कौन हैं मुकेश अंबानी के करीबी और रिलायंस के पूर्व एग्जीक्यूटिव Prakash Shah? 75 करोड़ रुपये की नौकरी छोड़कर क्यों बन गए साधु

Who is mukesh ambani close prakash shah: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बेहद करीबी और कंपनी के पूर्व टॉप एग्जीक्यूटिव प्रकाश शाह ने सबको चौंकाते हुए अपनी हाई-प्रोफाइल कॉर्पोरेट लाइफ को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है।

कौन हैं मुकेश अंबानी के करीबी और रिलायंस के पूर्व एग्जीक्यूटिव Prakash Shah? 75 करोड़ रुपये की नौकरी छोड़कर क्यों बन गए साधु

उन्होंने अपनी पत्नी नैन शाह के साथ महावीर जयंती के पावन अवसर पर दीक्षा ग्रहण कर साधु जीवन अपना लिया है। दोनों अब जैन धर्म के मार्ग पर चलते हुए भौतिक सुखों का त्याग कर सादगी, शांति और सेवा का जीवन जीने का संकल्प ले चुके हैं।

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कौन हैं प्रकाश शाह?

प्रकाश शाह रिलायंस इंडस्ट्रीज में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत थे और वे कंपनी के रणनीतिक फैसलों और हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स का अहम हिस्सा रहे। उनकी पहचान एक सफल कॉर्पोरेट लीडर और उद्योग विशेषज्ञ के रूप में थी। लेकिन आज वे बिना जूते-चप्पल, सफेद वस्त्र और अति सीमित सामान के साथ साधु जीवन जी रहे हैं।

₹75 करोड़ सैलरी को त्यागकर आध्यात्मिक पथ पर

Prakash Shah की सालाना सैलरी लगभग ₹75 करोड़ थी, लेकिन उन्होंने यह सब त्याग दिया। ये कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि उनके भीतर आध्यात्मिक झुकाव वर्षों से धीरे-धीरे पनप रहा था। उनके करीबी बताते हैं कि शाह जैन धर्म, दर्शन और संयमित जीवनशैली में लंबे समय से रुचि रखते थे।

ये रुचि अब इतनी गहराई तक पहुंच गई कि उन्होंने सांसारिक जीवन की चमक-दमक को त्यागने का निर्णय ले लिया।

शानदार करियर और एजुकेशन बैकग्राउंड

Prakash Shah एक केमिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने प्रतिष्ठित IIT बॉम्बे से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया है। अपने कॉर्पोरेट करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया। इनमें पेटकोक मार्केटिंग और जामनगर पेटकोक गैसीफिकेशन प्रोजेक्ट जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जो रिलायंस के बिजनेस विस्तार में मील का पत्थर साबित हुए।

उनकी पहचान एक दूरदर्शी, अनुशासित और परफॉर्मेंस-ओरिएंटेड लीडर के तौर पर रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुईं साधु जीवन की तस्वीरें

महावीर जयंती पर दीक्षा लेने के बाद शाह दंपति की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में दोनों सफेद वस्त्र, नंगे पांव, और अत्यंत सादगीपूर्ण जीवन जीते नजर आ रहे हैं। यह बदलाव किसी के लिए भी चौंकाने वाला है –

एक समय जो व्यक्ति देश की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों में फैसले लेता था, अब वह वैराग्य और ध्यान में डूब चुका है।

क्या है जैन दीक्षा और साधु जीवन?

जैन धर्म में दीक्षा लेना यानी सांसारिक जीवन का पूर्ण त्याग करना। इसमें व्यक्ति ब्रह्मचर्य, अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों को पूरी तरह अपनाता है। साधु बनने के बाद व्यक्ति घर, परिवार, संपत्ति और सभी भौतिक वस्तुओं से नाता तोड़ देता है। वह अब जीवन में केवल ज्ञान, ध्यान और आत्मिक शुद्धता के मार्ग पर चलता है।

क्यों बना ये फैसला खास?

ऐसे दौर में जहां लोग सफलता और धन के पीछे भाग रहे हैं, वहां प्रकाश शाह जैसे व्यक्ति का यह फैसला समाज को गहरा संदेश देता है।

यह दिखाता है कि सच्ची शांति और संतोष सिर्फ भौतिकता में नहीं, बल्कि अंतर्मन की यात्रा में है।

उनके इस कदम ने युवाओं और कॉर्पोरेट जगत के लोगों के बीच आध्यात्मिकता को लेकर नई सोच जगाई है।

Prakash Shah की पत्नी नैन शाह भी बनीं साध्वी

प्रकाश शाह की पत्नी नैन शाह भी इस आध्यात्मिक यात्रा में उनके साथ हैं। उन्होंने भी वैराग्य अपनाया और साध्वी दीक्षा ली। दोनों ने महावीर जयंती पर आयोजित एक भव्य समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यह दीक्षा ग्रहण की।

निष्कर्ष: कॉर्पोरेट से संयम की राह

प्रकाश शाह का जीवन आज उन सभी के लिए एक प्रेरणा बन चुका है जो जीवन की भागदौड़ में शांति और आत्मसंतुलन की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि चाहे जीवन में कितनी भी ऊंचाई क्यों न मिल जाए, आध्यात्मिक पूर्णता और आत्मशांति की राह सबसे महान होती है।

Vinod
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