Avoid Financial Fraud in 2025: डिजिटल इंडिया के युग में फाइनेंशियल फ्रॉड तेजी से बढ़ रहे हैं। डीपफेक, फर्जी कॉल्स, और ऑनलाइन स्कैम्स से खुद को सुरक्षित रखना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। 2025 में फाइनेंशियल फ्रॉड से बचाव के लिए इन 12 प्रैक्टिकल तरीकों को अपनाना जरूरी है।
डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग ने लेन-देन को आसान बना दिया है, लेकिन साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। डीपफेक, फिशिंग, स्कैम कॉल्स और फर्जी ऐप्स जैसी धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूकता और सही साइबर सुरक्षा उपाय अपनाना जरूरी है।
आइए जानते हैं 12 प्रभावी तरीके, जो आपको 2025 में Financial Fraud से बचा सकते हैं।
Financial Fraud से बचने के लिए डीपफेक टेक्नोलॉजी को पहचानें
डीपफेक तकनीक से बनाए गए फर्जी वीडियो और ऑडियो का शिकार लोग तेजी से हो रहे हैं। इनसे बचाव के लिए:
असामान्य व्यवहार पर गौर करें। यदि कोई करीबी व्यक्ति अचानक पैसों की मांग करे, तो वीडियो कॉल या आमने-सामने मिलकर वेरिफाई करें।
वीडियो डिटेल्स जैसे चेहरे की हलचल, आवाज में गड़बड़ी, और पृष्ठभूमि की असमानता का निरीक्षण करें।
बड़े लेन-देन से पहले दोस्तों या रिश्तेदारों से व्यक्तिगत पुष्टि जरूर करें।
- ये भी पढ़ें Fixed Deposits vs Mutual Funds: 2025 में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) vs म्यूचुअल फंड्स: कौन सा निवेश सही है?
Financial Fraud से बचने के लिए फर्जी कॉल्स और एसएमएस से बचाव
बैंक, सरकार, या किसी भी वित्तीय संस्था से जुड़ी कॉल्स पर ओटीपी, पासवर्ड, या अकाउंट डिटेल्स साझा न करें।
फर्जी कॉल्स की पहचान के लिए कॉलर आईडी ऐप्स (जैसे Truecaller) का इस्तेमाल करें।
किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें और संदिग्ध मैसेज को तुरंत रिपोर्ट करें।
बायोमेट्रिक अथेंटिकेशन का उपयोग
अपने डिजिटल वॉलेट्स (PhonePe, Google Pay, Paytm) में फिंगरप्रिंट या फेस आईडी जैसे बायोमेट्रिक सुरक्षा उपाय सेट करें।
ड्यूल-फैक्टर अथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें ताकि सिर्फ एक पासवर्ड से कोई एक्सेस न कर सके।
किसी भी ऐप को केवल अधिकृत ऐप स्टोर से ही इंस्टॉल करें।
मजबूत पासवर्ड और पासकीज का उपयोग
पासवर्ड में अक्षर, अंक, विशेष चिन्ह का मिश्रण रखें।
हर अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड बनाएं और नयमित रूप से अपडेट करें।
पासकीज (Passkeys) का इस्तेमाल करें, जो कि पासवर्ड से ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
बैंकिंग अलर्ट्स और लिमिट सेटिंग
अपने बैंकिंग ऐप्स में SMS और ईमेल अलर्ट्स ऑन करें, ताकि हर लेन-देन की जानकारी मिलती रहे।
डिजिटल वॉलेट्स और बैंक अकाउंट्स में ट्रांजैक्शन लिमिट सेट करें ताकि बड़े फ्रॉड को रोका जा सके।
संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत बैंक या संबंधित प्लेटफॉर्म से संपर्क करें।
RBI की नई गाइडलाइन्स को समझें
अकाउंट फ्रीज प्रोसेस: Financial Fraud का शक होते ही तुरंत बैंक को सूचित करें। बैंक आपके अकाउंट को अस्थायी रूप से फ्रीज कर सकता है।
60 मिनट की रिपोर्टिंग विंडो: फ्रॉड रिपोर्ट करने के लिए 60 मिनट के अंदर एक्शन लें ताकि नुकसान की भरपाई की संभावना बढ़े।
RBI की डिजिटल फ्रॉड रिपोर्टिंग पोर्टल का इस्तेमाल करें।
पब्लिक वाई-फाई से सावधान रहें
पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क पर बैंकिंग या कोई भी महत्वपूर्ण ट्रांजैक्शन न करें।
VPN (Virtual Private Network) का उपयोग करके अपने डेटा को सुरक्षित रखें।
किसी भी संदिग्ध नेटवर्क से बचें और मोबाइल डेटा का प्रयोग करें।
फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स से बचाव
केवल अधिकृत ऐप स्टोर्स (Google Play Store, Apple App Store) से ही ऐप्स डाउनलोड करें।
वेबसाइट पर ट्रांजैक्शन करने से पहले सुनिश्चित करें कि URL “https://” से शुरू हो।
किसी भी ऐप या वेबसाइट की रिव्यू और रेटिंग्स को पढ़ें।
सोशल मीडिया पर जानकारी सीमित रखें
पर्सनल जानकारी (जैसे जन्मतिथि, पता, फोन नंबर) को सोशल मीडिया पर शेयर न करें।
अनजाने फ्रेंड रिक्वेस्ट्स को स्वीकार करने से बचें।
सोशल मीडिया पर मिली किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
रेगुलर साइबर सिक्योरिटी अपडेट्स
अपने मोबाइल, कंप्यूटर और ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें।
पुरानी और संदिग्ध ऐप्स को तुरंत डिलीट करें।
एंड्रॉयड और iOS के नए सिक्योरिटी पैच का लाभ उठाएं।
डिजिटल इंश्योरेंस का लाभ उठाएं
साइबर फ्रॉड इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर अपने वित्तीय नुकसान को कवर करें।
इंश्योरेंस कवर में फ्रॉड डिटेक्शन, लीगल सहायता, और लॉस रिकवरी शामिल होती है।
साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस बढ़ाएं
समय-समय पर साइबर सिक्योरिटी सेमिनार में भाग लें।
अपने परिवार और दोस्तों को भी इस बारे में जागरूक करें।
RBI और CERT-IN (Computer Emergency Response Team India) की गाइडलाइन्स को फॉलो करें।
साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राहुल वर्मा का कहना है:
“2025 में Financial Fraud के तरीके और भी एडवांस हो गए हैं। डीपफेक, फिशिंग, और बायोमेट्रिक बायपास जैसी घटनाएं अब आम हो रही हैं। इसलिए जरूरी है कि लोग तकनीकी उपायों के साथ-साथ सतर्कता और जागरूकता को भी प्राथमिकता दें।“
“हर किसी को यह समझना होगा कि साइबर सुरक्षा एक सतत प्रक्रिया है। लेन-देन करते समय सोच-समझकर कदम उठाएं और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि को नजरअंदाज न करें।“
निष्कर्ष:
डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहना सिर्फ तकनीक पर निर्भर नहीं है, बल्कि जागरूकता, सतर्कता, और सही कदमों पर भी निर्भर करता है। ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप खुद को Financial Fraud से सुरक्षित रख सकते हैं।
याद रखें: सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!
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