‘ये ब्रेस्ट हैं, संतरे नहीं…’, Delhi Metro में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता विज्ञापन हुआ विवाद , DMRC ने लिया एक्शन

Delhi Metro Viral poster : दिल्ली मेट्रो ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता विज्ञापन विवाद पर लेख का पुनर्लेखन। दिल्ली मेट्रो में एक ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता विज्ञापन ने हाल ही में काफी विवाद खड़ा कर दिया है। इस विज्ञापन में ब्रेस्ट को संतरे से तुलना करने के कारण लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे अश्लील करार दिया है।

‘ये ब्रेस्ट हैं, संतरे नहीं…’, Delhi Metro में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता विज्ञापन हुआ विवाद , DMRC ने लिया एक्शन
Image Credit by:Hindustan Times

Delhi Metro विज्ञापन का क्या था मामला?

यूवीकैन फाउंडेशन ने महिलाओं में होने वाली ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एआई-जनरेटेड एक विज्ञापन जारी किया। जिसमें महिलाओं को संतरे पकड़े हुए दिखाया गया है और साथ में यह लिखा था कि, “हर महीने अपने संतरे की जांच करें।” इस विज्ञापन का उद्देश्य था कि महिलाएं अपने स्तनों की नियमित जांच करें, लेकिन यह विज्ञापन लोगों को नागवार गुजरा।

Delhi Metro विज्ञापन पर क्यों हुआ विवाद?

शरीर के अंगों का अपमान: कई लोगों का मानना है कि शरीर के अंगों को फलों से तुलना करना अपमानजनक है और यह महिलाओं के शरीर के प्रति एक गलत नजरिए को दर्शाता है।

संवेदनशील विषय का हल्का बनाना: ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इस विषय को हल्के में लेना अनुचित है।

सांस्कृतिक संवेदनशीलता: भारतीय समाज में अभी भी स्तनों के बारे में खुलकर बात करने में संकोच होता है। इस तरह के विज्ञापन इस संवेदनशीलता को नजरअंदाज करते हैं।

सोशल मीडिया पर उठे सवाल

सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन के खिलाफ काफी आक्रोश देखा गया। लोगों ने Delhi Metro, डीएमआरसी को टैग करते हुए इस विज्ञापन को हटाने की मांग की। कई महिलाओं ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन से उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है और यह महिलाओं के प्रति सम्मान का अभाव दर्शाता है।

फाउंडेशन का पक्ष

यूवीकैन फाउंडेशन की ट्रस्टी पूनम नंदा ने इस विज्ञापन का बचाव करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना था और अगर इस विज्ञापन के कारण एक भी महिला की जान बच जाती है तो यह सार्थक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में स्तनों के बारे में खुलकर बात करने में लोग असहज महसूस करते हैं।

डीएमआरसी का एक्शन

लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए Delhi Metro ने इस विज्ञापन को हटाने का फैसला किया है।

निष्कर्ष

यह मामला हमें जागरूकता अभियानों को डिजाइन करते समय सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सम्मान का ध्यान रखने की याद दिलाता है। हालांकि ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि यह संदेश एक संवेदनशील तरीके से दिया जाए।

Katyani Thakur

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