Kailash Mansarovar Video: कैलाश मानसरोवर यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस कठिन यात्रा पर निकलते हैं ताकि भगवान शिव के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकें। और इस साल की यात्रा को और भी दिव्यता का स्पर्श मिला।
Kailash Mansarovar Yatra 2025 :जब एक बड़े मीडिया संस्थान के सीनियर और वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने अपनी फ्लाइट से लौटते समय बादलों के बीच शिवलिंग के अद्भुत दर्शन किए।
फ्लाइट से कैमरे में कैद हुआ दिव्य दृश्य
एक बड़े मीडिया संस्थान के सीनियर पत्रकार और पॉलिटिकल और फॉरेन अफेयर्स एडिटर उमाशंकर सिंह, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा की ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे थे, जब तिब्बत के अली पुलान (Ali Pu’an) से वापस दिल्ली लौट रहे थे, तब उन्होंने आसमान से जो दृश्य देखा, वह अद्वितीय था।
फ्लाइट के खिड़की से कैमरे में रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में सफेद बादलों के बीच भगवान शिव का विशाल शिवलिंग स्पष्ट दिखाई देता है। यह शिवलिंग ऐसा प्रतीत होता है मानो वह दूध से नहाया हुआ हो, और उसकी श्वेत आभा सीधे ह्रदय को छू लेती है। उमाशंकर सिंह ने इसे सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसके बाद यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया।
तिब्बत के अली पुलान से लौटते समय कैलाश पर्वत का एक और दर्शन… सफ़ेद बादलों के बीच लग रहा है शिवलिंग दूध से नहाए हुए हैं 🙏 pic.twitter.com/NUOUAbyKea
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) June 27, 2025
क्या आपने देखे बादलों के बीच Kailash शिवलिंग के दर्शन?
वीडियो में जो दृश्य सामने आया है, उसे देखकर किसी भी श्रद्धालु की आंखें नम हो सकती हैं। बादलों की मोटी चादर के बीच से उभरता यह शिवलिंग, साक्षात शिव के रूप में दिखाई देता है। यह नज़ारा किसी दैवीय दर्शन से कम नहीं था।
एक सोशल मीडिया यूजर ने वीडियो देखकर लिखा — “शायद यही स्वर्ग होता है।” वहीं कई अन्य यूजर्स ने इसे “दिव्य,” “अविस्मरणीय” और “आध्यात्मिक अनुभूति” बताया।
कैलाश मानसरोवर यात्रा: पांच साल बाद फिर शुरू
बता दें कि इस साल करीब पांच साल के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है। भारत से कुल 750 श्रद्धालुओं का पहला जत्था इस पवित्र तीर्थ स्थल तक पहुंचा। इनमें से:
- 500 यात्री नाथुला पास के ज़रिए
- और 250 यात्री लिपुलेख पास से कैलाश पहुंचे।
कई मीडिया प्रतिनिधि भी इस बार की यात्रा का हिस्सा बने। उन्हीं में से एक थे उमाशंकर सिंह, जिन्होंने ना सिर्फ ग्राउंड रिपोर्टिंग की, बल्कि कैलाश की गोद में छिपे शिव के चमत्कारी रूप को भी दुनिया के सामने लाने का कार्य किया।
वीडियो क्यों बना इतना खास Kailash ?
यह सिर्फ बादलों का खेल नहीं था।
ये दृश्य साफ़-साफ़ शिवलिंग जैसा आकार लिए हुए था।
वीडियो में दिखाई दे रहा शिवलिंग पूरी तरह सफेद रंग में, दूध से स्नान करता हुआ प्रतीत हो रहा था।
इसकी लोकेशन, टाइमिंग और भावनात्मक कनेक्शन ने इसे और अधिक गहरा और आध्यात्मिक बना दिया।
श्रद्धालुओं के लिए एक संकेत?
कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव स्वयं Kailash पर्वत पर वास करते हैं। जब कोई श्रद्धालु पूरी निष्ठा और तपस्या के साथ वहां पहुंचता है, तो उन्हें शिव के दर्शन होते हैं। यह दृश्य शायद उन्हीं विश्वासों की पुष्टि करता है। यह अनुभव न सिर्फ एक पत्रकार के लिए, बल्कि करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक बन गया है।
निष्कर्ष:
उमाशंकर सिंह का यह वीडियो सिर्फ एक दृश्य नहीं, एक ईश्वर की झलक है, एक अनुभव है जिसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। यह दर्शाता है कि आस्था, भक्ति और प्रयास अगर सच्चे हों तो स्वयं शिव भी प्रकट हो सकते हैं, चाहे वो बादलों में ही क्यों न हो।
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