Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी, मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष महत्व रखती है। इस लेख में हम आपको मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र, भोग और इस पूजा के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
मां चंद्रघंटा कौन हैं?
मां चंद्रघंटा, माँ दुर्गा के दस महाविद्याओं में से एक हैं। उनके माथे पर घंटे के आकार का चंद्र विराजमान रहता है, इसलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। वे शौर्य, पराक्रम और साहस की देवी हैं।
Navratri 3rd Day पूजा का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि 2024 – तीसरे दिन के चौघड़िया मुहूर्त
शुभ (उत्तम) मुहूर्त:सुबह 07:44 से 09:13 तक
चर (सामान्य) मुहूर्त:दोपहर 12:09 से 01:37 तक
लाभ (उन्नति) मुहूर्त: दोपहर 01:37 से 03:06 तक
अमृत (सर्वोत्तम) मुहूर्त: दोपहर 03:06 से 04:34 तक
मां चंद्रघंटा की पूजा के मंत्र
1. ऐं श्रीं शक्तयै नमः
2. ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः
Navratri 3rd Day पूजा विधि
स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
स्थान की सफाई: पूजा स्थल को साफ करके फूलों और दीपक से सजाएँ।
मूर्ति की स्थापना: मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र को लाल या पीले आसन पर स्थापित करें।
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आचमन: जल से आचमन करें।
धूप-दीप: धूप और दीपक जलाएं।
अर्घ्य: जल से अर्घ्य दें।
पुष्पांजलि: फूल चढ़ाएं।
चंदन-कुमकुम: चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
नैवेद्य: मां को भोग लगाएं (खीर, फल, मिठाई)।
मंत्र जाप: निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
आरती: मां चंद्रघंटा की आरती करें।
भोग
मां चंद्रघंटा को खीर, फल, मिठाई और दूध का भोग लगाया जाता है।
Navratri 3rd Day पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति को शौर्य, पराक्रम, साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। यह जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान करती हैं।