Kailash Mansarovar Yatra 2025 की तैयारियां तेज़, सेना और प्रशासन मिलकर कराएंगे आदि कैलास व ओम पर्वत दर्शन की यात्रा

Kailash Mansarovar Yatra 2025 : हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। इस बार यह यात्रा और भी व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सेना और प्रशासन ने मिलकर कमर कस ली है।

Kailash Mansarovar Yatra 2025 की तैयारियां तेज़, सेना और प्रशासन मिलकर कराएंगे आदि कैलास व ओम पर्वत दर्शन की यात्रा

पिथौरागढ़ ज़िले में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कैलाश मानसरोवर आदि कैलाश और Om Parvat दर्शन यात्रा को सफल और व्यवस्थित बनाने पर गहन मंथन किया गया।

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सेना और प्रशासन की संयुक्त बैठक

Kailash Mansarovar Yatra 2025 की तैयारियां तेज़, सेना और प्रशासन मिलकर कराएंगे आदि कैलास व ओम पर्वत दर्शन की यात्रा
Image Source By Istock

बुधवार को ज़िला मुख्यालय के कलक्ट्रेट सभागार में यह अहम बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने की। बैठक में स्थानीय सेना इकाई के ब्रिगेडियर गौतम पठानिया, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, और प्रशासन के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्य रूप से यात्रा मार्ग की सुरक्षा, चिकित्सा व्यवस्था, आपातकालीन प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा हुई। सेना ने भरोसा दिलाया कि ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा संचालन के दौरान पूर्ण सहयोग और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

उच्च हिमालय में सेना निभाएगी प्रमुख भूमिका

ब्रिगेडियर गौतम पठानिया ने बताया कि आदि कैलाश और ओम पर्वत जैसे तीर्थ स्थल ऊंचे और दुर्गम हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, जहां मौसम और भौगोलिक परिस्थितियाँ बेहद चुनौतीपूर्ण होती हैं। ऐसे में सेना की ज़िम्मेदारी यात्रा को सुरक्षित ढंग से संचालित करने में अहम होगी।

उन्होंने कहा,

“हमारी कोशिश है कि हर यात्री इस आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव सुरक्षित, स्मरणीय और प्रेरणादायक रूप में ले सके।”

जिलाधिकारी ने बताया तैयारियों का खाका

जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि इस बार यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए हर विभाग को समय से ज़रूरी काम सौंपे गए हैं।

“हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाना है। साथ ही स्थानीय लोगों की भागीदारी भी यात्रा को सफल बनाने में अहम होगी।”

पर्यटन के साथ स्थानीय विकास भी होगा प्राथमिकता

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि इस यात्रा के ज़रिए क्षेत्र में स्थानीय पर्यटन, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों को भी बढ़ावा दिया जाए। प्रशासन इस अवसर को क्षेत्रीय विकास से जोड़कर देख रहा है, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार और आय के नए अवसर मिल सकें।

स्थानीय लोगों में खुशी की लहर

कैलाश मानसरोवर यात्रा का पिथौरागढ़ क्षेत्र से गहरा जुड़ाव रहा है। हर साल बड़ी संख्या में यात्री इस पवित्र यात्रा पर निकलते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है। यात्रा की तैयारियों की खबर से क्षेत्र के स्थानीय निवासियों में उत्साह और खुशी की लहर है।

क्यों खास है Kailash Mansarovar, आदि कैलाश और ओम पर्वत?

कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास माना जाता है और यह तिब्बत में स्थित है।

मानसरोवर झील इस पर्वत के पास स्थित एक पवित्र झील है, जिसका हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्मों में खास महत्व है।

आदि कैलाश, जिसे छोटा कैलाश भी कहते हैं, भारत में ही स्थित है और पिथौरागढ़ जिले से होकर यात्रा मार्ग गुजरता है।

Om Parvat की आकृति ‘ॐ’ जैसी दिखाई देती है, जो इसे अद्वितीय बनाती है और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।

PowerSmind के लिए निष्कर्ष:

Kailash Mansarovar Yatra 2025 सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, राष्ट्रीय सहयोग और सांस्कृतिक आस्था का संगम है। सेना और प्रशासन की साझा तैयारी से यह यात्रा और भी सुरक्षित, संगठित और दिव्य अनुभव देने वाली होगी। आने वाले समय में यह तीर्थ यात्रा भारत की धार्मिक पर्यटन नीति का एक आदर्श उदाहरण बन सकती है।

आगे की अपडेट्स और पंजीकरण से जुड़ी जानकारी के लिए PowerSmind News के साथ बने रहें।

Vinod
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