आपकी प्राइवेसी खतरे में! ये Apps चुपचाप चुरा बेच रहे हैं आपकी निजी तस्वीर और कॉन्टैक्ट नंबर की जानकारी – अभी करें डिलीट वरना पछताएंगे

Privacy Apps: आज के समय में जब हर काम स्मार्टफोन और इंटरनेट से जुड़ा है, ऐसे में आपकी डिजिटल प्राइवेसी पहले से कहीं ज्यादा अहम हो गई है। लेकिन एक ताजा रिपोर्ट ने इस प्राइवेसी को लेकर बड़ी चिंता खड़ी कर दी है।

आपकी प्राइवेसी खतरे में! ये Apps चुपचाप चुरा बेच रहे हैं आपकी निजी तस्वीर और कॉन्टैक्ट नंबर की जानकारी – अभी करें डिलीट वरना पछताएंगे

डेटा रिसर्च कंपनी Apteco की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, कई मशहूर मोबाइल Apps यूज़र्स की संवेदनशील जानकारी बिना स्पष्ट इजाज़त के इकट्ठा कर रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में सोशल मीडिया ऐप्स टॉप पर हैं।

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सबसे ज्यादा डेटा चुराने वाले Apps: Meta टॉप पर

आपकी प्राइवेसी खतरे में! ये Apps चुपचाप चुरा बेच रहे हैं आपकी निजी तस्वीर और कॉन्टैक्ट नंबर की जानकारी – अभी करें डिलीट वरना पछताएंगे

Apteco की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, Meta की ऐप्स – Facebook, Instagram और Threads सबसे ज्यादा यूज़र्स का पर्सनल डेटा जुटाती हैं। इन ऐप्स के बाद LinkedIn, Pinterest, Amazon Alexa, Amazon, YouTube, X (Twitter) और PayPal भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

इन Apps के ज़रिए यूज़र्स की जो जानकारी इकट्ठा की जाती है, उसमें शामिल हैं:

  • नाम, पता, मोबाइल नंबर
  • सटीक और अनुमानित लोकेशन
  • फाइनेंशियल डिटेल्स और पेमेंट हिस्ट्री
  • ब्राउज़िंग और सर्च हिस्ट्री
  • यूज़र द्वारा अपलोड की गई जानकारी और पहचानकर्ता
  • खरीदारी से जुड़ा डेटा

यह डेटा सिर्फ विज्ञापन दिखाने के लिए नहीं, बल्कि यूज़र्स के व्यवहार को समझने, ट्रैक करने और प्रभावित करने के लिए भी इस्तेमाल होता है।

क्या करें आम यूज़र? कैसे बचाएं अपनी प्राइवेसी?

रिपोर्ट में ऐप्स को डिलीट करने की सलाह नहीं दी गई है, लेकिन यूज़र्स को प्राइवेसी सेटिंग्स पर खास ध्यान देने की जरूरत है। यहां कुछ जरूरी स्टेप्स दिए गए हैं:

  • ऐप को लोकेशन एक्सेस केवल इस्तेमाल करते वक्त देने की अनुमति दें।
  • सटीक लोकेशन ट्रैकिंग को डिसेबल करें
  • कॉन्टैक्ट्स, माइक्रोफोन और कैमरा की परमिशन केवल जरूरत होने पर ही दें।
  • फोन और ऐप्स की सेटिंग्स में जाकर समय-समय पर प्राइवेसी चेक करें।

थर्ड पार्टी Apps को “Sign in with Google/Facebook” से लॉगिन करने से बचें।

Apple की कोशिशें भी पूरी तरह कारगर नहीं

Apple ने 4 साल पहले “Data Linked to You” जैसी प्राइवेसी लेबल नीति लागू की थी, लेकिन इसके बावजूद डेटा का धंधा बदस्तूर जारी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ये ऐप्स यूज़र्स की निजी जानकारी को एक ‘प्रोडक्ट’ की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं — और ये सब कुछ होता है पर्दे के पीछे।

नतीजा: प्राइवेसी अब आपकी जिम्मेदारी है

डिजिटल दुनिया में पूरी तरह सुरक्षित रहना नामुमकिन भले हो, लेकिन सतर्क रहना आपके हाथ में है। यूज़र्स को अपनी डिजिटल आदतों और प्राइवेसी सेटिंग्स को लेकर सजग रहना होगा, वरना आपकी संवेदनशील जानकारियां आपके खिलाफ ही इस्तेमाल हो सकती हैं।

Rohit Singh
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