Aaradhya Bachchan: ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन की बेटी आराध्या क्यों पहुंच गई दिल्ली high court, दायर की PIL, जानें पूरा मामला

Aaradhya Bachchan Fake Videos Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने आराध्या बच्चन के स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रामक जानकारी को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया था। हालांकि, नई याचिका में आराध्या बच्चन ने आरोप लगाया है

Aaradhya Bachchan: ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन की बेटी आराध्या क्यों पहुंच गई दिल्ली high court, दायर की PIL, जानें पूरा मामला

कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उनके स्वास्थ्य से संबंधित गलत जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से पूरी तरह हटाई नहीं गई है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सर्च इंजन गूगल को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

अप्रैल 2023 में हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

Aaradhya Bachchan News: अप्रैल 2023 में आराध्या बच्चन ने अपने पिता अभिषेक बच्चन के माध्यम से यूट्यूब पर उनके स्वास्थ्य से जुड़ी झूठी जानकारी फैलाने वाले वीडियो के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए आराध्या बच्चन के स्वास्थ्य से संबंधित भ्रामक जानकारी वाले वीडियो के प्रसार पर रोक लगा दी थी।

साथ ही, गूगल को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से ऐसे वीडियो को हटाने और डी-लिस्ट करने का निर्देश दिया गया था।

Aaradhya Bachchan की याचिका में क्या है आरोप?

आराध्या बच्चन की याचिका में कहा गया है कि इन वीडियो में मोर्फ की गई तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे गलत जानकारी को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही, ये वीडियो दर्शकों से सब्सक्रिप्शन फीस भी मांगते हैं, जो उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ऐसी सामग्री अभी भी ऑनलाइन मौजूद है।

हाईकोर्ट ने जताई चिंता

हाईकोर्ट ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि एक नाबालिग बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़ी झूठी जानकारी फैलाना असंवेदनशीलता को दर्शाता है। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे वीडियो बनाने और साझा करने वाले लोगों की मानसिकता पर सवाल उठता है।

Aaradhya Bachchan का यह मामला न केवल उनके व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता को भी उजागर करता है।

मामला क्यों है महत्वपूर्ण?

आराध्या बच्चन का यह मामला केवल एक सेलिब्रिटी बच्चे की निजता से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सोशल मीडिया पर फैल रही गलत जानकारी और नाबालिगों के प्रति हो रही असंवेदनशीलता को भी उजागर करता है। अदालत का यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है।

Arpna Dhar

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