Breast Pump Side Effects: क्या आप जानती हैं ब्रेस्ट पंप के ये नुकसान? वर्किंग महिलाओं के लिए जरूरी जानकारी

Breast Pump Side Effects in Hindi: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में जब काम और मातृत्व को एकसाथ संभालना चुनौती बन जाता है, तो ब्रेस्ट पंप एक बेहद काम आने वाला साधन बनकर उभरा है। खासकर वर्किंग महिलाओं के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। इसकी मदद से महिलाएं अपने दूध को सुरक्षित रख सकती हैं और जरूरत के समय बच्चे को पिला सकती हैं।

Breast Pump Side Effects: क्या आप जानती हैं ब्रेस्ट पंप के ये नुकसान? वर्किंग महिलाओं के लिए जरूरी जानकारी
Image Credit by Freepic (Breast Pump से दूध कम क्यों होता है)

Working Women Breastfeeding Tips: हालांकि, जितनी आसानी ब्रेस्ट पंप लाता है, उतनी ही अनदेखी इसके साइड इफेक्ट्स की भी होती है। आज PowersMind News पर हम बात कर रहे हैं ब्रेस्ट पंप के संभावित नुकसानों की, ताकि महिलाएं इसका इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरत सकें।

1.Breast Pump से दूध की सप्लाई कम हो सकती है

शिशु के सीधे स्तनपान और ब्रेस्ट पंप से दूध खींचने की प्रक्रिया अलग होती है। बच्चे का निप्पल चूसना शरीर में ऑक्सिटॉसिन हार्मोन को सक्रिय करता है, जिससे दूध का उत्पादन बढ़ता है। लेकिन ब्रेस्ट पंप इस प्रक्रिया को पूरी तरह से कॉपी नहीं कर पाता। इसके ज़्यादा इस्तेमाल से दूध की मात्रा में कमी आ सकती है।

WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now

2.Breast Pump से निप्पल और टिश्यू डैमेज का खतरा

Breast Pump से निप्पल और टिश्यू डैमेज का खतरा

गलत सेटिंग्स पर पंप का इस्तेमाल या ज़रूरत से ज़्यादा पंपिंग करने से निप्पल में खिंचाव, दर्द और टिश्यू डैमेज की शिकायत हो सकती है। मैन्युअल पंप से भी हाथों और स्तनों में थकान और सूजन हो सकती है। कई बार गांठ भी बन जाती है जो इलाज की ज़रूरत बना सकती है।

3. Breast Pump से ब्रेस्ट लटकने की समस्या

इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप स्तन से दूध तेजी से खींचता है, जो समय की बचत तो करता है, लेकिन बार-बार इसका इस्तेमाल करने से स्तनों में ढीलापन आ सकता है। साथ ही, इससे दर्द, सूजन और रैशेज़ की समस्या भी हो सकती है, जो स्तन स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

4. Breast Pump से शिशु हो सकता है कंफ्यूज

ब्रेस्ट पंप से निकाला गया दूध बोतल से दिया जाता है, और बोतल की निप्पल से दूध पीने में बच्चे को अलग तकनीक अपनानी होती है। जब कभी स्तनपान और कभी बोतल का उपयोग होता है, तो बच्चा कंफ्यूज हो सकता है और सही तरह से स्तनपान नहीं कर पाता। कई बार इससे बच्चा निप्पल को ज़ोर से खींचने लगता है।

5. दूध के पोषक तत्वों में हो सकती है कमी

हालांकि मां का दूध ब्रेस्ट पंप से निकलने के बाद भी पोषक होता है, लेकिन बार-बार स्टोरिंग, गर्म करने और पंप को साफ़ करने में लापरवाही होने से दूध में पोषण की मात्रा कम हो सकती है। अगर पंप ठीक से स्टरलाइज न किया जाए तो उसमें बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जो दूध को दूषित कर देते हैं और इससे बच्चा बीमार पड़ सकता है।

पहली बार ब्रेस्ट पंप इस्तेमाल कर रही हैं? ये ज़रूर करें

अगर आप पहली बार Breast Pump इस्तेमाल करने जा रही हैं, तो पहले अपने डॉक्टर या स्तनपान विशेषज्ञ से परामर्श लें। वे आपको यह बता सकते हैं कि दूध की सप्लाई को कैसे बनाए रखा जाए और पंप को कितनी बार, कैसे और कब इस्तेमाल करना सही रहेगा।

अंतिम सलाह

ब्रेस्ट पंप आधुनिक मातृत्व का एक बड़ा सहारा है, लेकिन इसका सही जानकारी और सावधानी के साथ इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है। अगर आप इसके संभावित साइड इफेक्ट्स को समझकर आगे बढ़ेंगी, तो यह अनुभव और भी सुरक्षित और लाभकारी हो जाएगा।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी मेडिकल सलाह या निर्णय से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

Katyani Thakur
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top