Major Prajakta Desai Story’ : यहां से किया ग्रेजुएशन, BPO में किया काम, फिर ऐसे बनीं Army Officer    

Army Officer Major Prajakta Desai Story’: कहते हैं, बचपन में इंसान कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जिसे किसी भी रूप में ढाला जा सकता है। मेजर प्राजक्ता देसाई की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। बचपन में 8 साल की उम्र में फिल्म बॉर्डर देखने के बाद उनके मन में सेना में जाने का सपना जागा।

Major Prajakta Desai Story' : यहां से किया ग्रेजुएशन, BPO में किया काम, फिर ऐसे बनीं Army Officer    
Major Prajakta Desai Story’ : बचपन का सपना जो बन गया हकीकत

हालांकि, अन्य लड़कियों की तरह उनका झुकाव भी ब्यूटी कॉम्पटीशन की ओर था, लेकिन जल्द ही उन्होंने सेना में जाने का अपना लक्ष्य तय कर लिया। इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने एयर-विंग एनसीसी जॉइन कर ली।

शिक्षा और शुरुआती संघर्ष

Indian Army Story: प्राजक्ता ने मुंबई विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। उनकी मां भी एनसीसी कैडेट रह चुकी थीं, जिनसे प्रेरणा लेकर उन्होंने एनसीसी से जुड़ने का फैसला किया। वर्ष 2009 में उन्होंने सीडीएस (कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज) परीक्षा दी। एसएसबी इंटरव्यू और मेडिकल प्रक्रिया के बाद उनकी रैंक 21 थी, लेकिन केवल 10 सीटें थीं। यह जानकर उनका सपना अधूरा सा लगने लगा।

 

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इसी दौरान परिवार की आर्थिक मदद के लिए उन्होंने एक बीपीओ में काम करना शुरू कर दिया। किस्मत ने उनका साथ दिया, और कुछ समय बाद सीटें बढ़कर 23-24 तक पहुंच गईं। इसके बाद उनका चयन ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) चेन्नई के लिए हो गया। वहां की एक साल की कड़ी ट्रेनिंग ने उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को पूरी तरह बदल दिया। पासिंग आउट परेड के दौरान उनके माता-पिता का गर्वित चेहरा उनके लिए सबसे खास पल था।

सेना में करियर

2011 में कमीशन मिलने के बाद मेजर प्राजक्ता ने भारतीय सेना के एयर डिफेंस विभाग में अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद उनका ट्रांसफर आर्मी एविएशन कॉर्प्स में हुआ, जहां उन्होंने नौ साल तक काम किया। वह एक प्रशिक्षित पर्वतारोही, स्काईडाइवर और हॉट एयर बैलून पायलट हैं। साथ ही उन्होंने माइक्रोलाइट और सेल प्लेन उड़ाने का अनुभव भी हासिल किया।

Major Prajakta Desai की ऐतिहासिक उपलब्धि

2019 में मेजर प्राजक्ता ने भारतीय सेना में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) ऑब्जर्वर पायलट बनने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा भी, जो सेना में अपना करियर बनाना चाहती हैं।

Major Prajakta Desai की कहानी यह बताती है कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। उनकी यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को जीना चाहता है।

Shah Shivangi

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