DRDO Baba Kumbh Mela: डीआरडीओ की नौकरी छोड़ क्यों पहुंचे हिमालय, कठिन तपस्‍या के बाद महाकुंभ में बन गए महामंडलेश्वर

DRDO Baba Kaun hai : महाकुंभ के आयोजन में इस बार कई अनोखे और खास संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। हाल ही में IIT बाबा अपनी शिक्षा और योग्यता के कारण चर्चा में थे।

DRDO Baba Kumbh Mela: डीआरडीओ की नौकरी छोड़ क्यों पहुंचे हिमालय, कठिन तपस्‍या के बाद महाकुंभ में बन गए महामंडलेश्वर
DRDO Baba News Mhakumbh

अब एक और संत, जिन्होंने डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) की सरकारी नौकरी छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग अपनाया, सुर्खियों में हैं।

29 साल की उम्र में बने महामंडलेश्वर

उत्तराखंड में जन्मे संत स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि वह 10 साल पहले सन्यास ले चुके हैं। केवल 29 साल की उम्र में महामंडलेश्वर बनाए गए स्वरूपानंद महाराज ने कहा कि यह सब उनके गुरु की कृपा से संभव हुआ। उन्होंने योग की शिक्षा योगी आनंद महाराज से ली, जो कानपुर के निवासी हैं।

साथ ही, उन्होंने वेदांत और सन्यास की दीक्षा भी प्राप्त की। उन्होंने बताया, “जीवन का असली लक्ष्य अपने स्वरूप की प्राप्ति करना है। खुद को जानना ही जीवन का सार है। इसी संदेश को फैलाने के लिए भारत में योग और अध्यात्म का प्रचार करूंगा।”

संसारिक जीवन छोड़कर आत्ममंथन का मार्ग

संत स्वरूपानंद यानी DRDO Baba ने डीआरडीओ की नौकरी छोड़कर हिमाचल में कठिन तपस्या की और आत्ममंथन के माध्यम से आध्यात्मिक जीवन को अपनाया। उन्होंने कहा, “संसारिक जीवन से मोहभंग होने के बाद ही मैं अध्यात्म की ओर बढ़ा। जीवन का उद्देश्य सांसारिक सुखों से परे है।”

DRDO Baba महाकुंभ में अन्य चर्चित संत

महाकुंभ में संतों की अद्भुत कहानियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं। हाल ही में IIT बाबा अभय सिंह, जो हरियाणा के रहने वाले हैं, भी चर्चा में रहे। उन्होंने विदेश में नौकरी छोड़कर अध्यात्म का मार्ग अपनाया। इसी तरह भोपाल की मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया भी सुर्खियों में आई थीं, लेकिन सोशल मीडिया पर हो रहे विरोध के कारण उन्हें महाकुंभ छोड़ना पड़ा।

एक अन्य नाम है सिद्ध पीठ हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज का, जो पिछले 28 वर्षों से अन्न का त्याग कर चुके हैं। उनका मानना है कि संन्यास के बाद उन्होंने अन्न ग्रहण करना छोड़ दिया। इसके अलावा, वानी नंदन नियति जी महाराज भी अपने ज्ञान और शिक्षा के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने एमए, एमफिल और पीएचडी तक की पढ़ाई की और फिर आध्यात्मिक जीवन को अपनाया।

महाकुंभ में देश-विदेश के अनेक संत, योगी, और आस्थावान भक्त अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस दिव्य आयोजन में भाग ले रहे हैं।

Ankit

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