New Search Engine Comet Kya hai: इंटरनेट सर्च की दुनिया में गूगल के तीन दशक के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए एक भारतीय स्टार्टअप Perplexity तेजी से तैयारी कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में 50 करोड़ डॉलर (लगभग 4,400 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाकर अपना वैल्यूएशन 14 अरब डॉलर (1.20 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचा दिया है।
Comet Search Engine kB launch hoga: इसके साथ ही, यह स्टार्टअप जल्द ही अपना AI-आधारित ब्राउज़र ‘कॉमेट’ लॉन्च करने वाला है, जो गूगल क्रोम को सीधी टक्कर देगा।
क्या है ‘Comet‘ ब्राउज़र की खासियत?
Perplexity का लक्ष्य पारंपरिक सर्च इंजन का मॉडल बदलना है। मौजूदा सिस्टम में यूजर्स को सवालों के जवाब में वेबसाइट लिंक मिलते हैं, लेकिन ‘कॉमेट’ AI का इस्तेमाल करते हुए सीधे संक्षिप्त और सटीक जवाब देगा। इस ब्राउज़र में एजेंटिक AI तकनीक शामिल होगी, जो यूजर्स के लिए रिसर्च, डेटा विश्लेषण, और यहां तक कि सोशल मीडिया पर ऑटो-रिस्पॉन्स जैसे काम भी कर सकेगी।
कंपनी के संस्थापक अरविंद श्रीनिवास के अनुसार, “यह इंटरनेट ब्राउज़िंग के भविष्य को नई दिशा देगा, जहां AI यूजर्स की जटिल जरूरतों को समझेगा।”
दिग्गज निवेशकों ने दिया भरोसा
इस प्रोजेक्ट को दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों और विशेषज्ञों का समर्थन मिला है। फंडिंग राउंड में Nvidia, सॉफ्टबैंक का Vision Fund 2, अमेजन के जेफ बेजोस, OpenAI के आंद्रेज कारपेथी, और मेटा के Yann LeCun जैसे नाम शामिल हैं। यह निवेशक Perplexity को इंटरनेट सर्च की दुनिया में ‘गेम-चेंजर’ मान रहे हैं।
गूगल के लिए क्यों है चुनौती?
AI-फर्स्ट अप्रोच: Perplexity का प्लेटफॉर्म ChatGPT और DeepSeek जैसे एडवांस्ड AI मॉडल्स से जुड़ा है, जो रियल-टाइम में डेटा अपडेट कर सटीक जवाब देता है।
स्पीड और सिम्प्लिसिटी: यूजर्स को लंबे आर्टिकल पढ़ने की बजाय त्वरित उत्तर मिलेंगे, जिनमें स्रोतों के लिंक भी होंगे।
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ऑटोमेशन: कॉमेट ब्राउज़र यूजर की आदतों को समझकर रिपीट टास्क्स को ऑटोमेट करेगा, जैसे ईमेल रिस्पॉन्स या डेटा संग्रह।
Comet Search Engine आने से क्या होगा असर?
गूगल पहले से ही अमेरिका में प्रतिस्पर्धा-विरोधी मुकदमों का सामना कर रहा है। ऐसे में, Perplexity जैसे नवाचारी स्टार्टअप्स के उभरने से सर्च इंजन बाजार में बड़ा बदलाव आ सकता है। कंपनी का दावा है कि उनका AI-मॉडल गोपनीयता को प्राथमिकता देते हुए यूजर्स को विज्ञापन-मुक्त अनुभव प्रदान करेगा।
आगे की राह Comet और Google के लिए:
Perplexity की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह AI की शक्ति को इंटरनेट ब्राउज़िंग के साथ कितनी सहजता से जोड़ पाता है। अगर ‘कॉमेट’ अपने वादों पर खरा उतरता है, तो Google को अपने सर्च अल्गोरिदम और क्रोम ब्राउज़र में बड़े बदलाव करने पड़ सकते हैं।
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