Indian Woman Grandmaster Tania Sachdev: भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर तानिया सचदेव ने दिल्ली सरकार पर उनके खेल प्रदर्शन की अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शतरंज जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल में भारत का नाम रोशन करने के बावजूद उन्हें
और उनकी टीम को राज्य सरकार से कोई प्रशंसा या मान्यता नहीं मिली।उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
ओलंपियाड में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बावजूद अनदेखी
Tania Sachdev ने बताया कि भारत की महिला टीम ने 2022 के शतरंज ओलंपियाड में कांस्य पदक और 2024 में बुडापेस्ट में आयोजित 45वें चेस ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीता। यह जीतें न केवल भारतीय शतरंज के लिए, बल्कि महिला खेलों के लिए भी ऐतिहासिक थीं। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इन उपलब्धियों को नजरअंदाज कर दिया।
तानिया ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अन्य राज्यों में खिलाड़ियों को प्रदर्शन के बाद सम्मानित किया जाता है और प्रोत्साहन दिया जाता है, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।
Having played for India since 2008 It’s disheartening to see a lack of recognition from the Delhi government for achievements in chess. States that support and celebrate their champions, directly inspire excellence and motivate talent. Sadly, Delhi has yet to take this step
In…
— Tania Sachdev (@TaniaSachdev) December 23, 2024
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की प्रतिक्रिया
तानिया के आरोपों का जवाब देते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा खिलाड़ियों का समर्थन करती आई है। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार विशेष रूप से स्कूलों और युवाओं के बीच खेलों को बढ़ावा देने में सक्रिय है। मैं तानिया से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहती हूं और शतरंज के खेल के लिए उनके सुझावों को सुनने के लिए उत्सुक हूं। मेरा ऑफिस उनसे जल्द संपर्क करेगा।”
भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन: पुरुष और महिला टीमों ने किया कमाल
सितंबर 2024 में बुडापेस्ट में आयोजित 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। पहली बार भारत की पुरुष और महिला दोनों टीमों ने स्वर्ण पदक जीता।
पुरुष वर्ग में स्वर्ण पदक
पुरुष टीम में डी गुकेश, अर्जुन इरिगैसी और आर प्रज्ञानानंद शामिल थे। डी गुकेश और अर्जुन ने अपने-अपने मैचों में जीत दर्ज की, जिससे भारत को मजबूत बढ़त मिली। निर्णायक मुकाबले में प्रज्ञानानंद ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया।
महिला वर्ग में भी इतिहास रचा
महिला टीम में हरिका द्रोणावली, आर वैशाली, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव शामिल थीं। हरिका, दिव्या और वंतिका ने अपने-अपने मैच जीते, जबकि वैशाली ने मैच ड्रॉ कराकर टीम के लिए महत्वपूर्ण अंक जोड़े। तानिया ने भी टीम में अपनी भूमिका निभाई और स्वर्ण पदक जीतने में अहम योगदान दिया।
खिलाड़ियों की उपेक्षा पर Tania Sachdev का आक्रोश
तानिया सचदेव ने कहा कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन को पहचानना और सम्मानित करना न केवल उनका मनोबल बढ़ाता है, बल्कि युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का यह रवैया निराशाजनक है।
क्या होगा दिल्ली सरकार का अगला कदम?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली सरकार तानिया सचदेव की बातों को कितनी गंभीरता से लेती है। आतिशी द्वारा दिए गए बयान से उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार शतरंज और अन्य खेलों के लिए बेहतर योजनाएं बनाएगी और खिलाड़ियों को उनका हक दिया जाएगा।
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