Steve Jobs और नीम करोली बाबा: जानें कैंची धाम यात्रा और एप्पल लोगो से जुड़ा किस्सा

Steve Jobs Neem Karoli Baba Connection: Apple के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) को टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक आइकॉनिक शख्सियत माना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वे नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) के भक्तों में से एक थे।

Steve Jobs in India: कब और क्यों पहुंचे नीम करोली बाबा के कैंची धाम आश्रम
Steve Jobs in India: कब और क्यों पहुंचे नीम करोली बाबा के कैंची धाम आश्रम

Apple Founder Steve Jobs : जॉब्स की जिंदगी संघर्षों से भरी रही। पैसों की कमी के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्हीं मुश्किलों के बीच उन्होंने अपने पिता के छोटे-से गैरेज से Apple जैसी दुनिया की टॉप कंपनी की नींव रखी।

Steve Jobs की भारत यात्रा

साल 1974 में स्टीव जॉब्स अध्यात्मिक खोज में भारत आए। उनका मकसद किसी टूरिस्ट की तरह घूमना नहीं था, बल्कि वे एक सच्चे गुरु की तलाश में थे।

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जॉब्स सबसे पहले हरिद्वार पहुंचे। वहां से यात्रा करते हुए वे कैंची धाम, नैनीताल स्थित नीम करोली बाबा के आश्रम तक पहुंचे। लेकिन किस्मत से उनकी मुलाकात बाबा से नहीं हो पाई क्योंकि बाबा ने 1973 में ही देह त्याग दिया था।

कैंची धाम में स्टीव जॉब्स का ठहराव

हालांकि नीम करोली बाबा से मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन स्टीव जॉब्स ने कैंची धाम में कुछ समय बिताया। कहा जाता है कि वहां की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया।

एप्पल लोगो और नीम करोली बाबा का संबंध?

एक रोचक मान्यता यह भी है कि Apple के लोगो का आइडिया स्टीव जॉब्स को बाबा के आश्रम से ही मिला। कहा जाता है कि नीम करोली बाबा को सेब बहुत पसंद थे, और इसी कारण जॉब्स ने अपनी कंपनी के लिए कटा हुआ सेब (Apple) लोगो के रूप में चुना।

हालांकि इस कहानी की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकती, लेकिन यह आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

स्टीव जॉब्स की विरासत

Steve Jobs ने चुनौतियों से लड़ते हुए अपने विज़न और मेहनत के दम पर टेक्नोलॉजी की दुनिया को एक नया आयाम दिया। 5 अक्टूबर 2011 को कैंसर के कारण उनका निधन हो गया। लेकिन आज भी वे सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि प्रेरणादायक इंसान के रूप में याद किए जाते हैं।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और कथाओं पर आधारित है। इसकी पुष्टि करना कठिन है। किसी भी तथ्य या मान्यता को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

Shah Shivangi
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