Shardiya Navratri 2025: नवरात्र का नाम सुनते ही हर किसी के मन में भक्ति, उत्साह और देवी के प्रति श्रद्धा जाग उठती है। आम धारणा है कि नवरात्र केवल आश्विन मास और चैत्र मास में ही मनाया जाता है, लेकिन सच तो यह है कि साल में चार बार नवरात्र मनाए जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्र के ये चार पर्व हैं: चैत्र, आषाढ़, आश्विन (शारदीय) और माघ मास। चैत्र और शारदीय नवरात्र पूरे देशभर में बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली: जबकि आषाढ़ और माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है, जिन्हें साधना और ध्यान के लिए खास माना जाता है।
1️⃣ चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri)
साल की पहली नवरात्र चैत्र मास में आती है (मार्च-अप्रैल)। इसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाता है।
इस नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा कर साल भर की खुशहाली और सफलता की कामना की जाती है।
नवरात्र के अंत में रामनवमी मनाई जाती है, क्योंकि इसी समय भगवान राम का जन्म हुआ था।
इस नवरात्र में व्रत रखे जाते हैं, घर-घर पूजा होती है और नए कार्यों की शुरुआत के लिए इसे बहुत शुभ माना जाता है।
2️⃣ गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri)
दूसरी नवरात्र आषाढ़ मास में होती है (जून-जुलाई)। इसे गुप्त नवरात्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान पूजा और साधना सार्वजनिक रूप से नहीं की जाती, बल्कि साधक गुप्त रूप से तांत्रिक और आध्यात्मिक साधना करते हैं।
इस समय की साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
भक्त मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की उपासना करते हैं।
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3️⃣ शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri)
तीसरी और सबसे लोकप्रिय नवरात्र आश्विन मास (सितंबर-अक्टूबर) में आती है। इसे पूरे भारत में सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव माना जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी समय मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था।
शारदीय नवरात्र के दौरान भारत के अलग-अलग हिस्सों में उत्सव अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है:
बंगाल और असम में दुर्गा पूजा
गुजरात में गरबा और डांडिया
उत्तर भारत में रामलीला और दशहरा
इस दौरान भक्त नौ दिनों तक देवी की आराधना करते हैं, पंडाल सजते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
4️⃣ माघ मास की गुप्त नवरात्र (Magh Maas Gupt Navratri)
साल की चौथी नवरात्र माघ मास में आती है। इसे भी गुप्त नवरात्र कहा जाता है।
यह नवरात्र भव्य रूप से नहीं मनाई जाती, लेकिन साधना और तपस्या का विशेष महत्व होता है।
भक्त इस समय व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की आराधना करते हैं।
साल में चार नवरात्र क्यों मनाए जाते हैं?
हर नवरात्र का समय ऋतु और मौसम परिवर्तन से जुड़ा है।
चैत्र और आश्विन (वसंत और शरद ऋतु) में प्रकृति में ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए यह भक्ति और नई शुरुआत के लिए उत्तम समय माना जाता है।
माघ और आषाढ़ की गुप्त नवरात्र ध्यान, साधना और आध्यात्मिक विकास का अवसर देती हैं।
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