Generation Beta Baby: ⁠मिजोरम में हुआ भारत के पहले जेन बीटा बच्चे का जन्म, जानें कैसा हो सकता व्यक्तित्व और करियर

Generation Beta Baby : भारत में ‘जेनरेशन बीटा’ के पहले बच्चे का जन्म 1 जनवरी 2025 को मिजोरम के आइजोल स्थित सिनॉड अस्पताल में हुआ। यह बच्चा 12:03 बजे रात पैदा हुआ, और इसका नाम फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग रखा गया। बच्चे के पिता का नाम जेड्डी रेमरुअत्संगा और मां का नाम रामजिरमावी है।

Generation Beta Baby: ⁠मिजोरम में हुआ भारत के पहले जेन बीटा बच्चे का जन्म, जानें कैसा हो सकता व्यक्तित्व और करियर

जेनरेशन बीटा की शुरुआत

1 जनवरी 2025 से ‘जेनरेशन बीटा’ की शुरुआत मानी जा रही है। इससे पहले 2013 से 2024 के बीच पैदा हुए बच्चों को ‘जेनरेशन अल्फा’ कहा गया, जो हाईस्पीड इंटरनेट के साथ बड़ी हुई पीढ़ी थी। उससे पहले 1995 से 2012 के बीच जन्मे बच्चे ‘जेनरेशन जेड’ कहलाए, जिनकी पहचान वैश्विक कनेक्टिविटी से जुड़ी रही।

जेनरेशन बीटा क्या है?

Generation Beta Baby‘ उस पीढ़ी को कहा जाएगा जो तकनीकी सुविधाओं के चरम पर जन्मी है। इनके लिए हर सुविधा सिर्फ एक क्लिक की दूरी पर होगी। होम डिलीवरी, इंटरनेट और अन्य डिजिटल सेवाएं इनकी जिंदगी का हिस्सा बनेंगी। यह शब्द समाजविज्ञानी मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा है, जिनके अनुसार 2025 से 2039 के बीच का समय तकनीकी दृष्टि से बेहद अहम होगा।

पीढ़ियों का नामकरण और इतिहास

समाजविज्ञानियों के अनुसार, हर पीढ़ी का नामकरण उसके दौर की सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी परिस्थितियों के आधार पर होता है।

ग्रेटेस्ट जेनरेशन (1901-1924): महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध की चुनौतियों से गुजरने वाली पीढ़ी।

साइलेंट जेनरेशन (1925-1945): महामंदी और युद्ध के बाद की कठिनाइयों से जूझने वाली मेहनती पीढ़ी।

Generation Beta Baby की चुनौतियां और खूबियां

‘जेनरेशन बीटा’ के बच्चे तकनीकी रूप से अत्यधिक सक्षम होंगे और हर नई तकनीक का इस्तेमाल आसानी से कर सकेंगे। हालांकि, इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे:

बढ़ता पर्यावरणीय तापमान

शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि

जलवायु परिवर्तन

इन बच्चों को इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अधिक जागरूक, मिलनसार और लचीला स्वभाव अपनाना होगा। हालांकि, इनकी तकनीकी क्षमता मजबूत होगी, लेकिन शारीरिक रूप से ये पिछली पीढ़ियों की तुलना में कमजोर हो सकते हैं।

निष्कर्ष

Generation Beta Baby का भविष्य की तकनीकी संभावनाओं और नई चुनौतियों की कहानी है। यह पीढ़ी एक ऐसी दुनिया में कदम रखेगी, जहां तकनीक के साथ-साथ जीवन की जटिलताएं भी बढ़ेंगी।

Ankit

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