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है—धनुष का एक्टिंग स्टॉर्म। उन्होंने इश्क, दर्द, हिंसा, टूटन—हर इमोशन इतनी सच्चाई से निभाया है कि स्क्रीन पर एक जुनूनी प्रेमी जिंदा हो उठता है।

कृति सेनन भी फिल्म में बेहद मजबूत नजर आती हैं। इस बार सिर्फ खूबसूरती नहीं, बल्कि अभिनय से भी प्रभावित करती हैं।

ज़्यादा स्क्रीन टाइम न होते हुए भी मोहम्मद जीशान अयूब और प्रकाशराज अपने किरदारों में गहराई लेकर आते हैं। प्रियांशु पैन्यूली भी अच्छा काम करते हैं।

क्यों देखें ये Tere Ishq Mein फिल्म?

अगर आपको रांझणा, सत्यप्रेम की कथा, कबीर सिंह जैसी इंटेंस और भावुक प्रेम कहानियाँ पसंद हैं

अगर आप धनुष के फैन हैं

या अगर आप बड़े पर्दे पर जुनून और मोहब्बत की दास्तान देखना चाहते हैं

तो Tere Ishq Mein आपके लिए एक बेहतरीन सिनेमैटिक एक्सपीरियंस हो सकती है।

Arpita Dutta
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अर्पिता वर्तमान में PowersMind में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं और मीडिया क्षेत्र में 2 से अधिक वर्षों का अनुभव रखती हैं। वह एंटरटेनमेंट क्षेत्र में रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म समीक्षा, इंटरव्यू और विश्लेषण में विशेषज्ञता रखती हैं। अर्पिता ने मंगलायतन यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक और गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर किया है।

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